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सांप-नेवले पर शिवसेना का पलटवार, कहा- बाघ को वश में नहीं किया जा सकता

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के मेल-मिलाप के प्रयासों को खारिज करते हुए शिवसेना ने सोमवार को कहा कि 'मोदी की बाढ़' में भले ही सांप और नेवले बह गए हों लेकिन बाघ को वश में नहीं किया जा सकता।

भाषा 9 Apr 2018, 10:34 pm
मुंबई
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक तस्‍वीर
सांकेतिक तस्‍वीर

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के मेल-मिलाप के प्रयासों को खारिज करते हुए शिवसेना ने सोमवार को कहा कि 'मोदी की बाढ़' में भले ही सांप और नेवले बह गए हों लेकिन बाघ को वश में नहीं किया जा सकता। बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए शिवसेना ने कहा, '2014 के स्वर्ण युग में वह अब भी रह रही है, जबकि 2019 की तस्वीर बिल्कुल अलग होगी।'

आपको बता दें, शिवसेना ने अगला लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की मंशा जाहिर की है। पार्टी के मुखपत्र सामना में अपने संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि बीजेपी 2014 में सत्ता में आने के बाद 'विनम्रता' भूल गई है लेकिन उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में हारने के बाद 'कुछ सोचने' लगी है।

इन दोनों सीटों पर 2014 के लोकसभा चुनाव में क्रमश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जीत हासिल की थी। सामना के संपादकीय में कहा गया है, 'बीजेपी को मित्रों की जरूरत नहीं है। वे मजबूत और आत्मनिर्भर हैं। उनकी पंखहीन उड़ान आकाश में उड़ी और उड़ती रही। अब वे जमीन पर उतरना चाहते हैं , लेकिन उतरने के लिये कोई जगह नहीं है।'

संपादकीय में कहा गया है, 'बीजेपी को स्वर्ण युग के बारे में स्वप्न देखने दें और हम उन्हें शुभकामना देते हैं।' शिवसेना और बीजेपी ने 2014 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था लेकिन उसी साल अक्तूबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार राज्य में अक्टूबर 2014 में सत्ता में आई थी, जबकि शिवसेना उस साल दिसंबर में सरकार में शामिल हुई थी।

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