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लल‍ित की सफल सर्जरी के बाद अब सेंट जॉर्ज अस्पताल में चलेगी सेक्स चेंज की ‘विशेष’ ओपीडी!

बीड की कॉन्स्टेबल ललिता साल्वे स्त्री से पुरुष बनकर अभी सेंट जॉर्ज अस्पताल से निकली नहीं हैं और इस तरह के ऑपरेशन करवाने के इच्छुक लोगों की कतार लग गई है। सेक्स-चेंज सर्जरी के लिए इस अस्पताल में विशेष ओपीडी की शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।

अखिलेश पांडेय | नवभारत टाइम्स 12 Jun 2018, 2:15 pm
मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम लल‍िता से बने लल‍ित
लल‍िता से बने लल‍ित

बीड की कॉन्स्टेबल ललिता साल्वे स्त्री से पुरुष बनकर अभी सेंट जॉर्ज अस्पताल से निकली नहीं हैं और इस तरह के ऑपरेशन करवाने के इच्छुक लोगों की कतार लग गई है। सूत्रों के अनुसार, लिंग बदलने का ऑपरेशन कराने के लिए इतने लोग सामने आ रहे हैं कि सेक्स-चेंज (जेंडर रीअसाइनमेंट) सर्जरी के लिए इस अस्पताल में बाकायदा एक विशेष ओपीडी की शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।

इस बारे में संबंधित लोगों से विचार-विमर्श किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इसका औपचारिक प्रस्ताव तैयार करके मुंबई में सरकारी अस्पतालों के मुखिया जे.जे. अस्पताल के डीन को सौंपा जाएगा। अगर यह चर्चा फलीभूत होती है तो सेंट जॉर्ज अस्पताल ऐसी ओपीडी संचालित करने वाला राज्य का और देश का पहला अस्पताल बन जाएगा।

6 लोगों ने किया संपर्क

अस्पताल से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ललित की सर्जरी के बाद से ऐसी सर्जरी के लिए हमें लगातार लोगों के फोन आ रहे हैं। इस सर्जरी के लिए आने वाले लोगों को अनुमति देने के लिए अस्पताल में एक टीम भी बनाई जाएगी। बता दें कि ललिता को ललित बनाने की सर्जरी के बाद से सेंट जॉर्ज अस्पताल से 6 लोगों ने ऐसी सर्जरी के लिए संपर्क किया है। इनमें से पांच महिलाएं हैं जो सेक्स चेंज कराकर पुरुष बनना चाहती हैं, जबकि एक पुरुष महिला बनना चाहता है।

अच्छा महसूस कर रहा ललित
ललित की सर्जरी करने वाले अस्पताल के कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. रजत कपूर ने बताया कि सर्जरी के बाद से ललित काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं। उनका स्वास्थ्य रिपोर्ट भी सामान्य है, ऐसे में आज उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। पहली सर्जरी सफल रही, दूसरे चरण की सर्जरी के लिए ललित को तकरीबन 6 महीने बाद फिर से अस्पताल आना होगा। दूसरे चरण की सर्जरी के बाद ललित आम पुरुषों की तरह खड़ा होकर लघुशंका कर सकेंगे।

आइडेंटिटी डिसऑर्डर बनता है सेक्‍स चेंज की वजह
डॉक्टरों के अनुसार, आइडेंटिटी डिसऑर्डर डिस्फोरिया के शिकार मरीजों को उनके लिंग (जन्म से) के विपरीत उनकी सोच और पहनावा होता है, जिन्हें आगे चलकर जेंडर रीअसाइनमेंट सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। सेंट जॉर्ज अस्पताल के व‍र‍िष्‍ठ डॉक्‍टर ने बताया, 'सेक्स चेंज (जेंडर रीअसाइनमेंट) सर्जरी को लेकर अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए हम जल्द ही इसके लिए एक विशेष ओपीडी शुरू करने पर विचार कर रहे हैं।'

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