एजेंसी, गोल्ड कोस्ट: कॉमनवेल्थ गेम्स में शनिवार को दो और गोल्ड भारत के खाते में आए। तमिलनाडु के 25 वर्षीय वेटलिफ्टर सतीश शिवलिंगम की जांघ में दर्द था। बैठना भी मुश्किल था। उन्हें खुद भी यकीन नहीं था कि ऐसी हालत में वह मेडल जीत पाएंगे। लेकिन जज्बे में कमी नहीं थी।
वहीं, आंध्र प्रदेश के रहने वाले 21 साल के वेंकट राहुल रागाला पिछले साल कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप के दौरान घुटने की चोट से उबर नहीं पाए थे। उनकी ट्रेनिंग भी अच्छी तरह नहीं हो सकी थी। वह खुद को कमजोर महसूस कर रहे थे। इन दोनों के दर्द का इलाज करने के लिए इनके फिजियो भी कॉम्पिटिशन एरिया में नहीं जा सकते थे, क्योंकि एक्रिडिटेशन की गलती के कारण उन्हें वहां जाने की इजाजत नहीं मिल पाई थी। इसके बावजूद सतीश शिवलिंगम ने 77 किलो कैटिगरी में और वेंकट राहुल ने 85 किलो वर्ग में गोल्ड मेडल देश को दिला दिए। इनसे पहले मीराबाई चानू, संजीता चानू ने भी इसी तरह गोल्ड मेडल जीते थे। वेटलिफ्टिंग इवेंट में अभी दो दिन बाकी हैं, लेकिन भारतीय खिलाड़ी 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स से एक गोल्ड ज्यादा जीत चुके हैं। चार गोल्ड के अलावा भारत को एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज भी मिला है।