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महाराष्ट्र में उठी समान नागरिक कानून बनाने की मांग, बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने लिखा देवेंद्र फडणवीस को पत्र

महाराष्ट्र में भी अब यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए आवाज उठनी शुरू हुई है। मुंबई बीजेपी के विधायक अतुल भातखलकर ने राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर एक समिति गठित करने की मांग की है। गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने समान नागरिक संहिता को चुनाव प्रचार का हिस्सा बनाया था।

Edited byअविनाश पाण्डेय | नवभारत टाइम्स 12 Jan 2023, 8:46 am

हाइलाइट्स

  • महाराष्ट्र में उठी समान नागरिक कानून बनाने की मांग
  • बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने उठाई आवाज
  • फडणवीस से यूसीसी के लिए एक समिति गठित करने की मांग
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महाराष्ट्र की शिंदे- फडणवीस सरकार
मुंबई: महाराष्ट्र में भी यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) यानी समान नागरिक कानून बनाने की मांग उठ रही है। बीजेपी के विधायक अतुल भातखलकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर यूसीसी के लिए एक समिति का गठन करने की मांग की है। हालांकि इस संबंध में सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। पिछले साल नवंबर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक साक्षात्कार में कहा था कि बीजेपी समान नागरिक संहिता को बहस और चर्चा के बाद लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका कहना था कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में कोई कानून धर्म के आधार पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि बीजेपी को छोड़कर अन्य कोई पार्टी इसके पक्ष में नहीं है। इस पर देश में चर्चा होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
पिछले दो लोकसभा चुनाव के साथ ही हाल ही में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने समान नागरिक संहिता को चुनाव प्रचार का हिस्सा बनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड और गुजरात में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए समितियां गठित करने के उन राज्यों की सरकारों के फैसलों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से हाल ही में मना कर दिया था। अदालत ने साफ कहा कि राज्यों द्वारा ऐसी समितियों के गठन को संविधान के दायरे से बाहर जाकर चुनौती नहीं दी जा सकती।

सीएम करेंगे सकारात्मक विचार
कांदिवली के विधायक भातखलकर ने कहा कि गुजरात चुनाव में बीजेपी ने समान नागरिक संहिता पर अध्ययन के लिए समिति बनाने की घोषणा की थी। महाराष्ट्र सरकार को भी ऐसी ही एक समिति के गठन पर विचार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि समान नागरिक कानून बनाने का अधिकार राज्यों को है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक कानून को रद्द कर मुस्लिम समाज की महिलाओं को सही अर्थों में न्याय दिया है। राज्य में समान नागरिक कानून बनने पर पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता होगी। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री उनकी मांग पर सकारात्मक विचार करेंगे।
लेखक के बारे में
अविनाश पाण्डेय
अविनाश पाण्डेय बीते 16 साल से मुंबई में पॉलिटिक्स, क्राइम,और डिफेंस के अलावा जनता से जुड़े मुद्दों की रिपोर्टिंग कर रहे हैं। इंडिया टीवी, लाइव इंडिया, मी मराठी, न्यूज़ 24 और सी-टीवी में भी रिपोर्टिंग का अनुभव। नवभारत टाइम्स डिजिटल में असिस्टेंट न्यूज़ एडिटर के रूप में महाराष्ट्र की जिम्मेदारी।... और पढ़ें

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