भिवंडी
भिवंडी तालुका के अंजुर गांव स्थित खाड़ी के किनारे देशी शराब बनाने के लिए उपयोग किया जाने वाला रसायन खाड़ी में फेंके जाने से हजारों मछलियों की मौत हो गई। इससे खाड़ी से मछली पकड़कर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले मछुआरों का भारी नुकसान हुआ है। रविवार की सुबह मछलियों के मरने की जानकारी मिलते ही खाड़ी के किनारे मछली पकड़ने वाले लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी।
मालूम हो कि रविवार की सुबह अंजुर स्थित खाड़ी में जाल से मछली पकड़ने के लिए जब मछुआरे आए तो देखा कि खाड़ी के किनारे पानी में मछलियां मरकर तैर रही हैं। वहां के मछुआरों ने बताया कि खाड़ी के किनारे भट्ठी पर देशी शराब बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन को खाड़ी में फेंकने के कारण उसके दुष्प्रभाव से मछलियां तड़प-तड़पकर मरी हैं। मछुवारों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि नारपोली पुलिस एवं राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण खाड़ी के किनारे भट्ठी पर देशी शराब बनाई जाती हैं जिसके दूषित रसायन के कारण हजारों की संख्या में मछलियां मर गई हैं।
देशी भट्ठी पर बनाई गई देशी शराब पीने से मरने वालों की संख्या जहां बढ़ती जा रही है। वहीं उसके रसायन से हजारों मछलियां भी मर गईं। बताया जाता है कि भिवंडी के अलीमघर से दिवा-मुंब्रा तक लगभग तीन किलोमीटर तक खाड़ी को मछली पकड़ने के लिए मछुवारों के लिए आरक्षित किया गया है जिसके चलते यहां के सैकड़ों परिवार खाड़ी से जाल द्वारा मछली पकड़कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। बताया जाता है कि खाड़ी के किनारे इस समय दर्जनों देशी शराब बनाने की भट्ठियां चल रही हैं।
भिवंडी तालुका के अंजुर गांव स्थित खाड़ी के किनारे देशी शराब बनाने के लिए उपयोग किया जाने वाला रसायन खाड़ी में फेंके जाने से हजारों मछलियों की मौत हो गई। इससे खाड़ी से मछली पकड़कर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले मछुआरों का भारी नुकसान हुआ है। रविवार की सुबह मछलियों के मरने की जानकारी मिलते ही खाड़ी के किनारे मछली पकड़ने वाले लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी।
मालूम हो कि रविवार की सुबह अंजुर स्थित खाड़ी में जाल से मछली पकड़ने के लिए जब मछुआरे आए तो देखा कि खाड़ी के किनारे पानी में मछलियां मरकर तैर रही हैं। वहां के मछुआरों ने बताया कि खाड़ी के किनारे भट्ठी पर देशी शराब बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन को खाड़ी में फेंकने के कारण उसके दुष्प्रभाव से मछलियां तड़प-तड़पकर मरी हैं। मछुवारों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि नारपोली पुलिस एवं राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण खाड़ी के किनारे भट्ठी पर देशी शराब बनाई जाती हैं जिसके दूषित रसायन के कारण हजारों की संख्या में मछलियां मर गई हैं।
देशी भट्ठी पर बनाई गई देशी शराब पीने से मरने वालों की संख्या जहां बढ़ती जा रही है। वहीं उसके रसायन से हजारों मछलियां भी मर गईं। बताया जाता है कि भिवंडी के अलीमघर से दिवा-मुंब्रा तक लगभग तीन किलोमीटर तक खाड़ी को मछली पकड़ने के लिए मछुवारों के लिए आरक्षित किया गया है जिसके चलते यहां के सैकड़ों परिवार खाड़ी से जाल द्वारा मछली पकड़कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। बताया जाता है कि खाड़ी के किनारे इस समय दर्जनों देशी शराब बनाने की भट्ठियां चल रही हैं।