ठाणे
एक तरफ जहां केंद्र सरकार सौर ऊर्जा के उपयोग पर जोर रही है, वहीं प्रस्तावित मसौदे की वजह से इसे लोगों की जेब के लिए महंगा सौदा माना जा रहा है। राज्य बिजली नियामक आयोग की तरफ से बनाए गए नए प्रस्तावित मसौदे के अनुसार घरों, इमारतों और उद्योगों की छतों पर सौर ऊर्जा परियोजना को क्रियान्वित करने से लोगों को फायदे की जगह नुकसान ही होगा।
ठाणे स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज असोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक, मसौदे की वजह से सौर ऊर्जा परियोजना लगाने वाले दूर होंगे। लोगों को सस्ती बिजली मिलने का रास्ता बंद होगा और सौर ऊर्जा उद्योग को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। इस उद्योग से जुड़े करीब 1 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो जाएंगे। मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में असोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मधुसूदन खांबेटे और बिजली क्षेत्र के जानकार डॉ. अशोक पेंडसे ने यह बात कही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान नियम के तहत सौर ऊर्जा वाले ग्राहक निर्मित हुई बिजली के उपयोग के अलावा, बिजली कंपनी की जितने यूनिट बिजली इस्तेमाल करते हैं, उतने का ही भुगतान करना पड़ता है लेकिन, प्रस्तावित मसौदे में निर्मित हुई बिजली को बिजली कंपनी बिल में अडजस्ट नहीं करेगी।
प्रस्तावित मसौदे में क्या है
फिलहाल, अगर आप 500 यूनिट सौर ऊर्जा निर्मित करते हैं और आपको 200 यूनिट की ही जरूरत है, तो 300 यूनिट आपसे बिजली कंपनी खरीद लेती है और यह रकम आपके बिल में अजस्ट हो जाती है लेकिन, प्रस्तावित मसौदे के मुताबिक, बिजली कंपनी आपसे 3 रुपये 64 पैसे प्रति यूनिट (फिक्स्ड चार्ज) खरीदेगी। वहीं, आपने सौर ऊर्जा के अलावा, बिजली कंपनी की बिजली इस्तेमाल की है, तो इसके एवज में राज्य बिजली वितरण कंपनी को घरेलू ग्राहक प्रति यूनिट 6 रुपये, कमर्शल ग्राहक से 9 रुपये और औद्योगिक ग्राहक 11.18 रुपये भुगतान करेंगे।
बिजली कंपनी ग्राहक से 20 वर्ष का करार करेगी। डॉ. पेंडसे का कहना है कि प्रस्तावित मसौदा मंजूर हो गया, तो सोलर ऊर्जा मिशन फ्लॉप हो जाएगा। स्टार्टअप ठप पड़ जाएगा। डॉ.खांबेटे और डॉ.पेंडसे ने लोगों से आपत्ति और सुझाव 25 नवंबर तक आयोग के पास दर्ज कराने की अपील की है।
एक तरफ जहां केंद्र सरकार सौर ऊर्जा के उपयोग पर जोर रही है, वहीं प्रस्तावित मसौदे की वजह से इसे लोगों की जेब के लिए महंगा सौदा माना जा रहा है। राज्य बिजली नियामक आयोग की तरफ से बनाए गए नए प्रस्तावित मसौदे के अनुसार घरों, इमारतों और उद्योगों की छतों पर सौर ऊर्जा परियोजना को क्रियान्वित करने से लोगों को फायदे की जगह नुकसान ही होगा।
ठाणे स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज असोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक, मसौदे की वजह से सौर ऊर्जा परियोजना लगाने वाले दूर होंगे। लोगों को सस्ती बिजली मिलने का रास्ता बंद होगा और सौर ऊर्जा उद्योग को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। इस उद्योग से जुड़े करीब 1 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो जाएंगे। मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में असोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मधुसूदन खांबेटे और बिजली क्षेत्र के जानकार डॉ. अशोक पेंडसे ने यह बात कही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान नियम के तहत सौर ऊर्जा वाले ग्राहक निर्मित हुई बिजली के उपयोग के अलावा, बिजली कंपनी की जितने यूनिट बिजली इस्तेमाल करते हैं, उतने का ही भुगतान करना पड़ता है लेकिन, प्रस्तावित मसौदे में निर्मित हुई बिजली को बिजली कंपनी बिल में अडजस्ट नहीं करेगी।
प्रस्तावित मसौदे में क्या है
फिलहाल, अगर आप 500 यूनिट सौर ऊर्जा निर्मित करते हैं और आपको 200 यूनिट की ही जरूरत है, तो 300 यूनिट आपसे बिजली कंपनी खरीद लेती है और यह रकम आपके बिल में अजस्ट हो जाती है लेकिन, प्रस्तावित मसौदे के मुताबिक, बिजली कंपनी आपसे 3 रुपये 64 पैसे प्रति यूनिट (फिक्स्ड चार्ज) खरीदेगी। वहीं, आपने सौर ऊर्जा के अलावा, बिजली कंपनी की बिजली इस्तेमाल की है, तो इसके एवज में राज्य बिजली वितरण कंपनी को घरेलू ग्राहक प्रति यूनिट 6 रुपये, कमर्शल ग्राहक से 9 रुपये और औद्योगिक ग्राहक 11.18 रुपये भुगतान करेंगे।
बिजली कंपनी ग्राहक से 20 वर्ष का करार करेगी। डॉ. पेंडसे का कहना है कि प्रस्तावित मसौदा मंजूर हो गया, तो सोलर ऊर्जा मिशन फ्लॉप हो जाएगा। स्टार्टअप ठप पड़ जाएगा। डॉ.खांबेटे और डॉ.पेंडसे ने लोगों से आपत्ति और सुझाव 25 नवंबर तक आयोग के पास दर्ज कराने की अपील की है।