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बीएमसी में नेता विपक्ष पर फैसला अटका

बीएमसी में नेता विपक्ष का फैसला अटकता नजर आ रहा है। कानून विभाग द्वारा इस मुद्दे पर महापौर की सहमति से दूसरी सबसे बड़ी पार्टी द्वारा इस पद को न लिए जाने पर तीसरी बड़ी पार्टी के नेता को विपक्ष के नेता का पद दिए जाने के जवाब के बावजूद इसकी घोषणा नहीं हो सकी।

नवभारत टाइम्स 11 Apr 2017, 6:40 am
मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम bmc moves to decide opposition leader
बीएमसी में नेता विपक्ष पर फैसला अटका

बीएमसी में नेता विपक्ष का फैसला अटकता नजर आ रहा है। कानून विभाग द्वारा इस मुद्दे पर महापौर की सहमति से दूसरी सबसे बड़ी पार्टी द्वारा इस पद को न लिए जाने पर तीसरी बड़ी पार्टी के नेता को विपक्ष के नेता का पद दिए जाने के जवाब के बावजूद इसकी घोषणा नहीं हो सकी। महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर ने पत्र लिखकर बीजेपी के ग्रुप लीडर मनोज कोटक से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है।

कांग्रेस के रवि राजा द्वारा इस मुद्दे को उठाते हुए विपक्ष के नेता की नियुक्ति की मांग की थी। नियमों के तहत इस पर महापौर ने कानून विभाग से राय मांगी थी। सोमवार को इस मुद्दे पर कोटक ने कहा कि हमने पहले ही तय किया है कि हम इस पद को नहीं लेंगे। यदि इस पर सही भूमिका नहीं निभाई जाती है तो फिर हम आगे देखेंगे। सूत्रों की मानें तो सभागृह शुरू होने से पहले बंद दरवाजे हुई बैठक में पद कांग्रेस को देने का फैसला लगभग हो चुका था, लेकिन इसकी घोषणा नहीं हुई।

शिवसेना के इस रवैये से खिन्न कांग्रेस अब संख्याबल की याद दिलाने में लग गई है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नगरसेवक ने बताया कि यह तो सीधे-सीधे मनमानी है। बीजेपी द्वारा स्पष्ट तौर पर पद न लेने की घोषणा सदन में करने के बाद अब क्या बाकी रहा है? फिर चिट्ठी लिखने का मतलब ही क्या है? आने वाले दिनों में शिवसेना-बीजेपी के बीच मतदान के दौरान कांग्रेस अपनी निर्णायक भूमिका निभा सकती है। ऐसे में, आने वाले दिनों में शिवसेना को अधिक विरोध झेलना पड़ सकता है।

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