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कल पेश होगा BMC बजट, पारदर्शिता पर रहेगा जोर

देश की सबसे बड़ी महानगरपालिका मानी जाने वाली बीएमसी का बजट बुधवार को पेश किया जाएगा...

विजय पांडे | नवभारत टाइम्स 28 Mar 2017, 3:12 am
मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम bmc budget tomorrow emphasis will be on transparency
कल पेश होगा BMC बजट, पारदर्शिता पर रहेगा जोर

देश की सबसे बड़ी महानगरपालिका मानी जाने वाली बीएमसी का बजट बुधवार को पेश किया जाएगा। पिछले वर्ष 37,052 करोड़ रुपये के मुकाबले इस बार बजट राशि में गिरावट नजर आ सकती है। सभी की नजरें शिवसेना के घोषणापत्र के बिंदुओं और बीजेपी की टैक्स न बढ़ाने की मांग के असल क्रियान्वयन पर टिकी हुई हैं। ऐसे में, बजट बीएमसी प्रशासन की असली परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है।

बजट में आईटी पर जोर के सहारे पारदर्शिता के एजेंडे पर फोकस रखे जाने की उम्मीद है। जीएसटी लागू होने की तैयारी के बीच गैर-राजस्व मदों से आय बढ़ाने पर जोर रह सकता है। कोस्टल रोड, गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड, गारगाई-पिंजाल परियोजना, ट्रीटमेंट प्लांट के लिए फंड का विशेष प्रावधान किया जा सकता है। बीएमसी बजट में पारदर्शिता के मुद्दे पर जोर देखने को मिल सकता है। आईटी विभाग के लिए विशेष फंड मुहैया कर कई नई परियोजनाएं शुरू की जा सकती हैं। इनमें बायोमैट्रिक हाजिरी से लेकर विभिन्न समितियों के एजेंडे ऑनलाइन उपलब्ध कराने सरीखे प्रयास हो सकते हैं। फाइलों की गतिविधियां पर भी ई-मूवमेंट के जरिए नजर रखने की तैयारी हो रही है। हेल्थ सेवाओं को कार्ड से जोड़ने कर विभिन्न दवाओं के स्टॉक से लेकर टेस्ट की सुविधा को ऑनलाइन सर्वर से जोड़ने के प्रॉजेक्ट की भी शुरुआत हो सकती है।

महत्वाकांक्षी कोस्टल रोड परियोजना, गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड के साथ ही उपयोग किए गए पानी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सरीखे प्रॉजेक्ट पर जोर रह सकता है। साथ ही, हेल्थ विभाग के लिए कुछ सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं। स्कूली बच्चों को बेस्ट की बसों में मुफ्त प्रवास की सुविधा भी शुरू की जा सकती है, यह वचन शिवसेना के घोषणापत्र में भी किया गया था। गारगाई-पिंजाल सरीखी जल परियोजना के संबंध में भी घोषणा हो सकती है। मुंबई से निकलने वाले कचरे के वर्गीकरण और प्रक्रिया पर बड़ी घोषणा संभव है। आग बुझाने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए ड्रोन की सुविधा के इस्तेमाल के लिए भी बजट आबंटित हो सकता है। डिवलेपमेंट प्लान के तहत लाई जाने वाली सुविधाओं के लिए भी बजट का आबंटन कर नए डीपी को लागू करने की दिशा में शुरुआत की जा सकती है।

जीएसटी के चलते 1 जुलाई से ऑक्ट्राय से कमाई खत्म होने के खतरे के बीच बीएमसी अपनी कमाई बढ़ाने के लिए गैर-राजस्व मदों की ओर रुख कर सकती है। इसमें जन्म प्रमाणपत्र, तमाम लाइसेंस से लेकर अन्य फीस में बढ़ोतरी की जा सकती है। हॉस्पिटल में वसूल की जाने वाली फीस बढ़ाने का भी प्रस्ताव पिछले साल की तरह इस बार भी देखने को मिल सकता है। झोपड़ों पर टैक्स को लेकर भी चर्चा है, हालांकि इसे लागू करने में कई अड़चनें भी हैं। पानी और प्रॉपर्टी टैक्स बकाया वसूली के लिए कोई नई स्कीम आने की प्रबल संभावना है। जिसमें बकाया भुगतान पर कुछ छूट मिल सकती है।
लेखक के बारे में
विजय पांडे
समाज की मूल समस्याओं को सामने लाने के उद्देश्य से मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद विजय पांडेय ने पत्रकारिता में कदम रखा। नवभारत टाइम्स से करियर की शुरुआत बतौर रिपोर्टर की। शुरुआत में बिजनेस, इन्फ्रास्ट्रक्चर, हाउसिंग की बीट पर रिपोर्टिंग की। फिर लोकल कॉर्पोरेशन बीएमसी की खबरों को कवर किया। विजय फिलहाल इनपुट इंचार्ज के तौर पर खबरों के समन्वय का काम कर रहे हैं। विषय की गहराई को समझ कर उसकी रिपोर्टिंग करने का विजय को शौक है।... और पढ़ें

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