मुंबई
मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के पास मिले विस्फोटक और धमकी भरे पत्र मामले की जांच कर रहे मौजूदा पुलिस अधिकारी जगह अब नए वरिष्ठ अधिकारी को जांच का जिम्मा दिया गया है। अब तक इस मामले की जांच एपीआई सचिन वझे (Sachin Vajhe) कर रहे थे। सचिन वझे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं और मुंबई के चर्चित पुलिस अधिकारियों में से हैं। हालांकि अब इस मामले की जांच असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस नितिन अलकनूरे (Nitin Alaknoore) को दी गई है। अलकनूरे भी मुंबई पुलिस (Mumbai police) के तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों में से एक हैं। पुलिस के सूत्रों के अनुसार पुलिस के आला अधिकारी मौजूदा जांच से खुश नहीं थे। इस वजह से जांच अधिकारी को बदला गया है। हालांकि पुलिस इसे रूटीन केस ट्रांसफर बता रही है। जानकारी के मुताबिक इस मामले के कई दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस इसको डिटेक्ट नहीं कर पाई है। इसे भी केस ट्रांसफर की एक बड़ी वजह माना जा रहा है। अलकनूरे पूर्व सीपी राकेश मारिया के करीबी भी माने जाते हैं।
मुंबई पुलिस के साथ अन्य एजेंसी जांच में जुटी
इस मामले की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के अलावा (Maharashtra ATS) महाराष्ट्र एटीएस, आईबी और एनआईए की टीम कर रही है। पुलिस फिलहाल उस आरोपी को तलाशने में जुटी हुई है जो इनोवा कार से ठाणे की तरफ भागा था। पुलिस को शक है कि यह कार भिवंडी से चुराई गई हो सकती है। सीसीटीवी (CCTV) की जांच पर पुलिस को पता चला है कि इनोवा कार की नंबर प्लेट को गांवदेवी से लेकर मुलुंड चेक नाका के बीच में दो बार बदला भी गया था। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में किसी टेरर ग्रुप के शामिल होने के बाद से इनकार किया है।
...यह केवल एक मजाक था'
मुंबई पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटक के साथ वाहन पार्क करने की जिम्मेदारी लेने वाला पत्र फर्जी प्रतीत होता है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। रविवार को टेलीग्राम ऐप पर डाले गए पत्र में ‘जैश उल हिंद’ नामक संगठन ने वाहन पार्क करने की जिम्मेदारी ली थी। पुलिस ने बताया कि उसी दिन शाम को एक और पत्र सामने आया था जिसमें एक समूह ने दावा किया था कि वह ‘असली’ जैश उल हिंद है और उसने पहला वाला संदेश नहीं भेजा था और अंबानी के घर के बाहर मिले वाहन से कोई लेनादेना नहीं है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा को जांच में कुछ नहीं मिला था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह केवल एक मजाक था।
मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के पास मिले विस्फोटक और धमकी भरे पत्र मामले की जांच कर रहे मौजूदा पुलिस अधिकारी जगह अब नए वरिष्ठ अधिकारी को जांच का जिम्मा दिया गया है। अब तक इस मामले की जांच एपीआई सचिन वझे (Sachin Vajhe) कर रहे थे। सचिन वझे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं और मुंबई के चर्चित पुलिस अधिकारियों में से हैं। हालांकि अब इस मामले की जांच असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस नितिन अलकनूरे (Nitin Alaknoore) को दी गई है। अलकनूरे भी मुंबई पुलिस (Mumbai police) के तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों में से एक हैं।
मुंबई पुलिस के साथ अन्य एजेंसी जांच में जुटी
इस मामले की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के अलावा (Maharashtra ATS) महाराष्ट्र एटीएस, आईबी और एनआईए की टीम कर रही है। पुलिस फिलहाल उस आरोपी को तलाशने में जुटी हुई है जो इनोवा कार से ठाणे की तरफ भागा था। पुलिस को शक है कि यह कार भिवंडी से चुराई गई हो सकती है। सीसीटीवी (CCTV) की जांच पर पुलिस को पता चला है कि इनोवा कार की नंबर प्लेट को गांवदेवी से लेकर मुलुंड चेक नाका के बीच में दो बार बदला भी गया था। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में किसी टेरर ग्रुप के शामिल होने के बाद से इनकार किया है।
...यह केवल एक मजाक था'
मुंबई पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट विस्फोटक के साथ वाहन पार्क करने की जिम्मेदारी लेने वाला पत्र फर्जी प्रतीत होता है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। रविवार को टेलीग्राम ऐप पर डाले गए पत्र में ‘जैश उल हिंद’ नामक संगठन ने वाहन पार्क करने की जिम्मेदारी ली थी। पुलिस ने बताया कि उसी दिन शाम को एक और पत्र सामने आया था जिसमें एक समूह ने दावा किया था कि वह ‘असली’ जैश उल हिंद है और उसने पहला वाला संदेश नहीं भेजा था और अंबानी के घर के बाहर मिले वाहन से कोई लेनादेना नहीं है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा को जांच में कुछ नहीं मिला था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह केवल एक मजाक था।