वाशिंगटन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि हाल ही में लागू हुआ संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) भारत के संविधान तथा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का 'स्पष्ट उल्लंघन' है तथा यह धर्म के आधार पर 'भेदभाव को वैध बनाता है।' भारतीय संसद द्वारा दिसंबर 2019 में पारित नये नागरिकता कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान के सताए गए गैर मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के एशिया प्रशांत एडवोकेसी मैनेजर फ्रांसिस्को बेनकोस्मे ने अफ्रीका, वैश्विक स्वास्थ्य, वैश्विक मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति के समक्ष गवाही के दौरान ये टिप्पणियां की। बेनकोस्मे ने कहा,'भारतीय संसद ने संशोधित नागरिकता कानून पारित किया जो धर्म के आधार पर भेदभाव को वैध बनाता है और भारत के तथा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।'
सीएए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का ‘स्पष्ट उल्लंघन’ : एमनेस्टी
वाशिंगटन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि हाल ही में लागू हुआ संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) भारत के संविधान तथा अंतरराष्ट्रीय ...
नवभारतटाइम्स.कॉम 2 Feb 2020, 8:30 am