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...तो ऐसे बंट रहा था ट्रेन में VIP कोटा, पूर्व PM के बेटे का नाम भी हुआ इस्तेमाल

गर्मी की छुट्टियों के कारण उत्तर भारत और मुंबई के बीच रेल यात्रियों की भीड़ अधिक होती है। इस वजह से आम लोगों को टिकट कंफर्म नहीं मिल पाते। इसी मौके का फायदा उठाकर एक एजेंट ने कई बडे़ नेताओं, सांसदों और वीआईपी कोटे पर फर्जी आवेदन कर टिकट की कालाबाजारी की।

नवभारत टाइम्स 24 May 2018, 4:08 am
मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक छवि
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गर्मी की छुट्टियों के कारण उत्तर भारत और मुंबई के बीच रेल यात्रियों की भीड़ अधिक होती है। इस वजह से आम लोगों को टिकट कंफर्म नहीं मिल पाते। इसी मौके का फायदा उठाकर एक एजेंट ने कई बडे़ नेताओं, सांसदों और वीआईपी कोटे पर फर्जी आवेदन कर टिकट की कालाबाजारी की। इस मामले में रेलवे पुलिस ने टिकट की कालाबाजारी करने के आरोप में देव प्रताप चतुर्भुज सिंह नाम के एक एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपी वरिष्ठ अधिकारियों और सांसदों के लेटर हेड का फर्जी प्रिंट बनाकर रेलवे टिकट की काला बाजारी कर रहा था। यही नहीं जांच में यह बात भी सामने आई है कि आरोपी ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे के नाम पर भी टिकट जारी किए।

जीआरपी सीएसएमटी के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी लखनऊ जिले के हुसेनगंज का निवासी है। जीआरपी ने 24 अप्रैल को वीआईपी कोटे का इस्तेमाल कर टिकट की कालाबाजारी करने का मामला दर्ज किया था। मुंबई से बनारस जा रही हॉलिडे स्पेशल ट्रेन के वेटिंग टिकट को वीआईपी कोटे में कराने का यह मामला था। इस मामले की छानबीन कर रही जीआरपी टीम को जानकारी मिली कि गाजीपुर से ऑनलाइन टिकट निकाला गया है और उसे आरक्षित करने के लिए आरोपी के पास भेजा गया है। जीआरपी ने जाल बिछाकर आरोपी को लखनऊ से गिरफ्तार किया।

जीआरपी ने पूछताछ के बाद जब आरोपी की तलाशी ली, तब उसके पास मौजूद कंप्यूटर से निकाली गई वरिष्ठ अधिकारियों और सांसदों के लेटर हेड की सॉफ्ट कॉपी मिली है। इसी लेटर हेड के सहारे आरोपी वेटिंग टिकट को कंफर्म करा रहा था। जीआरपी उपायुक्त समाधान पवार ने बताया कि आरोपी ने यह कालाबाजारी अकेले करने की बात कबूली है। कोर्ट ने इसे 28 मई तक कस्टडी में रखने का आदेश दिया है।

1200 से 2400 रुपये हर टिकट पर अधिक चार्ज
गर्मी की छुट्टियों के कारण भीड़ का चतुर्भुज सिंह ने फायदा उठाया और वातानुकूलित श्रेणी के टिकट के लिए उसने यात्रियों से टिकट दाम के अलावा 1200 से 2400 रुपये अधिक वसूले।

इन वीआईपी नामों पर जारी हुए टिकट
जीआरपी द्वारा 11 टिकटों की जानकारी दी गई है। जिनके नाम पर ये टिकट कंफर्म किए गए हैं, उनमें पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर भी शामिल हैं। वीआईपी कोटे से टिकट निकालने के लिए आरोपी ने अपर मुख्य सचिव केपी बक्शी, एसपी नेता और राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर, लोकसभा सांसद रोजेया पांडेय, बीजेपी सांसद पंकज चौधरी, राज्यपाल के प्रधान सचिव जुथिका पाटणकर, सांसद रंजना सिंह रंजीत और उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त जेसी उप्रेती के नामों का इस्तेमाल किया था।

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