मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि भीड़ की हिंसा में मारे गए एक युवक के पिता को वह दस लाख रुपए का मुआवजा देगी। मोहसिन (24) पुणे की एक आईटी फर्म में काम करते थे। दो जून 2014 को भीड़ ने उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। मोहसिन के पिता सादिक शेख ने उच्च न्यायालय से मांग की थी कि जिस योजना के तहत सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा दिया जाता है, उसी के अंतर्गत उन्हें दस लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
मृतक के पिता ने इसमें पांच लाख का मुआवजा केंद्र सरकार से और पांच लाख का मुआवजा राज्य सरकार से दिलवाने का अनुरोध किया था। घटना के वक्त सोशल मीडिया पर छत्रपति शिवाजी महाराज और शिवसेना सुप्रीमो दिवंगत बाल ठाकरे की छेड़छाड़ की गई तस्वीरों के साझा होने के बाद पुणे के हड़पसर इलाके में सांप्रदायिक तनाव के हालात थे। भीड़ ने घर से लौट रहे मोहसिन और उनके दोस्त को रोका। मोहसिन का दोस्त इस दौरान वहां से भागने में सफल रहा जबकि उसकी (मोहिसन की) लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी।
अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता मनीष पाबले ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एनएच पाटिल और न्यायाधीश एम एस कार्निक की पीठ को बताया कि शेख को एक हफ्ते के भीतर मुआवजा राशि प्रदान कर दी जाएगी। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए दो हफ्ते बाद की तारीख तय कर दी साथ ही सरकार से कहा है कि वह हलफनामा दायर कर यह बताए कि मुआवजा अदा किया गया है या नहीं।
महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि भीड़ की हिंसा में मारे गए एक युवक के पिता को वह दस लाख रुपए का मुआवजा देगी। मोहसिन (24) पुणे की एक आईटी फर्म में काम करते थे। दो जून 2014 को भीड़ ने उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। मोहसिन के पिता सादिक शेख ने उच्च न्यायालय से मांग की थी कि जिस योजना के तहत सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा दिया जाता है, उसी के अंतर्गत उन्हें दस लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
मृतक के पिता ने इसमें पांच लाख का मुआवजा केंद्र सरकार से और पांच लाख का मुआवजा राज्य सरकार से दिलवाने का अनुरोध किया था। घटना के वक्त सोशल मीडिया पर छत्रपति शिवाजी महाराज और शिवसेना सुप्रीमो दिवंगत बाल ठाकरे की छेड़छाड़ की गई तस्वीरों के साझा होने के बाद पुणे के हड़पसर इलाके में सांप्रदायिक तनाव के हालात थे। भीड़ ने घर से लौट रहे मोहसिन और उनके दोस्त को रोका। मोहसिन का दोस्त इस दौरान वहां से भागने में सफल रहा जबकि उसकी (मोहिसन की) लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी।
अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता मनीष पाबले ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एनएच पाटिल और न्यायाधीश एम एस कार्निक की पीठ को बताया कि शेख को एक हफ्ते के भीतर मुआवजा राशि प्रदान कर दी जाएगी। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए दो हफ्ते बाद की तारीख तय कर दी साथ ही सरकार से कहा है कि वह हलफनामा दायर कर यह बताए कि मुआवजा अदा किया गया है या नहीं।