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Thackeray vs Shinde: बाला साहेब के कदमों में एकनाथ शिंदे, ठाकरे की विरासत पर नजर! मुसीबत में मातोश्री, भंवर में उद्धव

सीएम पद की शपथ लेने के बाद एकनाथ श‍िंंदे ने सोशल मीडिया ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल तस्‍वीर बदली। तस्‍वीर में वे बाला साहेब ठाकरे की कदमों में बैठे हैं। इसका मैसेज क्‍या है? मतलब अब आगे की लड़ाई श‍िवसेना को लेकर होनी है। श‍िंंदे खुद को असल श‍िव सैनिक बताकर श‍िव सेना पर दावा तो कर रही रहे हैं। ऐसे में आने वाला समय उद्धव ठाकरे के लिए आसान नहीं होने वाला।

Curated byमिथिलेश धर दुबे | नवभारतटाइम्स.कॉम 1 Jul 2022, 10:15 am

हाइलाइट्स

  • जानकारों ने कहा- उद्धव के सामने श‍िव सेना बचाना चुनौती
  • मातोश्री पर भी दावा कर सकता है श‍िंदे गुट
  • उद्धव के सामने कई चुनौतियां, आगे की राह आसान नहीं
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मुंबई: सीएम की सीट पर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और महाराष्ट्र विधानसभा में कुछ मुट्ठी भर विधायकों के साथ उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray)। अगर कहा जाए क‍ि 1966 में स्‍थापना के बाद शिवसेना (Shiv sena) सबसे खराब संकट का सामना कर रही है तो शायद गलत नहीं होगा। उधर नये सीएम श‍िंदे खुद को असल श‍िव सैनिक बता रहे हैं। सीएम बनने के बाद उन्‍होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल तस्‍वीर बदली जिसमें वे बाला साहेब ठाकरे (Bal Thackeray) के कदमों में बैठे हैं।
ऐसे महाराष्‍ट्र में अब लड़ाई कई मोर्चों पर लड़ी जाएगी। जानकार बता रहे हैं क‍ि उद्धव ठाकरे का तात्कालिक काम पार्टी के भीतर विद्रोह के चरम को रोकना और शिंदे को बाला साहेब की विरासत से दूर जाने से रोकना होगा। संभावना है कि नया गठन ठाकरे के वफादारों पर शिकंजा कस सकता है। और अगर शिंदे समूह शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर दावा करता है तो मातोश्री के लिए नई मुसीबत होगी। ऐसी खबरें हैं कि शिंदे जल्द ही सेना भवन पर भी दावा पेश करेंगे, जिसमें कहा गया है कि उनका गुट मूल शिव सेना है क्योंकि यह बालासाहेब के हिंदुत्व का समर्थन करता है। इसलिए उद्धव ठाकरे को एक लंबी राजनीतिक-कानूनी लड़ाई के लिए अपनी कमर कसनी होगी जो उनके तप और कौशल की परीक्षा लेगी।

गुरुवार को एकनाथ शिंंदे ने सीएम पद की शपथ ली। उनके साथ देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने महाराष्‍ट्र के उप मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली। इससे एक दिन पहले बाला साहेब के बेटे उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्‍तीफा दे दिया था। उनकी ही पार्टी के विधायक और मंत्री रहे एकनाथ श‍िंदे ने दूसरे विधायकों के साथ बगावत कर दी जिसकी वजह से उनकी सरकार ग‍िर गई।

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एकनाथ शिंदे ने लगाई बालासाहेब ठाकरे के संग वाली तस्वीर
एकनाथ शिंदे ने ट्विटर एकाउंट की जो प्रोफाइल फोटो लगाई है, उस तस्वीर में दिखाई देता है कि बालासाहेब ठाकरे भगवा कपड़ों में एक कुर्सी पर बैठे हैं। एकनाथ शिंदे उनके पास जमीन पर घुटनों के बल बैठकर कुछ बातचीत कर रहे हैं। बातचीत के दौरान एकनाथ शिंदे का हाथ बालासाहेब ठाकरे की कुर्सी के एक हत्थे पर रहा है। माना जा रहा है कि शिंदे इस तस्वीर के जरिए शिवसैनिकों को संदेश देना चाहते हैं कि वो बालासाहेब का बहुत सम्मान करते हैं और एक सच्चे शिवसैनिक हैं।

कई मोर्चों पर लड़ेंगे उद्धव
एकनाथ श‍िंदे बगावत के पहले दिन से ही खुद को असल श‍िव सैनिक बता रहे हैं। ऐसे में अब उद्धव ठाकरे के लिए आगे की राह आसान नहीं होने वाली है राजनीतिक विश्लेषक अमरेंद्र नंदू धनेश्वर ने हमारे सहयोगी टीओआई से कहा, 'घटनाओं के मोड़ को देखते हुए शिवसेना का आगे का भविष्य अंधकारमय है। ठाकरे को कई सभी मोर्चों पर लड़ना होगा। ठाकरे को 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का मुकाबला करने के लिए अपने कौशल को तेज करने की जरूरत है।

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वे आगे बताते हैं क‍ि शिंदे का मुकाबला करने के लिए ठाकरे को मराठवाड़ा वापस जाना होगा, जो दो दशकों से बाला साहेब ठाकरे के साथ खड़ा था। विदर्भ भी उनकी इच्छा सूची में होना चाहिए। ठाकरे को ग्रामीण इलाकों की देखभाल करनी होगी..उन्हें हेलिकॉप्टर से गांवों में घूमने की अपनी पुरानी आदत छोड़ देनी चाहिए...और रात के खाने के लिए घर लौटना चाहिए।

ठाकरे मुंबई को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। शिंदे के शासन में अक्टूबर में होने वाले मुंबई निकाय चुनाव पूर्व सीएम के लिए एक लिटमस टेस्ट होगा। ऐसा पता चला है कि भाजपा के नेतृत्व वाले नए गठन में मनसे के शामिल होने की संभावना है। एक ट्वीट में राज ने शिंदे को बधाई देते हुए कहा कि उनका मुख्यमंत्री बनना उनकी पार्टी के लिए खुशी की बात है।
लेखक के बारे में
मिथिलेश धर दुबे
पत्रकारिता में लगभग 10 साल का अनुभव। एनबीटी से पहले गांव कनेक्शन, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका और प्रभात खबर जैसे अखबारों में रिपोर्टिंग और डेस्क पर काम करने का अनुभव। ग्राउंड रिपोर्ट, फुटवर्क, नये जमाने की पत्रकारिता के साथ-साथ ओल्ड ऐज जर्नलिस्म में विश्वास। खेती किसानी, स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर रिपोर्टिंग।... और पढ़ें

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