- सामाजिक भेदभाव के खत्म करने की नई पहल
- मोहित कंबोज सरनेम त्याग बने मोहित भारतीय
प्रसं, मुंबई : भारतीय समाज से गहरी पैठ बना चुके जातिवाद, प्रांतवाद और भाषावाद जैसी बुराइयों को जड़ से उखाड़ फेंकने की अपील करते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा, मुंबई के अध्यक्ष मोहित भारतीय ने युवाओं के साथ जाति, प्रांत और भाषा के नाम पर होने वाले भेद-भाव के खिलाफ नई मुहिम की शुरुआत की।
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोहित ने अपना सरनेम कंबोज त्याग कर नाम के साथ 'भारतीय' जोड़ दिया और 'मोहित कंबोज' से 'मोहित भारतीय' हो गए। इसके साथ ही मोहित ने 'प्राउड भारतीय फाउंडेशन' नाम से एक ट्रस्ट की भी स्थापना की और मार्वे रोड, मालाड के आतुरता फाउंडेशन अनाथ आश्रम के 35 बच्चों की आगे की संपूर्ण शिक्षा खर्च वहन करने की घोषणा की। ये बच्चे चाहे जितनी पढ़ाई करेंगे, वे डॉक्टर, इंजिनियर, वैज्ञानिक या नौकरशाह जो भी बनना चाहेंगे, उनकी शिक्षा खर्च प्राउड भारतीय फाउंडेशन वहन करेगा।
मोहित ने कहा कि देश का हर नागरिक सबसे पहले भारतीय है, बाद में वह किसी जाति, भाषा, प्रांत या धर्म का है, लेकिन हालत यह है कि देश का प्रतिभाशाली युवा तरह तरह के 'वाद' के मकड़जाल में फंसकर देश के प्रति अपने कर्तव्य से विमुख होता जा रहा है। 'वाद' के रूप में पूरे देश में फैली यह बुराई देश के युवओं के विकास में सबसे बड़ी बाधा बन रही है।
प्राउड भारतीय फाउंडेशन का उद्देश्य लोगों को जाति और संप्रदाय से ऊपर उठकर देश से अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित करना है। मोहित भारतीय ने अपने नाम बदलने के बारे तर्क देते हुए कहा, मैं इस अभियान को लेकर कितना गंभीर हूं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि सबसे पहले मैंने ही अपने ही सरनेम का परित्याग करके इस अभियान का श्रीगणेश किया है। देश में भेदभाव खत्म करने की दिशा में मेरा यह एक कठोर संकल्प और मेरे सरनेम का परित्याग करना दूसरे देशवासियों को इस अभियान पर गंभीरता से विचार करने के लिए प्रेरित करेगा।
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"भेदभाव भारत की सबसे बड़ी बुराई है, जो उसे महानता हासिल करने से रोक रही है। इसका हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है।
- मोहित भारतीय
साथ में फोटो Mohit_Children