मुंबई
टोल नाकों पर गाड़ियों की लंबी कतारों से निजात दिलाने के लिए जल्द ही नाकों पर फास्ट टैग सेंसर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन की वजह से करीब ढाई महीने से विदेश में अटके सेंसर मुंबई पहुंच गए हैं। एमएसआरडीसी के मुख्य अभियंता शशिकांत सोनटके के अनुसार, आगामी दस दिनों में मुंबई के सभी टोल नाकों पर सेंसर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, शुरुआती चरण में मुंबई के सभी पांच टोल नाकों के दो-दो लेन पर सेंसर लगाए जाएंगे। टोल नाकों पर पीक ऑवर के समय लगने वाली गाड़ियों की कतार को खत्म करने के लिए सरकार ने फास्ट टैग के माध्यम से टोल वसूलने का निर्णय लिया है। एमएसआरडीसी ने अप्रैल तक सभी टोल नाकों पर सेंसर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके लिए थाईलैंड से अत्याधुनिक सेंसर मंगवाए गए थे। लॉकडाउन की वजह से सेंसर मुंबई तक पहुंच नहीं पाए थे। लॉकडाउन में मिली छूट के बाद ढाई महीने बाद सेंसर मुंबई आ गए हैं। जल्द ही सभी आश्यकत कागजी करवाई और टेस्टिंग के बाद सेंसर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि बांद्रा-वर्ली सी लिंक और मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाइवे पर फास्ट टैग लगाने का काम पूरा कर लिया गया है। पर्याप्त संख्या में विदेश से सेंसर नहीं आने की वजह से मुंबई के टोल नाकों पर चरणबद्ध तरीके से सेंसर लगाए जाएंगे।
टोल नाकों पर गाड़ियों की लंबी कतारों से निजात दिलाने के लिए जल्द ही नाकों पर फास्ट टैग सेंसर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन की वजह से करीब ढाई महीने से विदेश में अटके सेंसर मुंबई पहुंच गए हैं। एमएसआरडीसी के मुख्य अभियंता शशिकांत सोनटके के अनुसार, आगामी दस दिनों में मुंबई के सभी टोल नाकों पर सेंसर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, शुरुआती चरण में मुंबई के सभी पांच टोल नाकों के दो-दो लेन पर सेंसर लगाए जाएंगे। टोल नाकों पर पीक ऑवर के समय लगने वाली गाड़ियों की कतार को खत्म करने के लिए सरकार ने फास्ट टैग के माध्यम से टोल वसूलने का निर्णय लिया है। एमएसआरडीसी ने अप्रैल तक सभी टोल नाकों पर सेंसर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके लिए थाईलैंड से अत्याधुनिक सेंसर मंगवाए गए थे। लॉकडाउन की वजह से सेंसर मुंबई तक पहुंच नहीं पाए थे। लॉकडाउन में मिली छूट के बाद ढाई महीने बाद सेंसर मुंबई आ गए हैं। जल्द ही सभी आश्यकत कागजी करवाई और टेस्टिंग के बाद सेंसर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि बांद्रा-वर्ली सी लिंक और मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाइवे पर फास्ट टैग लगाने का काम पूरा कर लिया गया है। पर्याप्त संख्या में विदेश से सेंसर नहीं आने की वजह से मुंबई के टोल नाकों पर चरणबद्ध तरीके से सेंसर लगाए जाएंगे।