एनबीटी की खबर का असर
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Akhilesh.Pandey
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मुंबई : गोरेगांव के सिद्धार्थ अस्पताल के आईसीयू का हाल मार्च अंत तक बदल जाएगा। यहां 18 टन के दो एयर कंडीशन (एसी) लगाने का काम शुरू हो गया है। यह काम 60 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। आईसीयू में पर्याप्त एसी न होने के चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नवभारत टाइम्स ने इस संबंध में 10 मई, 2018 के अंक में 'बिना एसी का आईसीयू' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद राज्यमंत्री विद्या ठाकुर के निर्देश पर डेप्युटी म्युनिसिपल कमिश्नर सुनील धामने ने तुरंत दौरा किया था।
प्रक्रिया में लगा समय
40 लाख की लागत से दोनों एसी लगाए जा रहे हैं। धामने ने बताया कि अस्पताल का दौरा करने के बाद हमने जरूरी मंजूरी लेकर टेंडर प्रक्रिया शुरू की। टेंडर को स्थायी समिति से मंजूरी मिलने के बाद अब काम शुरू हो गया है। इससे आईसीयू के मरीजों और स्टाफ को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। गौरतलब है कि आईसीयू में एक ही एसी चलता था, जो मरीजों के लिए अपर्याप्त था। यहां मरीजों के लिए पंखे लगाने पड़ते थे। पश्चिमी उपनगर का बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं।
मरीजों को किया गया शिफ्ट
एसी लगाने का काम शुरू करने के लिए सिद्धार्थ अस्पताल के आईसीयू में भर्ती मरीजों को कूपर समेत आसपास के अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। 29 जनवरी से शुरू हुआ काम मार्च तक पूरा हो जाएगा।
आईसीयू में एसी जरूरी क्यों : ऑपरेशन थिएटर में एसी का बहुत अहम रोल होता है। इससे संक्रमण फैलने से रोकने में मदद मिलने के साथ ही थिएटर का वातावरण साफ-सुथरा रखने में भी सहायता मिलती है। एसी की मदद से तापमान को नियंत्रित रखा जाता है, जिससे ऑपरेशन थिएयर में बैक्टिरिया नहीं पनपते। वहीं, खास फिल्टर होने से हवा की गुणवत्ता बनी रहती है , जिससे संक्रमण की दर कम रहती है और मरीजों को राहत मिलती है।
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एनबीटी की खबर के बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई है। इससे गोरेगांववासियों को काफी राहत मिलेगी।
- संदीप पटेल, अध्यक्ष, प्रभाग समिति, पी/दक्षिण
हमने जरूरी प्रक्रिया पूरी कर इन्हें लगाने का काम शुरू कर दिया है। इससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
- सुनील धामने, डेप्युटी म्युनिसिपल कमिश्नर, स्वास्थ्य