मुंबई
मध्य रेलवे के ठाणे स्टेशन पर सिर्फ रेल गाड़ियां ही नहीं, यात्रियों की सांसें भी रुकी हैं। 2016 में ठाणे रेलवे स्टेशन पर 129 यात्रियों की जान गई है। यात्रियों के लिए असुरक्षित स्टेशनों में ठाणे के बाद विरार दूसरे और मानखुर्द तीसरे नंबर पर है। रेलवे स्टेशनों पर लगातार बढ़ रही मौत की घटनाओं ने रेल प्रशासन के यात्री सुरक्षा संबंधी दावों की पोल खोल दी है।
एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि सेंट्रल, वेस्टर्न, हार्बर और ट्रांस हार्बर के 140 रेलवे स्टेशनों पर साल 2016 में लोकल गाड़ियों की चपेट में आने से 3202 यात्रियों की मौत हुई है। यहां 3363 यात्री ट्रेन की चपेट में आने से जख्मी भी हुए थे। 3202 मौतों में से सबसे ज्यादा 129 यात्रियों की मौत ठाणे स्टेशन पर हुई है। इसके बाद पश्चिम रेलवे के विरार स्टेशन पर 81 यात्रियों की जान गई है, जबकि तीसरे स्थान पर हार्बर का मानखुर्द स्टेशन है, जहां पर 37 यात्रियों की मौत हुई है। 3202 मौतों में 1088 मौतें पश्चिम रेलवे के अंतर्गत हुई हैं, जबकि मध्य रेलवे के स्टेशनों पर 2114 यात्रियों की जान गई है।
रोज औसतन 10 की मौत
मुंबई की लोकल ट्रेनों में हर रोज 80 लाख यात्री सफर करते हैं। जीआरपी द्वारा जारी की जानेवाली डेथ रिपोर्ट के अनुसार रोजाना औसतन 10 यात्रियों की जान रेल पटरियों पर जाती है।
ट्रैक पार करते समय 1798 की मौत
मरने वालों में बड़ी संख्या रेलवे ट्रैक पार करने वालों की है। 3202 मौतों में से 1798 की जान पिछले साल ट्रैक पार करते हुए गई। इसके अलावा 657 यात्रियों की जान ट्रेन से गिरने की वजह से हुई है।
आरटीआई कार्यकर्ता समीर झवेरी के मुताबिक, पटरी पर मौतें एक गंभीर समस्या है। इस पर हम रेल प्रशासन को कोर्ट में घसीटेंगे, ताकि भविष्य में यात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। 2016 में ठाणे में सबसे ज्यादा 129 लोग रेलवे स्टेशन पर मरे हैं।