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भारतीय रेलवे का 'स्वर्ण' युग, शताब्दी एक्सप्रेस में जोड़े गए नए कोच

​पश्चिम रेलवे पर हाल ही में शुरू की गई एसी लोकल के बाद अब नए साल की शुरुआत के साथ ही मुंबई और अहमदाबाद के बीच शताब्दी एक्सप्रेस में नए डिजाइन और सुविधाओं वाले कोच बदले गए हैं। 'स्वर्ण परियोजना' के अंतर्गत 1 जनवरी 2018 को यह सुसज्जित रेक अपने पहले सफर पर रवाना हुआ।

नवभारत टाइम्स 2 Jan 2018, 10:58 am
दामोदर व्यास, मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम अंदर से ऐसा दिखता है स्वर्ण कोच
अंदर से ऐसा दिखता है स्वर्ण कोच

पश्चिम रेलवे पर हाल ही में शुरू की गई एसी लोकल के बाद अब नए साल की शुरुआत के साथ ही मुंबई और अहमदाबाद के बीच शताब्दी एक्सप्रेस में नए डिजाइन और सुविधाओं वाले कोच बदले गए हैं। 'स्वर्ण परियोजना' के अंतर्गत 1 जनवरी 2018 को यह सुसज्जित रेक अपने पहले सफर पर रवाना हुआ।

मुंबई डिविजन रेल मैनेजर (डीआरएम) मुकुल जैन ने बताया कि रेलवे मंत्रालय की स्वर्ण परियोजना के अंतर्गत शताब्दी, राजधानी और अगस्त क्रांति जैसी प्रीमियम ट्रेनों का इंटिरियर बदला जा रहा है। प्रत्येक रेक के लिए 50 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं। सोमवार को पहला रेक मुंबई से अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ। भारतीय रेलवे में इससे पहले स्वर्ण कोच जोड़े जा चुके हैं, लेकिन पूरा रेक चलाने में पश्चिम रेलवे ने बाजी मारी है।

मैजिक बॉक्स का जादू
इस ट्रेन के एग्जिक्युटिव क्लास में मैजिक बॉक्स लगाया है। मैजिक बॉक्स में प्री-लोडेड मूवी रहती हैं। मोबाइल के वाई-फाई की सहायता से इससे जुड़कर चुनिंदा फिल्मों में से कोई भी फिल्में देख सकते हैं। इसके अलावा ट्रेन के सभी कोचों में मुंबई की हैरिटेज विरासत को प्रदर्शित करती हुईं तस्वीरें भी लगाई गई है। यात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा के दौरान उपलब्ध संरक्षा और सेवाओं से संबंधित सभी सूचनाओं को एक ही नोटिस बोर्ड में समाहित किया गया है।

टॉइलट कर देंगे खुश
स्वर्ण कोच के टॉइलट पर वाकई मन लगाकर काम किया गया है। शौचालयों में बाथ फिटिंग्स, बेहतर डिजाइन के वॉश बेसिन, सोप और टॉइलेट पेपर डिस्पेंसर, पश्चिमी बनावट के शौचालयों के लिए हाइजीनिक ऑटोमेटिक पर्सनल सीट डिस्पेंसर, दुर्गंध नियंत्रण के लिए ऑटो जेनिटर और फर्श साफ रखने के लिए स्क्रैपर मैटिंग उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा बेहतर टॉइलट पेपर डिस्पेंसर भी उपलब्ध है। कोचों और शौचालयों के लिए व्यक्तिगत फीडबैक के लिए एक क्यूआर आधारित स्मार्ट फीडबैक प्रणाली लगाई गई है।

जल्द ही उपलब्ध होगी 'सुरक्षा'
फिलहाल स्वर्ण कोचों में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाए गए हैं। डीआरएम जैन के अनुसार जल्दी ही पांच कोच में सीसीटीवी कैमरा और डिजिटल विडियो रिकॉर्डर लगाया जाएगा। शताब्दी, राजधानी और अगस्त क्रांति के सभी 125 कोच में सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव बोर्ड में भेजा गया है। गौरतलब है कि राजधानी ट्रेनों में लगातार हुई चोरी की घटनाओं के बाद ट्रेन में सीसीटीवी लगाने का फैसला किया गया था।

पश्चिम रेलवे के मुंबई क्षेत्र के डीआरएम मुकुल जैन ने बताया, 'स्वर्ण कोच के लिए एक रेक तैयार हो चुका है और मार्च 2018 तक सभी कोच तैयार कर लिए जाएंगे।'

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