अनीता शुक्ला, मुंबई
पिछले तीन दशकों से म्हाडा, सिडको के घरों को 'प्री-फेब' पद्धति से बनाकर देने वाली पुणे स्थित बीजी शिर्के कंपनी का यह एकाधिकार अब खत्म होने को है। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सरकारी घरों को बनाने के नियमों में अब बदलाव करके म्हाडा ने बिल्डरों का एक पैनल बनाने की तैयारी की है। इसके लिए म्हाडा ने हाल ही में टेंडर मंगाया था, जिसमें शिर्के समेत 10 अन्य बिल्डरों ने हिस्सा लिया।
अब इन 11 कंपनियों का पैनल तैयार किया जाएगा। इन कंपनियों को म्हाडा समेत अन्य सरकारी कंपनियों के गृहनिर्माण की टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। इसके लिए सिर्फ सरकारी अध्यादेश की प्रतीक्षा की जा रही है।
क्या था पहले का नियम
सूत्रों ने बताया कि कुछ साल पहले 'सिपोरेक्स अर्थात प्री-फेब' की तकनीक का इस्तेमाल करने वाली कंपनी को ही म्हाडा व अन्य सरकारी गृहनिर्माण का ठेका देने का निर्णय किया गया था। उसके अनुसार सबसे ज्यादा अनुभव रखने वाली कंपनी को ही ठेका देने की शर्त के तहत बीजी शिर्के कंपनी को पिछले तीन दशकों से गृहनिर्माण का ठेका दिया जा रहा था। लेकिन शिर्के कंपनी के निर्माण काम के स्तर पर कई बार सवाल उठे और साथ ही म्हाडा व सरकार के पास शिर्कें की शिकायत कई शिकायतें आईं।
निर्माण कार्य शुल्क है ज्यादा
सूत्रों की माने, तो शिर्के का निर्माण शुल्क लगातार बढ़ रहा है। इससे म्हाडा के घरों की कीमत भी बढ़ती जा रही है, और ये सामान्य लोगों के बजट में नहीं आ रही है। इसलिए म्हाडा ने बिल्डरों का एक पैनल तैयार करने की नीति बनाई है।
इन कंपनियों को मिल सकता है मौका
लार्सन ऐंड टुब्रो
एससीसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि.
बीजी शिर्के.कंस्ट्रक्शन टेक्नोलजी.लि.
सिंटेक्स इंफ्रा प्रोजेक्ट. लि.
अल्फरा इंफ्रा प्रोजेक्ट.प्रा.लि.
माड बिल्डिंग इनोवेशन प्रा.लि.
मान इंफ्रा-कंस्ट्रक्शन लि.
मधुर बिल्डवेल प्रा.लि.
मे.ए.बी.वाघ
मे.टुली क्रिएटीव डेवलपर्स प्रा.लि
टीमएज बिल्डर्स प्रा.लि.