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रेलवे अस्पताल पर कोरोना का संकट गहराया, कोविड के लिए सभी बेड्स फुल

लॉकडाउन के पहले सप्ताह में ही यहां कोविड के इलाज के लिए 180 बैड उपलब्ध कराए गए, जो मुंबई क्षेत्र में उस समय किसी एक अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध कराई गई सर्वाधिक संख्या थी।

नवभारत टाइम्स 16 Apr 2021, 9:11 am
मुंबई, दामोदर व्यास
नवभारतटाइम्स.कॉम CORONA
कोरोना का संकट गहराया

कोरोना संक्रमण के कारण जो स्थिति राज्य में है, उससे रेलवे भी अछूती नहीं है। मुंबई में रेलवे के सबसे बड़े जगजीवन राम अस्पताल में कोरोना के लिए आरक्षित सभी 150 बेड्स फुल हो चुके हैं। इस अस्पताल में फिलहाल रेलवे कर्मियों का इलाज चल रहा है, जबकि बीएमसी ने रेलवे से इतर लोगों के इलाज के लिए भी प्रशासन से अपील की है।

रेलवे ने जारी की हेल्पलाइन

पश्चिम रेलवे के इस जगजीवन राम अस्पताल में फिलहाल 150 बेड्स और 10 आईसीयू बेड्स कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो पूरे अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित किया जा सकता है। हालत काबू से निकलते हुए देखकर रेलवे ने एक नोट जारी किया है, उसमें लिखा है कि कोरोना मरीज को इलाज के लिए यहां लाने से पहले हेल्पलाइन पर कॉल करके स्थिति का जायजा लें। अस्पताल में बेड नहीं मिलने पर आसपास के कोविड केयर सेंटर में जाना होगा। ये निर्देश फिलहाल रेलवे कर्मचारियों के लिए जारी किए गए हैं।

लॉकडाउन हुआ था सराहनीय काम
पिछले लॉकडाउन में जुलाई के अंत तक इस अस्पताल से 1000 कोरोना मरीज इलाज कराकर लौटे थे। इस अस्पताल का रिकवरी रेट 78 प्रतिशत दर्ज हुआ था, जो पूरे देश के सभी रेलवे अस्पतालों में सबसे अधिक था। लॉकडाउन के पहले सप्ताह में ही यहां कोविड के इलाज के लिए 180 बैड उपलब्ध कराए गए, जो मुंबई क्षेत्र में उस समय किसी एक अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध कराई गई सर्वाधिक संख्या थी।

बढ़ रहा है मरीजों का औसत
जेआरएच में पिछले लॉकडाउन के दौरान कोविड पॉजिटिव मरीजों की औसत भर्ती अवधि 9.4 दिन प्रति मरीज रही। ये आंकड़ा अब कहीं आगे निकल चुका है। कोविड अस्पताल के तौर पर यहां 111 दिनों में कुल 1,638 मरीज भर्ती हुए थे, इनमें से 1,253 मरीज कोविड पॉजिटिव थे, जबकि शेष मरीज कोविड संभावित थे। इलाज के लिए भर्ती किए गए कुल मरीजों में 54% मरीज 50 वर्ष से अधिक आयु के थे। मृतकों की कुल संख्या 118 रही।

वैक्सीन भी और इलाज भी
पिछले लॉकडाउन से अब स्थितियां अलग हैं। जगजीवन राम अस्पताल में रोजाना औसतन 400-450 लोगों का वैक्सीनेशन हो रहा था। 45 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र वालों को जोड़ने के बाद ये आंकड़ा बढ़ा था। अब इस अस्पताल में वैक्सीन, कोविड और सामान्य रोगियों का भी इलाज करना है। डेडिकेटेड नहीं होने से भी प्रशासन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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