मुंबई
मुंबई स्थित डोंगरी में केसरबाई बिल्डिंग हादसे के बाद लोग हादसे के शिकार परिवारों के बारे में बात कर रहे हैं। हालांकि, मुंबई में हजारों परिवार अब भी ऐसी इमारतों में रह रहे हैं, जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकती हैं। इन इमारतों में रहने वाले लोग तमाम चेतावनी के बावजूद घर खाली करने को तैयार नहीं हैं। यहां रहने वाले लोग जान रहे हैं कि उनकी जान को जोखिम है, लेकिन पुनर्वास को लेकर उनके मन में आशंकाएं बनी रहती हैं। बीएमसी के पास मौजूद आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में कुल 499 अतिजर्जर इमारतें हैं, जो कि महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) की सेस इमारतों से अलग हैं। इनमें से 416 निजी हैं, जबकि 75 बीएमसी की हैं। 8 सरकारी इमारतें हैं। 416 निजी इमारतों में से 14 को तोड़ दिया गया है, जबकि 70 इमारतें खाली कराई गई हैं। 166 इमारतों को खाली कराने के मामले में कोर्ट का स्टे है। 61 इमारतों का बिजली-पानी कनेक्शन काट दिया गया है।
पढ़ें: डोंगरी हादसा, 2 तस्वीरें और मलबे में दब गई 'जिंदगी'
बीएमसी की 75 इमारतों में से 8 खाली कराई गई हैं। करीब 400 इमारतों में मौत पर खेलकर अब भी लोग रह रहे हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, एक बिल्डिंग में यदि 20 परिवार भी रह रहे हैं, तो इन जर्जर इमारतों में 8000 परिवारों की जान जोखिम में है। एक परिवार में पांच सदस्यों को जोड़ा जाए तो 40,000 से ज्यादा लोग जर्जर इमारतों में रह रहे हैं। बिल्डिंग खाली कराने को लेकर आंकड़े हर दिन कार्रवाई के अनुसार बदलते रहते हैं।
इमारत को लेकर अभी भी कशमकश
डोंगरी की केसरबाई इमारत के अधिकृत होने की बात बीएमसी प्रशासन की ओर से कही जा रही है। कमिश्नर प्रवीण परदेशी के मुताबिक, 1994 से इमारत से सेस लिया जा रहा है, बिल्डिंग के दो विंग होने के बावजूद प्रॉपर्टी कार्ड एक ही है। ऐसे में, गिरी हुई इमारत की जवाबदेही का सवाल आज भी कायम है।
अवैध निर्माण में मिलीभगत को लेकर उठे सवाल
स्थायी समिति सदस्यों ने बी वॉर्ड में अवैध निर्माण में अधिकारियों की मिलीभगत को लेकर कई सवाल उठे। नगरसेवकों ने इसे दुर्घटना नहीं अधिकारियों की चूक करार दिया। परदेशी ने कहा कि इमारत कब बनाई गई थी, इसकी जानकारी नहीं है लेकिन इसका असेसमेंट बीएमसी की ओर से किया जा रहा था। आश्चर्यजनक रूप से बीएमसी के पास बिल्डिंग का प्लान रेकॉर्ड में नहीं है। नगरसेवकों ने ऐसे में संदेह जताया है। परदेशी ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है।
लोगों को भटका रहा है प्रशासन
नेता प्रतिपक्ष रवि राजा ने कहा कि प्रशासन लोगों को भटका रहा है। बीएमसी अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। बीएमसी अनधिकृत रह रहे लोगों से टैक्स वसूल कैसे कर रही थी? समाजवादी पार्टी के ग्रुप नेता रईस शेख ने कहा कि शहर भर में अनधिकृत निर्माण कार्य पर कार्रवाई के लिए अडिशनल कमिश्नर के नेतृत्व में कमिटी बनाई जाए। अवैध निर्माण की समस्या का हल निकालने के लिए पॉलिसी पर विचार हो।
मुंबई स्थित डोंगरी में केसरबाई बिल्डिंग हादसे के बाद लोग हादसे के शिकार परिवारों के बारे में बात कर रहे हैं। हालांकि, मुंबई में हजारों परिवार अब भी ऐसी इमारतों में रह रहे हैं, जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकती हैं। इन इमारतों में रहने वाले लोग तमाम चेतावनी के बावजूद घर खाली करने को तैयार नहीं हैं। यहां रहने वाले लोग जान रहे हैं कि उनकी जान को जोखिम है, लेकिन पुनर्वास को लेकर उनके मन में आशंकाएं बनी रहती हैं।
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बीएमसी की 75 इमारतों में से 8 खाली कराई गई हैं। करीब 400 इमारतों में मौत पर खेलकर अब भी लोग रह रहे हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, एक बिल्डिंग में यदि 20 परिवार भी रह रहे हैं, तो इन जर्जर इमारतों में 8000 परिवारों की जान जोखिम में है। एक परिवार में पांच सदस्यों को जोड़ा जाए तो 40,000 से ज्यादा लोग जर्जर इमारतों में रह रहे हैं। बिल्डिंग खाली कराने को लेकर आंकड़े हर दिन कार्रवाई के अनुसार बदलते रहते हैं।
इमारत को लेकर अभी भी कशमकश
डोंगरी की केसरबाई इमारत के अधिकृत होने की बात बीएमसी प्रशासन की ओर से कही जा रही है। कमिश्नर प्रवीण परदेशी के मुताबिक, 1994 से इमारत से सेस लिया जा रहा है, बिल्डिंग के दो विंग होने के बावजूद प्रॉपर्टी कार्ड एक ही है। ऐसे में, गिरी हुई इमारत की जवाबदेही का सवाल आज भी कायम है।
अवैध निर्माण में मिलीभगत को लेकर उठे सवाल
स्थायी समिति सदस्यों ने बी वॉर्ड में अवैध निर्माण में अधिकारियों की मिलीभगत को लेकर कई सवाल उठे। नगरसेवकों ने इसे दुर्घटना नहीं अधिकारियों की चूक करार दिया। परदेशी ने कहा कि इमारत कब बनाई गई थी, इसकी जानकारी नहीं है लेकिन इसका असेसमेंट बीएमसी की ओर से किया जा रहा था। आश्चर्यजनक रूप से बीएमसी के पास बिल्डिंग का प्लान रेकॉर्ड में नहीं है। नगरसेवकों ने ऐसे में संदेह जताया है। परदेशी ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है।
लोगों को भटका रहा है प्रशासन
नेता प्रतिपक्ष रवि राजा ने कहा कि प्रशासन लोगों को भटका रहा है। बीएमसी अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। बीएमसी अनधिकृत रह रहे लोगों से टैक्स वसूल कैसे कर रही थी? समाजवादी पार्टी के ग्रुप नेता रईस शेख ने कहा कि शहर भर में अनधिकृत निर्माण कार्य पर कार्रवाई के लिए अडिशनल कमिश्नर के नेतृत्व में कमिटी बनाई जाए। अवैध निर्माण की समस्या का हल निकालने के लिए पॉलिसी पर विचार हो।