मुंबई
बच्चों में बढ़ते मोटापा, डायबीटीज और दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए महाराष्ट्र फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने 'द ईट राइट मूवमेंट' की शुरुआत की है। इसके तहत राज्य के एक लाख से अधिक स्कूल और कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि उनके कैंटीन में बनने वाले खाद्य पदार्थ हेल्दी हों। साथ ही कैंटीन में फल, दाल और दूध से बने उत्पादों को अधिक से अधिक शामिल किया जाए। 7 जून को मनाए जाने वाले 'वर्ल्ड फूड सैफ्टी डे' से पहले प्रशासन ने स्कूल-कॉलेजों के खाने की गुणवत्ता सुधारने के लिए कमर कस ली है। एफडीए के अनुसार, कैंटीन में ज्यादातर प्रॉसेस्ड फूड, फास्ट फूड जैसे खाने वाली चीजें ही मिलती हैं। इसे एचएफएसएस यानी हाई फैट, हाई शुगर, हाई सॉल्ट के नाम से जाना जाता है। इनके लगातार सेवन से हाइपरटेंशन, शुगर, मोटापा जैसी बीमारियों की संभावना बढ़ती है। इन्ही बातों को ध्यान में रखकर 'द ईट राइट मूमवेंट' की शुरुआत की गई है।
6 महीने का समय दिया
कैंटीन को बेहतर खाद्य पदार्थों के बारे में जागरूक करने और वहां हेल्दी फूड रखने के लिए प्रशासन ने 6 महीने का समय दिया है। इसके तहत स्कूल- कॉलेज वालों को कैंटीन वालों के साथ बैठकर न केवल बेहतर मेन्यू तैयार करना है, बल्कि एक ऐसी टीम भी तैयार करनी है, जो खाने की क्वालिटी और उसमें इस्तेमाल एचएफएसएस की मात्रा पर भी नजर रखे। एक अधिकारी ने बताया कि हमने राज्यभर के एक लाख से अधिक स्कूल कॉलेज के कैंटीन वालों को निर्देश दे दिया है। जुलाई तक उन्हें मेन्यू तैयार करना है।
पैरेंट्स बनेंगे हिस्साकैंटीन वालों को हेल्दी फूड बनाने के बारे में जागरूक करने के साथ ही पैरेंट्स को भी जागरूक किया जाएगा। एक बार फूड का मेन्यू तैयार होने के बाद उसे पैरेंट्स संग भी साझा किया जाएगा। एक बार इस मूवमेंट की शुरुआत के बाद समय-समय पर एफडीए अधिकारी कॉलेज और स्कूल की कैंटीन का औचक निरीक्षण करेंगे। अगर इस दौरान निर्देश का पालन न करते हुए कोई पाया जाता है, तो उनसे जवाब मांगा जाएगा।
बच्चों में बढ़ते मोटापा, डायबीटीज और दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए महाराष्ट्र फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने 'द ईट राइट मूवमेंट' की शुरुआत की है। इसके तहत राज्य के एक लाख से अधिक स्कूल और कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि उनके कैंटीन में बनने वाले खाद्य पदार्थ हेल्दी हों। साथ ही कैंटीन में फल, दाल और दूध से बने उत्पादों को अधिक से अधिक शामिल किया जाए।
फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरटी ऑफ इंडिया और कोर्ट के आदेश के मद्देनजर हमने स्कूल-कॉलेजों को उनके कैंटीन में हेल्दी मेन्यू रखने का निर्देश दिया है। खाने के कारण बच्चों में होने वाली बीमारियां चिंतनीय है, इसलिए ऐसा कदम उठाया जा रहा है।
6 महीने का समय दिया
कैंटीन को बेहतर खाद्य पदार्थों के बारे में जागरूक करने और वहां हेल्दी फूड रखने के लिए प्रशासन ने 6 महीने का समय दिया है। इसके तहत स्कूल- कॉलेज वालों को कैंटीन वालों के साथ बैठकर न केवल बेहतर मेन्यू तैयार करना है, बल्कि एक ऐसी टीम भी तैयार करनी है, जो खाने की क्वालिटी और उसमें इस्तेमाल एचएफएसएस की मात्रा पर भी नजर रखे। एक अधिकारी ने बताया कि हमने राज्यभर के एक लाख से अधिक स्कूल कॉलेज के कैंटीन वालों को निर्देश दे दिया है। जुलाई तक उन्हें मेन्यू तैयार करना है।
पैरेंट्स बनेंगे हिस्साकैंटीन वालों को हेल्दी फूड बनाने के बारे में जागरूक करने के साथ ही पैरेंट्स को भी जागरूक किया जाएगा। एक बार फूड का मेन्यू तैयार होने के बाद उसे पैरेंट्स संग भी साझा किया जाएगा। एक बार इस मूवमेंट की शुरुआत के बाद समय-समय पर एफडीए अधिकारी कॉलेज और स्कूल की कैंटीन का औचक निरीक्षण करेंगे। अगर इस दौरान निर्देश का पालन न करते हुए कोई पाया जाता है, तो उनसे जवाब मांगा जाएगा।