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गुजरात के पूर्व DGP पीपी पांडे आरोप मुक्त

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामलाभाषा, अहमदाबादगुजरात में इशरत जहां और तीन अन्य के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व प्रभारी ...

Navbharat Times 22 Feb 2018, 8:30 am

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामला

भाषा, अहमदाबाद

गुजरात में इशरत जहां और तीन अन्य के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व प्रभारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पीपी पांडे को बुधवार को आरोप मुक्त कर दिया। जज जेके पांड्या ने पांडे को आरोप मुक्त करने की अर्जी इस आधार पर स्वीकार कर ली कि इशरत जहां एवं तीन अन्य के अपहरण एवं उनकी हत्या के संबंध में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी और उसने अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के तत्कालीन प्रमुख पांडे पर कथित फर्जी मुठभेड़ में शामिल होने का आरोप लगाया था।

बुधवार को कोर्ट ने कहा कि किसी भी गवाह ने पांडे पर इशरत और उसके साथियों का अपहरण करने और उनकी हत्या करने का आरोप नहीं लगाया। हालांकि, सीबीआई ने यह भी कहा कि गवाहों की गवाही विरोधाभासी है, क्योंकि उन्होंने विभिन्न जांच एजेंसियों के सामने अलग-अलग गवाही दी। सीबीआई कोर्ट के मुताबिक, पांडे सरकारी सेवक थे, लेकिन सीआरपीसी की धारा 197 के अनुसार उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर करने से पहले जांच अधिकारी ने सरकार से उनपर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं ली।

सीबीआई ने 2013 में अपना पहला आरोपपत्र दायर कर आईपीएस अधिकारी पीपी पांडे, डीजी वंजारा और जी एल सिंहल समेत गुजरात पुलिस के 7 अधिकारियों पर नामजद किया था और उनपर अपहरण, हत्या एवं साजिश का आरोप लगाया था। सीबीआई ने चार्जशीट में आईबी के विशेष निदेशक राजिंदर कुमार और अधिकारी एमएस सिन्हा समेत उसके 4 अधिकारियों को नामित किया था, जिस पर केंद्र की मंजूरी का अब भी इंतजार है। गौरतलब है कि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने 15 जून 2004 को शहर के बाहरी इलाके में महाराष्ट्र के मुम्ब्रा की 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा इशरत जहां, उसके दोस्त जावेद शेख उर्फ प्रणेश, जीशान जोहर और अमजद राणा को कथित फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था।

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