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एक्सीडेंट में बेटे की मौत के बाद गड्ढे भरने के मिशन में जुटे, अब रिश्तेदार हादसे का शिकार

2015 में अपने बेटे को सड़क पर बने गड्ढों के चलते हुई दुर्घटना में खोने के बाद गड्ढों की मरम्मत को अपना मिशन बनाने वाले दादाराव की रिश्तेदार को भी अब गड्ढों की वजह से गंभीर चोट लगी है।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 21 Jul 2018, 9:52 am
मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम इनसेट में राधा और राम, गड्ढे की मरम्मत करते बिल्होरे और प्रकाश (गोले में)
इनसेट में राधा और राम, गड्ढे की मरम्मत करते बिल्होरे और प्रकाश (गोले में)

2015 में अपने बेटे को सड़क पर बने गड्ढों के चलते हुई दुर्घटना में खोने के बाद गड्ढों की मरम्मत को अपना मिशन बनाने वाले दादाराव की रिश्तेदार को भी अब गड्ढों की वजह से गंभीर चोट लगी है। गोरेगांव निवासी दादाराव बिल्होरे ने अकेले दम पर गोरेगांव से लेकर मानखुर्द तक सैकड़ों गड्ढे भर दिए लेकिन हाल ही में उनकी साली राधा को इसी वजह से हादसे का शिकार होना पड़ा।

राधा बीती 12 जुलाई को अपने बेटे के साथ मोटरसाइकल पर थीं जब आरे कॉलोनी रोड पर एक गड्ढे की वजह से वे हादसे का शिकार हो गए। विडंबना यह है कि दुर्घटना से 10 दिन पहले बिल्होरे उसी सड़क पर गड्ढों की मरम्मत करके आए थे। 46 वर्षीय राधा के माथे पर चार टांके लगे हैं और बाईं आंख पर भी चोट आई है। उनका 25 वर्षीय बेटा राम एक बार फिर खुद को हादसे का दोषी मान रहा है क्योंकि तीन साल पहले जब बिल्होरे के बेटे प्रकाश की जान गई, तब भी वही बाइक चला रहा था।

राम चचेरे भाई के साथ रहता था और 16 वर्षीय प्रकाश के भंडूप में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में ऐडमिशन के बाद घर लौट रहे थे। बिल्होरे ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि बीएमसी या एमएमआरडीए 12 जुलाई की घटना के लिए जिम्मेदार है या नहीं। मुझे यह भी नहीं पता कि क्या कोई एजेंसी उत्तरदायी होगी, क्योंकि मैं पुलिस शिकायत दर्ज करने और अदालत में जाने के बावजूद अपने बेटे के लिए न्याय की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जो तीन साल पहले मर गया था।'

बता दें, मुंबई में सड़क पर हुए गड्ढों से होने वाली मौत का सिलसिला नहीं रुक रहा है। ठाणे के कल्याण परिसर में पिछले कुछ दिनों के दौरान गड्ढे की चपेट में आने से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, नवी मुंबई में भी सन्नी उर्फ प्रदीप विश्वकर्मा की भी गड्ढे की चपेट में आने से मौत हो गई। महानगर की बृह्नमुंबई महानगरपालिका इसके बाद से सभी के निशाने पर है।

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