\B- क्या प्रदूषण को लेकर राजनीतिक दल सियासी दांव चल रहे हैं?
\Bप्रदूषण को लेकर दिल्ली में सियासत के कई विद्रूप रंग देखने को मिल रहे हैं। सिर्फ पराली जलाने से ही प्रदूषण नहीं फैला है। सत्ता पक्ष तथा विपक्ष इस मसले पर राजनीति से ऊपर उठकर देश के पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करे।
\B- सिटिजन रिपोर्टर, अंजनी कुमार दाधीच
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हमारे देश में हर मुद्दे को राजनीति से जोड़ दिया जाता है। राजनीतिक दलों को शर्म आनी चाहिए कि देश में अब शुद्ध हवा भी बिकने लगी है। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है। क्या हम अगली पीढ़ी के लिए सांसें भी नहीं छोड़ जाएंगे?
\B- सिटिजन रिपोर्टर, हरिशरण मिश्रा
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\B- महाराष्ट्र के घटनाक्रम से क्या राजनीतिक दलों की साख को झटका लगा है?\B
महाराष्ट्र के घटनाक्रम ने राजनीतिक दलों को हिला कर रख दिया है। राजनीति के खेल अजब-गजब ही होते हैं। सभी की साख दांव पर लगी हुई है। लेकिन, यह निश्चित हो गया कि राजनीति में अब ईमान जैसी कोई चीज नहीं रह गई है।
\B- सिटिजन रिपोर्टर, प्रेमसुख चौपड़ा
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महाराष्ट्र जैसा घटनाक्रम इतिहास में पहली बार नहीं हुआ है। जो भी चमचों से घिरा है, वह समझ ही नहीं पाता कि मतदाता की नजरों में गिर चुका है। यदि ऐसी घटनाएं जारी रहीं, तो राजनीतिक दलों की बची-खुची साख भी खत्म हो जाएगी।
\B- सिटिजन रिपोर्टर, दिनेश चंद्र मनया\B