मुंबई
मुंबई के कालबादेवी इलाके में 10 साल पहले हुए एक सीए के अपहरणकांड में शुक्रवार को फैसला आ गया है। सेशन कोर्ट ने इस केस में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा पाए आरोपियों रमेश कुमार नायर, गोपोश नायर और कादर शेख पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
इस केस के जांच अधिकारी सुरेश ने एनबीटी को बताया कि सजा पाए आरोपियों में एक उस कंपनी से जुड़ा हुआ था, जिसमें इस आरोपी के अलावा सीए की पत्नी और एक अन्य पार्टनर भी शामिल थे। संयोग से यह कंपनी घाटे में चली गई। इन लोगों ने दूसरी कंपनी शुरू की। उसमें भी घाटा हो गया। बाद में दोनों ही कंपनियां बंद हो गईं। घाटे की वजह से एक आरोपी को सीए की पत्नी को 12 लाख रुपये देना था। उसने करीब पौने पांच लाख रुपये दे भी दे दिए। शेष रकम के लिए वह सीए से वादा करता रहा कि वह इसे भी जल्दी दे देगा। हालांकि सीए ने इस रकम के लिए उस पर कभी दबाव नहीं डाला।
सरप्राइज कॉल
12 दिसंबर, 2008 को इस आरोपी ने कालबादेवी पहुंचने के बाद सीए को सुबह फोन किया और कहा कि तुम्हें सरप्राइज देना है। जब सीए ऑफिस से बाहर आया, तो एक गाड़ी खड़ी हुई थी। आरोपी ने बताया कि यह गाड़ी उसने नई खरीदी है। आज आपको इस पर बैठाकर चूनाभट्टी में आपके घर पहुंचा देते हैं। उस गाड़ी में पहले से दो लोग बैठे हुए थे। गाड़ी में सीए को बैठाने के बाद आरोपियों ने उससे कहा कि पनवेल में मीटिंग है। उसके बाद तुम्हें घर छोड़ेंगे। लेकिन वे पनवेल गए ही नहीं, बल्कि सीए को अगवा कर केरल ले गए। इस बीच आरोपियों ने सीए के जरिए उसकी पत्नी को फोन करवाया कि वह किसी काम से बेंगलुरु आया हुआ है, जल्द ही मुंबई लौटेगा। परिवार एकदम टेंशन फ्री रहा।
1 करोड़ रुपये मांगे
इस बीच आरोपियों ने सीए के एक पार्टनर को फोन कर उससे एक करोड़ रुपये फिरौती में मांगे। बाद में समझौता 25 लाख में फिक्स हुआ। जब यह बात तब के डीसीपी संजय मोहिते को पता चली, तो उन्होंने एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर सरमुकादम से एक विशेष टीम बनाने को कहा। आरोपियों ने इस बीच 16 दिसंबर, 2008 को सीए के पार्टनर को सुबह त्रिवेन्द्रम पहुंचने को कहा।
बाद में उन्होंने पार्टनर से कहा कि त्रिवेन्द्रम नहीं, तुम कोच्चि पहुंचो। पार्टनर फ्लाइट से इन दोनों शहरों में गया लेकिन आरोपी 16 दिसंबर को उसे वहां नहीं मिले। बाद में आरोपियों ने 17 दिसंबर को सीए के पार्टनर को कोच्चि एयरपोर्ट के बाहर आने को कहा। मुंबई पुलिस ने फौरन वहां ट्रैप लगााया और तीन आरोपियों को वहां से गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को जज ने इन तीनों को जिंदगी भर जेल में रहने का आदेश दे दिया।
मुंबई के कालबादेवी इलाके में 10 साल पहले हुए एक सीए के अपहरणकांड में शुक्रवार को फैसला आ गया है। सेशन कोर्ट ने इस केस में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा पाए आरोपियों रमेश कुमार नायर, गोपोश नायर और कादर शेख पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
इस केस के जांच अधिकारी सुरेश ने एनबीटी को बताया कि सजा पाए आरोपियों में एक उस कंपनी से जुड़ा हुआ था, जिसमें इस आरोपी के अलावा सीए की पत्नी और एक अन्य पार्टनर भी शामिल थे। संयोग से यह कंपनी घाटे में चली गई। इन लोगों ने दूसरी कंपनी शुरू की। उसमें भी घाटा हो गया। बाद में दोनों ही कंपनियां बंद हो गईं। घाटे की वजह से एक आरोपी को सीए की पत्नी को 12 लाख रुपये देना था। उसने करीब पौने पांच लाख रुपये दे भी दे दिए। शेष रकम के लिए वह सीए से वादा करता रहा कि वह इसे भी जल्दी दे देगा। हालांकि सीए ने इस रकम के लिए उस पर कभी दबाव नहीं डाला।
सरप्राइज कॉल
12 दिसंबर, 2008 को इस आरोपी ने कालबादेवी पहुंचने के बाद सीए को सुबह फोन किया और कहा कि तुम्हें सरप्राइज देना है। जब सीए ऑफिस से बाहर आया, तो एक गाड़ी खड़ी हुई थी। आरोपी ने बताया कि यह गाड़ी उसने नई खरीदी है। आज आपको इस पर बैठाकर चूनाभट्टी में आपके घर पहुंचा देते हैं। उस गाड़ी में पहले से दो लोग बैठे हुए थे। गाड़ी में सीए को बैठाने के बाद आरोपियों ने उससे कहा कि पनवेल में मीटिंग है। उसके बाद तुम्हें घर छोड़ेंगे। लेकिन वे पनवेल गए ही नहीं, बल्कि सीए को अगवा कर केरल ले गए। इस बीच आरोपियों ने सीए के जरिए उसकी पत्नी को फोन करवाया कि वह किसी काम से बेंगलुरु आया हुआ है, जल्द ही मुंबई लौटेगा। परिवार एकदम टेंशन फ्री रहा।
1 करोड़ रुपये मांगे
इस बीच आरोपियों ने सीए के एक पार्टनर को फोन कर उससे एक करोड़ रुपये फिरौती में मांगे। बाद में समझौता 25 लाख में फिक्स हुआ। जब यह बात तब के डीसीपी संजय मोहिते को पता चली, तो उन्होंने एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर सरमुकादम से एक विशेष टीम बनाने को कहा। आरोपियों ने इस बीच 16 दिसंबर, 2008 को सीए के पार्टनर को सुबह त्रिवेन्द्रम पहुंचने को कहा।
बाद में उन्होंने पार्टनर से कहा कि त्रिवेन्द्रम नहीं, तुम कोच्चि पहुंचो। पार्टनर फ्लाइट से इन दोनों शहरों में गया लेकिन आरोपी 16 दिसंबर को उसे वहां नहीं मिले। बाद में आरोपियों ने 17 दिसंबर को सीए के पार्टनर को कोच्चि एयरपोर्ट के बाहर आने को कहा। मुंबई पुलिस ने फौरन वहां ट्रैप लगााया और तीन आरोपियों को वहां से गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को जज ने इन तीनों को जिंदगी भर जेल में रहने का आदेश दे दिया।