मुंबई
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण किया। वह मनोहर जोशी और नारायण राणे के बाद इस पद पर काबिज होने वाले शिवसेना के तीसरे नेता हैं। आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित होने के एक महीने बाद ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद राज्य में नए राजनीतिक समीकरण देखने को मिले। नतीजे आने के तुरंत बाद उद्धव ठाकरे ने सहयोगी दल बीजेपी को मुख्यमंत्री पद साझा करने के अपने वादे की याद दिलाई। लेकिन बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इससे इनकार कर दिया कि ऐसा कोई वादा भी किया गया था। इससे नाराज ठाकरे ने सरकार गठन को लेकर बीजेपी के साथ वार्ता रोक दी और कहा कि वह झूठा कहा जाना बर्दाश्त नहीं कर सकते।
भगवा पार्टियों का गठबंधन टूटा और दो अलग ध्रुव मिले
भगवा पार्टियों के बीच गठबंधन के टूटने के साथ एक नया गठजोड़ देखने को मिला, जिसमें दो भिन्न विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आईं। इसमें एक ओर जहां हिंदुत्व के रास्ते पर चलने वाली शिवसेना है, तो वहीं दूसरी ओर इससे बिल्कुल अलग विचारधारा रखने वाली कांग्रेस और एनसीपी हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार नए गठजोड़ के वास्तुकार के तौर पर देखे गए,जो खुद चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
उद्धव सरकार: अजेंडे में सेक्युलर मूल्यों पर जोर
शरद पवार 18 जुलाई 1978 को पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, जब उन्होंने प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा गठबंधन के तहत नई सरकार के गठन के लिए कांग्रेस सरकार गिरा दी थी। हालांकि, यह गठबंधन सरकार 17 फरवरी 1980 तक सत्ता में रही, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे भंग कर दिया।
पवार और वसंतदादा 4-4 बार रहे मुख्यमंत्री
शरद पवार कांग्रेस में लौटने के बाद एक बार फिर 25 जून 1988 से तीन मार्च 1990 तक मुख्यमंत्री रहे। उनका तीसरा कार्यकाल चार मार्च 1990 से तीन 25 जून 1991 तक रहा, जब वह रक्षा मंत्री के तौर पर नरसिंह राव कैबिनेट में शामिल किए गए। उन्हें मुंबई दंगों के बाद फिर से महाराष्ट्र वापस भेज दिया गया और वह छह मार्च 1993 से 13 मार्च 1995 तक मुख्यमंत्री रहे। वहीं, कांग्रेस के (दिवंगत) नेता वसंतदादा पाटिल चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इसमें उनका 7 मार्च से 17 जुलाई 1978 तक का कार्यकाल भी शामिल है, उनकी यह सरकार पवार ने गिरा दी थी।
पढ़ें, संपादक से सीएम तक, पढ़ें उद्धव की पूरी कहानी
पहले मुख्यमंत्री से अब तक
साल 1960 में महाराष्ट्र के गठन के बाद पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण बने थे। वह करीब ढाई साल इस पद पर रहे, जिसके बाद उन्हें चीन के साथ युद्ध के बाद रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया। राज्य के एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री ए आर अंतुले (9 जून 1980 से 12 जनवरी 1982) रहे। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर इस्तीफा देना पड़ा था।
पढ़ें, बड़े भाई ने बुलाया, शपथ ग्रहण में पहुंचे राज ठाकरे
मनोहर जोशी 14 मार्च 1995 से 30 जनवरी 1999 तक मुख्यमंत्री रहे थे। नारायण राणे एक फरवरी 1999 को मुख्यमंत्री बने जब शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने जोशी की जगह उन्हें बागडोर सौंपने का फैसला किया। राणे 17 अक्टूबर 1999 तक इस पद पर रहे, जब शिवसेना-बीजेपी ने समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया।
फडणवीस बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री
देवेंद्र फडणवीस राज्य में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री थे। उनके नाम दो रेकार्ड हैं। वह वसंतराव नाइक के बाद महाराष्ट्र के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। हालांकि, अपनी दूसरी पारी में मात्र चार दिन ही वह मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने 23 नवंबर को शपथ ग्रहण किया और उच्चतम न्यायालय द्वारा विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिए जाने के बाद 26 नवंबर को इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे, अशोक चव्हाण, विलासराव देशमुख और पृथ्वीराज चव्हाण भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। (भाषा से इनपुट के साथ)
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण किया। वह मनोहर जोशी और नारायण राणे के बाद इस पद पर काबिज होने वाले शिवसेना के तीसरे नेता हैं। आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित होने के एक महीने बाद ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
भगवा पार्टियों का गठबंधन टूटा और दो अलग ध्रुव मिले
भगवा पार्टियों के बीच गठबंधन के टूटने के साथ एक नया गठजोड़ देखने को मिला, जिसमें दो भिन्न विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आईं। इसमें एक ओर जहां हिंदुत्व के रास्ते पर चलने वाली शिवसेना है, तो वहीं दूसरी ओर इससे बिल्कुल अलग विचारधारा रखने वाली कांग्रेस और एनसीपी हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार नए गठजोड़ के वास्तुकार के तौर पर देखे गए,जो खुद चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
उद्धव सरकार: अजेंडे में सेक्युलर मूल्यों पर जोर
शरद पवार 18 जुलाई 1978 को पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, जब उन्होंने प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा गठबंधन के तहत नई सरकार के गठन के लिए कांग्रेस सरकार गिरा दी थी। हालांकि, यह गठबंधन सरकार 17 फरवरी 1980 तक सत्ता में रही, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे भंग कर दिया।
पवार और वसंतदादा 4-4 बार रहे मुख्यमंत्री
शरद पवार कांग्रेस में लौटने के बाद एक बार फिर 25 जून 1988 से तीन मार्च 1990 तक मुख्यमंत्री रहे। उनका तीसरा कार्यकाल चार मार्च 1990 से तीन 25 जून 1991 तक रहा, जब वह रक्षा मंत्री के तौर पर नरसिंह राव कैबिनेट में शामिल किए गए। उन्हें मुंबई दंगों के बाद फिर से महाराष्ट्र वापस भेज दिया गया और वह छह मार्च 1993 से 13 मार्च 1995 तक मुख्यमंत्री रहे। वहीं, कांग्रेस के (दिवंगत) नेता वसंतदादा पाटिल चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। इसमें उनका 7 मार्च से 17 जुलाई 1978 तक का कार्यकाल भी शामिल है, उनकी यह सरकार पवार ने गिरा दी थी।
पढ़ें, संपादक से सीएम तक, पढ़ें उद्धव की पूरी कहानी
पहले मुख्यमंत्री से अब तक
साल 1960 में महाराष्ट्र के गठन के बाद पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण बने थे। वह करीब ढाई साल इस पद पर रहे, जिसके बाद उन्हें चीन के साथ युद्ध के बाद रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया। राज्य के एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री ए आर अंतुले (9 जून 1980 से 12 जनवरी 1982) रहे। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर इस्तीफा देना पड़ा था।
पढ़ें, बड़े भाई ने बुलाया, शपथ ग्रहण में पहुंचे राज ठाकरे
मनोहर जोशी 14 मार्च 1995 से 30 जनवरी 1999 तक मुख्यमंत्री रहे थे। नारायण राणे एक फरवरी 1999 को मुख्यमंत्री बने जब शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने जोशी की जगह उन्हें बागडोर सौंपने का फैसला किया। राणे 17 अक्टूबर 1999 तक इस पद पर रहे, जब शिवसेना-बीजेपी ने समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया।
फडणवीस बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री
देवेंद्र फडणवीस राज्य में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री थे। उनके नाम दो रेकार्ड हैं। वह वसंतराव नाइक के बाद महाराष्ट्र के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। हालांकि, अपनी दूसरी पारी में मात्र चार दिन ही वह मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने 23 नवंबर को शपथ ग्रहण किया और उच्चतम न्यायालय द्वारा विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिए जाने के बाद 26 नवंबर को इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे, अशोक चव्हाण, विलासराव देशमुख और पृथ्वीराज चव्हाण भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। (भाषा से इनपुट के साथ)