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बेटी का पीछा छोड़ने को कहने पर स्टॉकर ने पीटा, ब्रेन हेमरेज से पिता की मौत

पनवेल में रहने वाली एक 18 वर्षीय लड़की को पिछले डेढ़ साल से एक युवक परेशान कर रहा था। लड़की के पिता ने उसे कई बार चेतावनी दी, पर वह नहीं सुधरा। 14 नवंबर को उसने पीड़िता के पिता को पीटा, जिससे कि वह बेहोश हो गए। उन्हें फिर कभी होश नहीं आया और शुक्रवार को डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 20 Nov 2016, 12:32 pm
सचिन हरालकर/अलका धूपकर, मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम stalker hits father of 18 year old girl to death
बेटी का पीछा छोड़ने को कहने पर स्टॉकर ने पीटा, ब्रेन हेमरेज से पिता की मौत

पनवेल के एक कॉलेज में पढ़ने वाली 18 साल की छात्रा को पिछले 1 साल से एक युवक परेशान कर रहा था। लड़की के पिता ने जब उसे डांटा, तो आरोपी युवक ने उन्हें पीटा। चोट के कारण वह बेहोश हो गए और फिर कभी होश में नहीं लौट सके। घटना के 4 दिन बाद शुक्रवार को उनकी मौत हो गई।

छात्रा के 53 वर्षीय पिता सदाशिव कंचन की ब्रेन हेमरेज से मौत हुई। 14 नवंबर को रायगड जिले के पोयांड शहर की एक भीड़भाड़ वाली सड़क पर अभिषेक भट्टाचार्य नाम के युवक ने सदाशिव को पीटा था। अभिषेक की पिटाई के कारण सदाशिव वहीं बेहोश हो गए थे। उस दिन के बाद सदाशिव को कभी होश नहीं आया और शुक्रवार को डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्हें इलाज के लिए नेरुल स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था।


आरोपी अभिषेक पहले पीड़ित परिवार के पड़ोस में रहता था...

आरोपी का नाम अभिषेक है। उसकी उम्र 25 साल है और 2 महीने पहले तक वह लीबिया में मकैनिकल इंजिनियर की नौकरी कर रहा था। डेढ़ साल से भी ज्यादा समय तक वह सदाशिव की बेटी को ऑनलाइन तंग करता रहा। छात्रा ने उससे कई बार अपना पीछा छोड़ने के लिए भी कहा। यहां तक कि उसने अपना फोन नंबर भी बदल लिया। फिर भी अभिषेक उसे परेशान करता रहा। वह मुंबई में रह रहे अपने दोस्तों से छात्रा के बारे में पता लगा लेता था। सदाशिव का परिवार इससे पहले पोयांड इलाके में रहता था। उस समय अभिषेक उनका पड़ोसी था। 2 महीने पहले अभिषेक लीबिया से भारत लौट आया और रोजाना जब पीड़िता घर से निकलती, तब वह उसका पीछा करता। पीड़िता ने इस बारे में अपने परिवार को बताया और सदाशिव ने अभिषेक के माता-पिता से शिकायत की। इसके बावजूद अभिषेक अपनी हरकतों से बाज नहीं आया।

हारकर सदाशिव ने पुलिस में शिकायत करने का फैसला किया। 14 नवंबर को अभिषेक उन्हें दिख गया और उन्होंने आखिरी बार उसे चेतावनी देने का फैसला किया। बदले में अभिषेक ने उन्हें बुरी तरह से पीटा और कई बार उनके सिर पर वार किया। घटना के समय वहां मौजूद सदाशिव के पड़ोसी ने पीड़िता और उसकी मां को मौके पर बुलाया और सदाशिव को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने में मदद की। हालत बिगड़ने के कारण सदाशिव को पहले अलीबाग स्थित सरकारी अस्पताल और फिर नेरुल के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पीड़िता अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। उसने बताया कि उसकी मां सदमे में हैं, लेकिन इसके बावजूद वह पूरे मामले को आगे ले जाने की भरसक कोशिश कर रही है। फोन पर बात करते हुए उसने हमारे संवाददाता को बताया, 'ऐसे समय में घर पर अपनी मां के साथ रहने और अभिषेक को गिरफ्तार करवाकर सजा दिलाने की जरूरतों के बीच मैं पिस गई हूं। हमारा परिवार काफी खुशहाल था। उसने सबकुछ बर्बाद कर दिया।'

सदाशिव को जिस दिन मृत घोषित किया गया, उसके ठीक एक दिन पहले ही पीड़िता ने अपना 18वां जन्मदिन मनाया था। उसने बताया, 'जब उसने मेरा पीछा करना और मुझे तंग करना शुरू किया, तब मैं नाबालिग थी। मेरी हिफाजत करने के लिए मेरे पिता ने हरसंभव कोशिश की और आखिरकार अपनी जान भी दे दी। अपनी रिपोर्ट में आप मेरे पिता की तस्वीर के साथ-साथ अभिषेक की तस्वीर भी लगाना। मैं चाहती हूं कि पूरी दुनिया को पता चले कि उसने क्या किया है। उसने जो किया, उसकी सजा उसे मिलनी ही चाहिए।'

पोयांड पुलिस ने शनिवार को अभिषेक को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसपर मामला दर्ज हो गया है। सोमवार को उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। सहायक पुलिस इंस्पेक्टर धरमराज सोंके ने बताया, 'हम उसका बयान दर्ज कर रहे हैं। हमने उसपर बुरी तरह से जख्मी करने का आरोप लगाया है। हम उसके ऊपर गैर-इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज करेंगे।'

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