मुंबई
रेलवे में इन दिनों क्या हो रहा है उसकी समझ किसी को भी नहीं है। इसका मुख्य कारण तालमेल की कमी हो सकता है। 13 अगस्त 2017 को तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हरी झंडी दिखाकर मुंबई से पटना के लिए हमसफर और गोरखपुर के लिए अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की थी। आज इन दोनों ट्रेनों को यात्री नहीं मिल रहे हैं जबकि इसी रूट पर जाने वाली सभी ट्रेनों में भीड़ भरी है है।
हाल ही में पश्चिम रेलवे मुंबई मंडल के सूरत स्टेशन पर उत्तर भारत की ओर ट्रेनों को बढ़ाने के लिए उत्तर भारतीय संगठनों की ओर से जबरदस्त आंदोलन किया गया था। संगठनों के मुताबिक सूरत से बिहार और यूपी के लिए ट्रेनें पर्याप्त नहीं हैं लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि अंत्योदय और हमसफर जैसी ट्रेनों खाली जा रहीं हैं। यदि यही हालत रही तो इन दोनों ट्रेनों को मुंबई से बंद करना पड़ेगा।
पत्र लिखकर जारी की अपील
मुंबई मंडल से एक आधिकारिक पत्र जारी करके सूरत के स्थानीय रेल स्टाफ को दोनों ट्रेनों की स्थिति बताई गई और कहा गया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के यात्रियों को जागरूक बनाओ और इस ट्रेन की पैसेंजर ट्रैफिक सूरत से बढ़ाओ अन्यथा इन्हीं रूटों पर सूरत से नई ट्रेनों का परिचालन नहीं किया जा सकता। अधिकारियों ने जवाब मांगा कि जब सूरत से उत्तर भारत के लिए नई ट्रेनों की जरूरत है तो अंत्योदय को सूरत से यात्री क्यों नहीं मिलते हैं?
वहीं उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति के संस्थापक यजुवेंद्र दुबे ने बताया कि हमारी मांग सूरत से ट्रेनों को चलाने की थी। ट्रेनें मुंबई से खाली चल रही हैं। इन ट्रेनों के जो आंकड़े दिए गए हैं वे भी मुंबई के हैं। अंत्योदय को सूरत से क्यों नहीं चलाया जाता? उन्होंने कहा कि अब हम सीधे मंडल प्रबंधक मुकुल जैन का घेराव करेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि इतने बड़े समाज का इस तरह की दलील देकर मजाक न बनाएं।
सूरत से इतनी भीड़ के बावजूद हर रविवार को चलने वाली अंत्योदय अनारक्षित एक्सप्रेस बिलकुल खाली चल रही है। इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि अंत्योदय ट्रेन में साधारण किराये के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा किराया वसूला जाता है। 16 कोच वाली इस ट्रेन में कुल 1600 बर्थ हैं। इसी तरह बांद्रा से पटना जाने वाले हमसफर ट्रेन में फ्लेक्सी दाम लगाए गए हैं यानी डिमांड बढ़ने पर दाम बढ़ते हैं। सूरत में रहने वाले अधिकांश मजदूर वर्ग के लोग इस ट्रेन में जाने से कतराते हैं।
अनारक्षित होने के बावजूद अंत्योदय 90 फीसदी खाली दौड़ रही है। हमसफर प्रति ट्रिप 75 फीसदी खाली दौड़ रही है। पश्चिम रेल अधिकारियों के मुताबिक सूरत में पैसेंजर लोड कम है जिससे अंत्योदय जैसी साधारण ट्रेनों को यात्री नहीं मिल पा रहे हैं जबकि यहां से शुरू होने वाली ट्रेनों के आंकड़े कुछ ओर कहते हैं। आंकड़ों के मुताबिक इन सभी ट्रेनों में वेटिंग चल रही है।
रेलवे का कहना है
पश्चिम रेल प्रशासन चाहता है कि जब सूरत से वर्तमान में चल रही ट्रेनों में इतनी भीड़-भाड़ है तो यात्री अपने शेड्यूल के हिसाब से अंत्योदय जैसे ट्रेन में यात्रा करें जो कि इन दिनों खाली चल रही है। उन्होंने बताया कि अगर यात्री अंत्योदय जैसी ट्रेनों से जागरूक नहीं है तो हम उन्हें जागरूक बनाएंगे और कहेंगे कि यात्री अंत्योदय अनारक्षित ट्रेन से सफर करे। मुंबई मंडल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समय सभी ट्रेनें खाली जा रही है लेकिन एक बार दुर्गा पूजा और दिवाली का सीजन शुरू होते ही इन ट्रेनों में भी भीड़ नजर आएगी। इसके अलावा लगातार प्रचार करने के बाद सूरत से भी यात्री मिलेंगे।
खाली है ट्रेन, फिर भी स्पेशल चलानी है
मुंबई से उत्तर भारत की ओर जाने वाले यात्री के लिए मध्य और पश्चिम रेलवे की अलग-अलग योजना होती है लेकिन तालमेल दिखाई नहीं देता है। एक ओर पश्चिम रेलवे का कहना है कि बांद्रा से गोरखपुर के लिए अंत्योदय जैसी ट्रेन खाली जा रही है, वहीं मध्य रेलवे ने गोरखपुर के लिए ही दुर्गा पूजा विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा कर दी। और यह ट्रेन भी जनसाधारण ट्रेन ही होगी। दोनों जोन को उम्मीद है कि यात्री उन्हें मिलेंगे।
रेलवे में इन दिनों क्या हो रहा है उसकी समझ किसी को भी नहीं है। इसका मुख्य कारण तालमेल की कमी हो सकता है। 13 अगस्त 2017 को तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हरी झंडी दिखाकर मुंबई से पटना के लिए हमसफर और गोरखपुर के लिए अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की थी। आज इन दोनों ट्रेनों को यात्री नहीं मिल रहे हैं जबकि इसी रूट पर जाने वाली सभी ट्रेनों में भीड़ भरी है है।
हाल ही में पश्चिम रेलवे मुंबई मंडल के सूरत स्टेशन पर उत्तर भारत की ओर ट्रेनों को बढ़ाने के लिए उत्तर भारतीय संगठनों की ओर से जबरदस्त आंदोलन किया गया था। संगठनों के मुताबिक सूरत से बिहार और यूपी के लिए ट्रेनें पर्याप्त नहीं हैं लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि अंत्योदय और हमसफर जैसी ट्रेनों खाली जा रहीं हैं। यदि यही हालत रही तो इन दोनों ट्रेनों को मुंबई से बंद करना पड़ेगा।
पत्र लिखकर जारी की अपील
मुंबई मंडल से एक आधिकारिक पत्र जारी करके सूरत के स्थानीय रेल स्टाफ को दोनों ट्रेनों की स्थिति बताई गई और कहा गया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के यात्रियों को जागरूक बनाओ और इस ट्रेन की पैसेंजर ट्रैफिक सूरत से बढ़ाओ अन्यथा इन्हीं रूटों पर सूरत से नई ट्रेनों का परिचालन नहीं किया जा सकता। अधिकारियों ने जवाब मांगा कि जब सूरत से उत्तर भारत के लिए नई ट्रेनों की जरूरत है तो अंत्योदय को सूरत से यात्री क्यों नहीं मिलते हैं?
वहीं उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति के संस्थापक यजुवेंद्र दुबे ने बताया कि हमारी मांग सूरत से ट्रेनों को चलाने की थी। ट्रेनें मुंबई से खाली चल रही हैं। इन ट्रेनों के जो आंकड़े दिए गए हैं वे भी मुंबई के हैं। अंत्योदय को सूरत से क्यों नहीं चलाया जाता? उन्होंने कहा कि अब हम सीधे मंडल प्रबंधक मुकुल जैन का घेराव करेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि इतने बड़े समाज का इस तरह की दलील देकर मजाक न बनाएं।
सूरत से इतनी भीड़ के बावजूद हर रविवार को चलने वाली अंत्योदय अनारक्षित एक्सप्रेस बिलकुल खाली चल रही है। इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि अंत्योदय ट्रेन में साधारण किराये के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा किराया वसूला जाता है। 16 कोच वाली इस ट्रेन में कुल 1600 बर्थ हैं। इसी तरह बांद्रा से पटना जाने वाले हमसफर ट्रेन में फ्लेक्सी दाम लगाए गए हैं यानी डिमांड बढ़ने पर दाम बढ़ते हैं। सूरत में रहने वाले अधिकांश मजदूर वर्ग के लोग इस ट्रेन में जाने से कतराते हैं।
अनारक्षित होने के बावजूद अंत्योदय 90 फीसदी खाली दौड़ रही है। हमसफर प्रति ट्रिप 75 फीसदी खाली दौड़ रही है। पश्चिम रेल अधिकारियों के मुताबिक सूरत में पैसेंजर लोड कम है जिससे अंत्योदय जैसी साधारण ट्रेनों को यात्री नहीं मिल पा रहे हैं जबकि यहां से शुरू होने वाली ट्रेनों के आंकड़े कुछ ओर कहते हैं। आंकड़ों के मुताबिक इन सभी ट्रेनों में वेटिंग चल रही है।
रेलवे का कहना है
पश्चिम रेल प्रशासन चाहता है कि जब सूरत से वर्तमान में चल रही ट्रेनों में इतनी भीड़-भाड़ है तो यात्री अपने शेड्यूल के हिसाब से अंत्योदय जैसे ट्रेन में यात्रा करें जो कि इन दिनों खाली चल रही है। उन्होंने बताया कि अगर यात्री अंत्योदय जैसी ट्रेनों से जागरूक नहीं है तो हम उन्हें जागरूक बनाएंगे और कहेंगे कि यात्री अंत्योदय अनारक्षित ट्रेन से सफर करे। मुंबई मंडल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समय सभी ट्रेनें खाली जा रही है लेकिन एक बार दुर्गा पूजा और दिवाली का सीजन शुरू होते ही इन ट्रेनों में भी भीड़ नजर आएगी। इसके अलावा लगातार प्रचार करने के बाद सूरत से भी यात्री मिलेंगे।
खाली है ट्रेन, फिर भी स्पेशल चलानी है
मुंबई से उत्तर भारत की ओर जाने वाले यात्री के लिए मध्य और पश्चिम रेलवे की अलग-अलग योजना होती है लेकिन तालमेल दिखाई नहीं देता है। एक ओर पश्चिम रेलवे का कहना है कि बांद्रा से गोरखपुर के लिए अंत्योदय जैसी ट्रेन खाली जा रही है, वहीं मध्य रेलवे ने गोरखपुर के लिए ही दुर्गा पूजा विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा कर दी। और यह ट्रेन भी जनसाधारण ट्रेन ही होगी। दोनों जोन को उम्मीद है कि यात्री उन्हें मिलेंगे।