मुंबई
महाराष्ट्र में अब सुपर मार्केट और वॉक इन स्टोर्स में शेल्फ-इन-शॉप पद्धति से वाइन की बिक्री होगी। राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को इसकी अनुमति देने का फैसला किया। हालांकि विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि यह सरकार महाराष्ट्र को 'मद्यराष्ट्र' बनाने पर तुली है, इसे सहन नहीं किया जाएगा।
सरकार का तर्क है कि वाइन मूल रूप से अंगूर से बनाई जाती है। राज्य में इन दिनों फलों, फूलों और शहद से भी वाइन बनाई जा रही है। इसीलिए इस फैसले का फायदा राज्य के फलोत्पादकों, खासकर अंगूर उत्पादक किसानों को होगा। उनकी फसल को अच्छे दाम मिलेंगे। राज्य की छोटी वाइनरी, जिनकी मार्केटिंग क्षमता नहीं है, सीधे सुपर मार्केट्स को अपना माल दे सकेंगी।
सीएम ऑफिस ने बयान में क्या कहा?
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि सुपरमार्केट और आस-पड़ोस की दुकानों में अलग स्टॉल आधारित व्यवस्था अपनाई जाएगी। जिनका क्षेत्रफल 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक है और जो महाराष्ट्र की दुकान और प्रतिष्ठान कानून के तहत पंजीकृत हैं, वहां वाइन बेची जा सकेगी।
5000 रुपये में लाइसेंस, कहां अनुमति नहीं
सरकार इसके लिए ई-4 लाइसेंस देगी। इसकी फीस 5000 रुपये सालाना होगी। इससे राज्य को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। साथ ही जो सुपर मार्केट शैक्षणिक और धार्मिक स्थलों के पास होंगे या शराबबंदी वाले जिलों में होंगे, वहां यह आदेश लागू नहीं होगा।
बिक्री की शर्तें
- वाइन सील पैक बोतलों में बेची जा सकेगी
- इसे तालाबंद अलमारियों में रखना होगा
- शराब पीने के FL XC लाइसेंस वाले ही खरीद सकेंगे