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शिंदे सरकार की आज ‘सुप्रीम’ परीक्षा, 16 विधायकों के निलंबन पर सुनवाई, राज्यपाल के फैसले को चुनौती

Maharashtra Latest News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शिवसेना चीफ व्हिप सुनील प्रभु की उस याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई का फैसला किया था जिसमें प्रभु ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और 15 बागी विधायकों को विधानसभा से तब तक सस्पेंड रखा जाए जब तक कि इनके खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई पेंडिंग है।

Reported byअभिमन्यु शितोले | Edited byसुजीत उपाध्याय | नवभारत टाइम्स 11 Jul 2022, 6:04 am
मुंबई: महाराष्ट्र की नई शिंदे सरकार (Eknath Shinde Government) की आज ‘सुप्रीम’ परीक्षा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 16 बागी विधायकों के निलंबन के लिए दायर शिवसेना की याचिका पर सुनवाई होनी है। इसके अलावा शिवसेना नेता सुभाष देसाई की ओर से दायर उस याचिका पर भी सुनवाई होनी है जिसमें एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने का निमंत्रण देने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी गई है। स्पीकर के निर्वाचन और विश्वासमत की प्रक्रिया को भी गलत बताया गया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस महत्वपूर्ण फैसले पर देश भर की निगाहें लगी हैं।

शिवसेना के 53 विधायकों को नोटिस


उधर, महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने राज्य के कुल 55 शिवसेना विधायकों में से 53 को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें से 39 विधायक एकनाथ शिंदे के खेमे के और 14 विधायक उद्धव ठाकरे गुट के हैं। ठाकरे खेमे के 14 विधायकों में से एक संतोष बांगर चार जुलाई को सरकार के शक्ति परीक्षण के दिन शिंदे खेमे में शामिल हो गए थे। दोनों पक्षों के विधायकों ने कारण बताओ नोटिस मिलने की पुष्टि की।

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विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग


दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर क्रमश: तीन और चार जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव और विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान पार्टी विप की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए दोनों पक्षों के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। शिंदे खेमे ने उन विधायकों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं किया है, जिन्हें उन्होंने अयोग्य ठहराने की मांग की है। नोटिस महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य (दल-बदल के आधार पर अयोग्यता) नियमों के तहत जारी किए गए हैं। विधायकों को सात दिन के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा गया है।


सांसदों में भी फूट के आसार


खबर है कि शिवसेना के 18 में से 14-15 सांसद भी उद्धव का साथ छोड़ सकते हैं। खबरों के मुताबिक पिछले दिनों सांसदों की दिल्ली में एक बैठक हुई है, जिसमें सांसदों ने उद्धव ठाकरे के साथ बीजेपी के साथ गठबंधन का दबाव बनाया है। शिवसेना सांसद सदाशिव लोखंडे ने कहा कि हमने उद्धव ठाकरे को अपनी इच्छा व्यक्त की है। जल्दी ही इस पर बैठक होगी उसके बाद सांसद अपनी भूमिका तय करेंगे। वहीं शिवसेना सांसद संजय मांडलिक ने कहा कि सांसदों में फूट की खबर अफवाह है। एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे और एक दो अन्य सांसदों को छोड़कर सभी सांसद पार्टी के साथ एकजुट हैं।


आदित्य ने शुरू की निष्ठा यात्रा

शिवसेना में बगावत के बाद आदित्य ठाकरे ने निष्ठा यात्रा शुरू की है। इसके तहत वह मुंबई की सभी 236 शाखाओं में जाकर निष्ठावान शिवसैनिकों के संगठित कर रहे हैं। दहिसर और उसके बाद कांदिवली में अपनी 'निष्ठा यात्रा' के दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा कि जो लोग शिवसेना छोड़ना चाहते थे, वे चले गए, लेकिन जमीनी स्तर के शिवसैनिकों का समर्थन उद्धव ठाकरे के साथ है। आदित्य ने कहा कि हर चुनाव क्षेत्र में हमारे पास दो से तीन ऐसे शिवसैनिक पुरुष और महिलाएं जो चुनाव में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। हालांकि आदित्य में यह भी कहा कि जो छोड़कर गए हैं उनके लिए ‘मातोश्री’ के दरवाजे अभी भी खुले हैं।

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