प्रमुख संवाददाता, मुंबई पवई तालाब पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद एक बार फिर से बीएमसी ने उसी तालाब के लिए अपनी तिजोरी खोल दी है। इस बार वहां के कीचड़, मिट्टी और बार-बार उगने वाली घास पर अध्ययन करने के लिए 92 लाख रुपये खर्च कर रही है। अध्ययन का यह काम आईआईटी की सिफारिश पर किया जा रहा है। पवई तालाब पर किसी न किसी बहाने बीएमसी पिछले पांच साल में करीब 120 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। इनमें तालाब से कीचड़ निकालकर गहराई बढ़ाने तथा साफ-सफाई के लिए करीब 30 करोड़ रुपये खर्च किया था, जबकि उसी सटे डॉ़ बाबा साहेब आंबेडकर उद्यान के सौंदर्यीकरण पर 60 करोड़ रुपये और तालाब के उद्यान पर 30 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। उस वक्त स्थायी समिति में प्रस्ताव रखा गया, तब तत्कालीन विरोधी पक्ष नेता राजहंस सिंह, बीजेपी के नगरसेवक योगेश सागर, कांग्रेस के नगरसेवक समीर देसाई व अन्य सदस्यों ने यह कहते हुए विरोध किया था कि जल विभाग को पैसा बाग-बगीचों के सौंदर्यीकरण पर खर्च नहीं करना चाहिए, फिर भी शिवसेना ने बहुमत के जोर पर प्रस्ताव मंजूर किया था।कीचड़ निकालने का कारण कब के खत्म हो गए। उसके बाद उसी कीचड़ और घास-फूस के अध्ययन पर बीएमसी 92 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। नगरसेवकों की जानकारी के लिए यह प्रस्ताव गुरुवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में लाया जा रहा है।
पवई तालाब पर फिदा बीएमसी
नवभारतटाइम्स.कॉम 24 Dec 2013, 8:30 am
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