मुंबई
महाराष्ट्र सरकार के मेडिकल एजुकेशन एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट की तरफ से एक अहम बयान सामने आया है। जिसमें यह बताया गया है कि बीते 48 दिनों में कोरोना महामारी से मरने वाले लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। बाकी बचे हुए 32 प्रतिशत लोगों ने या तो दोनों डोज़ लगवाई है या फिर सिंगल डोज़। यह आंकड़ा महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में भर्ती मरीजों का है। महाराष्ट्र में बीते 1 दिसंबर से लेकर 17 जनवरी के दरमियान आठ सौ सात कोरोना मरीजों की मौत हुई है। यह आंकड़ा सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर जारी किया गया है। नए मामलों में तेज रफ्तार से गिरावट
मुंबई समेत महाराष्ट्र में कोरोना के नए मामलों में तेज रफ्तार से गिरावट देखी जा रही है। आंकड़ों में दिन ब दिन हो रही कमी की वजह से यह भी कहा जा रहा है कि तीसरी लहर का असर अब कम होता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि इस मामले विशेषज्ञ की राय क्या है आखिर क्यों कम हो रहे हैं कोरोना के मामले? इस पर नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की टीम ने महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. गौतम भंसाली से बातचीत की।
उनके मुताबिक जिस तरह से कोरोना मामलों की रफ्तार बढ़ रही थी उसे देख कर यह कहा जा रहा था कि महाराष्ट्र और मुंबई 15 जनवरी तक कोरोना अपने पीक पर पहुंच जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी 31 जनवरी तक कोरोना के मामले मुंबई और राज्य में लगभग खत्म हो जायेगें।
देश में बढ़ेंगे मामले
डॉ. भंसाली ने बताया कि मुंबई और महाराष्ट्र में कोरोना मामलों के कम होने के साथ में इनका प्रभाव देश के अन्य राज्यों में दिखाई पड़ेगा। धीरे-धीरे वहां पर भी कोरोना की तीसरी लहर का पीक आएगा। इसके साथ ही वहां कोरोना मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जाएगी। जैसा ट्रेंड हाल फिलहाल में मुंबई और महाराष्ट्र में देखा गया है।
कोविड मामलों के घटने की वजह
1) डॉ. गौतम भंसाली ने बताया कि कोरोना मामलों के घटने की सबसे अहम वजह यह है कि राज्य सरकार ने समय रहते हाई रिस्क देशों से आने वाले लोगों पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। साथ ही जरूरत पड़ने पर उन्हें आइसोलेट भी किया गया था।
2) कोरोना के मामले घटने की एक वजह यह भी है कि राज्य सरकार, मुंबई समेत महाराष्ट्र में तेज रफ्तार से टीकाकरण अभियान को चला रही है ताकि हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जा सके।
3) कोरोना महामारी की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए लोगों ने भी कोरोना नियमों का पालन शुरू किया है।
4) कोरोना के केसेस के घटने की एक वजह यह भी है कि फिलहाल लोगों की टेस्टिंग भी कम की जा रही है। पहले तकरीबन दो लाख नमूनों की जांच होती थी जबकि अब लगभग डेढ़ लाख लोगों की जांच की जा रही है।
5) महाराष्ट्र और मुंबई में फिलहाल कोरोना टेस्ट करवाने के लिए मनाही नहीं है। हालांकि बीएमसी या अन्य निकायों ने असिम्प्टोमैटिक मरीजों की टेस्टिंग की दर कुछ कम की है। क्योंकि हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर ठीक हो जा रहे हैं।
महाराष्ट्र सरकार के मेडिकल एजुकेशन एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट की तरफ से एक अहम बयान सामने आया है। जिसमें यह बताया गया है कि बीते 48 दिनों में कोरोना महामारी से मरने वाले लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। बाकी बचे हुए 32 प्रतिशत लोगों ने या तो दोनों डोज़ लगवाई है या फिर सिंगल डोज़। यह आंकड़ा महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में भर्ती मरीजों का है। महाराष्ट्र में बीते 1 दिसंबर से लेकर 17 जनवरी के दरमियान आठ सौ सात कोरोना मरीजों की मौत हुई है। यह आंकड़ा सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर जारी किया गया है।
मुंबई समेत महाराष्ट्र में कोरोना के नए मामलों में तेज रफ्तार से गिरावट देखी जा रही है। आंकड़ों में दिन ब दिन हो रही कमी की वजह से यह भी कहा जा रहा है कि तीसरी लहर का असर अब कम होता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि इस मामले विशेषज्ञ की राय क्या है आखिर क्यों कम हो रहे हैं कोरोना के मामले? इस पर नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की टीम ने महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. गौतम भंसाली से बातचीत की।
उनके मुताबिक जिस तरह से कोरोना मामलों की रफ्तार बढ़ रही थी उसे देख कर यह कहा जा रहा था कि महाराष्ट्र और मुंबई 15 जनवरी तक कोरोना अपने पीक पर पहुंच जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी 31 जनवरी तक कोरोना के मामले मुंबई और राज्य में लगभग खत्म हो जायेगें।
देश में बढ़ेंगे मामले
डॉ. भंसाली ने बताया कि मुंबई और महाराष्ट्र में कोरोना मामलों के कम होने के साथ में इनका प्रभाव देश के अन्य राज्यों में दिखाई पड़ेगा। धीरे-धीरे वहां पर भी कोरोना की तीसरी लहर का पीक आएगा। इसके साथ ही वहां कोरोना मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जाएगी। जैसा ट्रेंड हाल फिलहाल में मुंबई और महाराष्ट्र में देखा गया है।
कोविड मामलों के घटने की वजह
1) डॉ. गौतम भंसाली ने बताया कि कोरोना मामलों के घटने की सबसे अहम वजह यह है कि राज्य सरकार ने समय रहते हाई रिस्क देशों से आने वाले लोगों पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। साथ ही जरूरत पड़ने पर उन्हें आइसोलेट भी किया गया था।
2) कोरोना के मामले घटने की एक वजह यह भी है कि राज्य सरकार, मुंबई समेत महाराष्ट्र में तेज रफ्तार से टीकाकरण अभियान को चला रही है ताकि हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जा सके।
3) कोरोना महामारी की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए लोगों ने भी कोरोना नियमों का पालन शुरू किया है।
4) कोरोना के केसेस के घटने की एक वजह यह भी है कि फिलहाल लोगों की टेस्टिंग भी कम की जा रही है। पहले तकरीबन दो लाख नमूनों की जांच होती थी जबकि अब लगभग डेढ़ लाख लोगों की जांच की जा रही है।
5) महाराष्ट्र और मुंबई में फिलहाल कोरोना टेस्ट करवाने के लिए मनाही नहीं है। हालांकि बीएमसी या अन्य निकायों ने असिम्प्टोमैटिक मरीजों की टेस्टिंग की दर कुछ कम की है। क्योंकि हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर ठीक हो जा रहे हैं।