मुंबई
महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के चलते बंद पड़े धर्मस्थलों को खुलवाने को लेकर सियासत तेज हो गई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और सीएम उद्धव ठाकरे के 'लेटर वॉर' के बीच बीजेपी इसे अपने लिए 'सुनहारा मौका' मान रही है। क्योंकि राजनीतिक जानकारों की मानें तो मंदिरों को खुलवाने को लेकर हो रही लड़ाई से शिवसेना के हिंदुत्व की साख दांव पर है। ऐसे में बीजेपी हर हाल में इस मुद्दे को और ज्यादा भुनाने की कोशिश कर रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भले ही शरद पवार की अगुवाई वाले एनसीपी और कांग्रेस के साथ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व किया है, लेकिन वह समय-समय पर शिवसेना के भगवा एजेंडे को पुनर्जीवित करते रहते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो उद्धव यह समझते हैं कि किस प्रकार हिन्दुत्व के रथ पर सवार होकर वह और बीजेपी सत्ता के शिखर पर पहुंचने में कामयाब हुए हैं।
राम मंदिर शिलान्यास समारोह में जाना चाहते थे उद्धव
शिवसेना से जुड़े एक नेता के मुताबिक, अयोध्या में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। तब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शिलान्यास समारोह में भाग लेने के लिए उत्सुक थे, हालांकि वह इस समारोह में नहीं जा सके थे।
नवंबर में अयोध्या जा सकते हैं उद्धव ठाकरे
सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के नवंबर में किसी समय अयोध्या जाने की संभावना है। क्योंकि उद्धव ठाकरे को लगता है कि समय-समय पर वह हिंदुत्व का बिगुल फूंककर बीजेपी को परेशानी में रख सकते हैं। एक राजनेता ने कहा कि वह(शिवसेना) एक ही सांस में दो अलग-अलग धुन नहीं गा सकते हैं। अगर उन्होंने एनसीपी-कांग्रेस के साथ जुड़ने का विकल्प चुना है, तो उन्हें एमवीए के धर्मनिरपेक्ष एजेंडे के प्रति वफादार रहना चाहिए और हिंदुत्व की तरफदारी बंद कर देनी चाहिए। उधर, शिवसेना सांसद और उद्धव ठाकरे के खास सिपहसालार संजय राउत ने कहा है कि हमें हिंदुत्व पर बीजेपी से सबक लेने की जरूरत नहीं है।
हिंदुत्व के वोटबैंक को ऐसे बरकरार रख सकती है बीजेपी
एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि शिवसेना को एमवीए छोड़ने का कोई संकेत नहीं दिखा, बीजेपी के पास हिंदुत्व पर अपने कॉपीराइट को दोहराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी शिवसेना को हिंदुत्व आंदोलन के खलनायक के रूप में दिखाती है तो वह अपने हिंदुत्व के वोटबैंक को बरकरार रख सकती है।
2021-2022 मुंबई महा नगरपालिका चुनाव होंगे अहम
बीजेपी के एक सीनियर नेता ने कहा कि 2021-2022 में मुंबई महा नगरपालिका चुनावों की धूम रहेगी। ऐसे में यह एक तरह का मिनी जनमत संग्रह होने जा रहा है, जो बीजेपी की लोकप्रियता को निर्धारित करेगा। कहा कि मंदिरों को फिर से खोलना एक भावनात्मक मुद्दा है जो हमें इस क्षेत्र में शिवसेना के वोटबैंक पर कब्जा करने में मदद करेगा।
महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के चलते बंद पड़े धर्मस्थलों को खुलवाने को लेकर सियासत तेज हो गई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और सीएम उद्धव ठाकरे के 'लेटर वॉर' के बीच बीजेपी इसे अपने लिए 'सुनहारा मौका' मान रही है। क्योंकि राजनीतिक जानकारों की मानें तो मंदिरों को खुलवाने को लेकर हो रही लड़ाई से शिवसेना के हिंदुत्व की साख दांव पर है। ऐसे में बीजेपी हर हाल में इस मुद्दे को और ज्यादा भुनाने की कोशिश कर रही है।
राम मंदिर शिलान्यास समारोह में जाना चाहते थे उद्धव
शिवसेना से जुड़े एक नेता के मुताबिक, अयोध्या में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। तब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शिलान्यास समारोह में भाग लेने के लिए उत्सुक थे, हालांकि वह इस समारोह में नहीं जा सके थे।
नवंबर में अयोध्या जा सकते हैं उद्धव ठाकरे
सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के नवंबर में किसी समय अयोध्या जाने की संभावना है। क्योंकि उद्धव ठाकरे को लगता है कि समय-समय पर वह हिंदुत्व का बिगुल फूंककर बीजेपी को परेशानी में रख सकते हैं। एक राजनेता ने कहा कि वह(शिवसेना) एक ही सांस में दो अलग-अलग धुन नहीं गा सकते हैं। अगर उन्होंने एनसीपी-कांग्रेस के साथ जुड़ने का विकल्प चुना है, तो उन्हें एमवीए के धर्मनिरपेक्ष एजेंडे के प्रति वफादार रहना चाहिए और हिंदुत्व की तरफदारी बंद कर देनी चाहिए। उधर, शिवसेना सांसद और उद्धव ठाकरे के खास सिपहसालार संजय राउत ने कहा है कि हमें हिंदुत्व पर बीजेपी से सबक लेने की जरूरत नहीं है।
हिंदुत्व के वोटबैंक को ऐसे बरकरार रख सकती है बीजेपी
एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि शिवसेना को एमवीए छोड़ने का कोई संकेत नहीं दिखा, बीजेपी के पास हिंदुत्व पर अपने कॉपीराइट को दोहराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी शिवसेना को हिंदुत्व आंदोलन के खलनायक के रूप में दिखाती है तो वह अपने हिंदुत्व के वोटबैंक को बरकरार रख सकती है।
2021-2022 मुंबई महा नगरपालिका चुनाव होंगे अहम
बीजेपी के एक सीनियर नेता ने कहा कि 2021-2022 में मुंबई महा नगरपालिका चुनावों की धूम रहेगी। ऐसे में यह एक तरह का मिनी जनमत संग्रह होने जा रहा है, जो बीजेपी की लोकप्रियता को निर्धारित करेगा। कहा कि मंदिरों को फिर से खोलना एक भावनात्मक मुद्दा है जो हमें इस क्षेत्र में शिवसेना के वोटबैंक पर कब्जा करने में मदद करेगा।