मुंबई
एनसीपी ने महाराष्ट्र में अपने गठबंधन साझेदार शिवसेना के लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) का समर्थन करने पर मंगलवार को कहा कि दोनों पार्टियां अलग हैं और उनके लिए हमेशा सभी मुद्दों पर समान विचार रखना संभव नहीं है। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने हालांकि कहा कि पार्टियां यह सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं कि महाराष्ट्र में किसी के साथ भी धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर भेदभाव न हो।
महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने भी कहा कि भले ही शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया हो, लेकिन उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी राज्य में शासन चलाते समय साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) का पालन करेगी। शरद पवार नीत पार्टी ने इससे पहले कैब को 'संविधान-विरोधी' करार देते हुए कहा था कि बीजेपी नीत केन्द्र सरकार इसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिये कर रही है।
मलिक ने कहा, 'हम दो अलग-अलग पार्टियां है। राज्य में शासन की बात करें तो हमारे बीच कुछ मुद्दों पर सहमति है। बिहार के दो सहयोगियों ने भी कुछ मुद्दों पर अलग रुख अपनाया है।' मलिक का इशारा स्पष्ट रूप से बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू और बीजेपी की ओर था, जिनका जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर अलग-अलग रुख है।
एनसीपी ने महाराष्ट्र में अपने गठबंधन साझेदार शिवसेना के लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) का समर्थन करने पर मंगलवार को कहा कि दोनों पार्टियां अलग हैं और उनके लिए हमेशा सभी मुद्दों पर समान विचार रखना संभव नहीं है। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने हालांकि कहा कि पार्टियां यह सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं कि महाराष्ट्र में किसी के साथ भी धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर भेदभाव न हो।
महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने भी कहा कि भले ही शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया हो, लेकिन उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी राज्य में शासन चलाते समय साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) का पालन करेगी। शरद पवार नीत पार्टी ने इससे पहले कैब को 'संविधान-विरोधी' करार देते हुए कहा था कि बीजेपी नीत केन्द्र सरकार इसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिये कर रही है।
मलिक ने कहा, 'हम दो अलग-अलग पार्टियां है। राज्य में शासन की बात करें तो हमारे बीच कुछ मुद्दों पर सहमति है। बिहार के दो सहयोगियों ने भी कुछ मुद्दों पर अलग रुख अपनाया है।' मलिक का इशारा स्पष्ट रूप से बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू और बीजेपी की ओर था, जिनका जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर अलग-अलग रुख है।