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मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश को झोपड़ीमुक्त करने का संकल्प लिया है। इसके तहत ठाणे की खतरनाक व पुरानी इमारतों का पुनर्विकास करने के लिए लागू की गई कलस्टर योजना (समूह विकास) को मुंबई की झोपड़पट्टियों में भी लागू करने का विचार सरकारी स्तर पर किया जा रहा है। गृहनिर्माण विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, झोपड़पट्टियों के सर्वेक्षण का काम पूरा होने के बाद मुंबई की झोपड़पट्टियों को कलस्टर योजना में शामिल करने की नीतियां तय की जाएंगी।
झोपड़पट्टियों के विकास काम की मंजूरी मिलती है देरी से
गौरतलब है कि मुंबई स्थित झोपड़पट्टियों का पुनर्वसन करने के लिए म्हाडा और बीएमसी से मंजूरी लेने के लिए काफी समय लग जाता है। साथ ही बिल्डरों में स्पर्धा और एसआरए योजना में घोटाले के कारण झोपड़पट्टियों का पुनर्विकास सालों-साल अटका रहता है, जिसे टालने के लिए सरकार द्वारा ठाणे समेत मुंबई के झोपड़पट्टियों का भी एकत्रित पुनर्विकास करने का विचार किया जा रहा है।
जारी है झोपड़पट्टियों का सर्वे
मुंबई में निजी, बीएमसी और सरकारी भूखंड पर बसी हुई झोपड़पट्टियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। यह काम पूरा होने के बाद मुंबई स्थित झोपड़पट्टियों के पुनर्विकास को गति देने के लिए मौजूदा योजना में आवश्यकतानुसार बदलाव किया जाएगा, ताकि मुंबई की झोपड़पट्टियों को कलस्टर योजना में शामिल किया जा सकें।
2022 तक सभी को घर देने का संकल्प
गौरतलब है कि झोपड़ी मुक्त शहर के साथ-साथ सरकार ने साल 2022 तक सभी को घर देने का संकल्प लिया है। इसके तहत सरकार ने मुंबई में आम लोगों के लिए उनके बजट में आने वाले घरों को बनाने की तैयारी की है, ताकि मुंबई में हर वर्ग के लिए घर उपलब्ध हो सकें।
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अल्प उत्पन्न विभाग के लिए 300 स्क्वेयर फीट का घर
गृहनिर्माण मंत्री प्रकाश मेहता ने बताया कि मुंबई में आम लोगों को भी घर मिले, इसके लिए सरकार द्वारा निम्न आय वर्ग तथा निम्न मध्य आय वर्ग में आने वाले लोगों के लिए 300 से 400 स्क्वेयर फीट का घर बनाने का विचार किया जा रहा है।