मुंबई
चार साल पहले शीना बोरा के कत्ल के दो दिन बाद पीटर मुखर्जी लंदन से मुंबई आए थे और चार दिन बाद इंद्राणी के साथ गोवा चले गए थे। उस दौर में पीटर के मोबाइल पर शीना के नंबर से आई एक तथाकथित कॉल काफी बड़ी बहस का हिस्सा रही थी, जिसमें कहा गया था- जीजू तुम कैसे हो? पीटर अभी तक कहते रहे कि वह समझे यह शीना का कॉल है, इसलिए वह मानकर चल रहे थे कि शीना जिंदा है। उन्होंने सीबीआई कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक अपनी जमानत अर्जी में इस तथाकथित कॉल का कई बार जिक्र किया था। उन्होंने सभी कोर्ट में अपने वकीलों के जरिए कहा था कि यह कॉल इंद्राणी ने अपनी सेक्रेटरी काजोल शर्मा से शीना के नाम से करवाया था, जिसे वह शीना की आवाज समझ बैठे थे।
शुक्रवार को दायर सप्लीमेंटरी चार्जशीट में सीबीआई ने दावा किया कि काजोल ने पीटर को शीना के नाम से उस दिन कॉल किया ही नहीं था। पीटर झूठ बोल रहे हैं। सीबीआई के अनुसार, पीटर काजोल की आवाज अच्छे से पहचानते हैं, क्योंकि वह उनकी कंपनी में लंबे समय तक सेक्रेटरी रही है। दरअसल, शीना का मोबाइल इंद्राणी के पास था। इंद्राणी ने वह कॉल शीना के नंबर से किया था। सीबीआई का कहना है कि यह सब पीटर की जानकारी और उनकी सहमति से किया गया था, ताकि बाद में सबको बताया जा सके कि शीना जिंदा है।
जिस दिन शीना का कत्ल हुआ, उस दिन उसके भाई मिखेल के भी मर्डर की साजिश रची गई थी। मिखेल ने सीबीआई को विस्तार से बताया कि वह किस तरह उस दिन जिंदा बच पाया था। लेकिन बावजूद इसके इंद्राणी मिखेल को शीना के खिलाफ कत्ल से पहले यूज करती रही। 8 मार्च, 2012 को इंद्राणी ने एक एसएमएस मिखेल को टाइप करके भेजा था और इसे शीना को फॉरवर्ड करने को कहा था। इस एसएमएस में मिखेल के नाम से धमकी दी गई थी कि यदि शीना राहुल से संबंध नहीं तोड़ेगी, तो उसे गुवाहाटी की पैतृक प्रॉपर्टी से वंचित कर दिया जाएगा।
उस दौर में शीना जब अपनी सहेली संजना की शादी में गोहावटी आई थी, तो उसने मिखेल से अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। इस पर मिखेल ने उससे कहा था कि उसने जो कुछ भी किया, वह इंद्राणी के कहने पर ही किया। मिखेल का दावा है कि उसे पता नहीं था कि उसकी बहन का कत्ल कर दिया गया है। 23 अप्रैल, 2012 के बाद उसके पास हालांकि शीना का कोई कॉल नहीं आया था, पर उसके पास शीना के नाम से दो ई-मेल जरूर आए थे। इन ई-मेल के आने के बारे में इंद्राणी ने मिखेल को अडवांस में बता दिया था।
इस केस में अब शनिवार को सभी आरोपियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम कर दिए जाएंगे। पीटर, इंद्राणी, संजीव खन्ना के अलावा सीबीआई ने ड्राइवर श्याम राय को भी गिरफ्तार किया था, पर बाद में ड्राइवर को अप्रूवर बना दिया गया।