- गुजरात हाई कोर्ट ने 11 दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली
11 को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी विशेष अदालत ने
63 आरोपितों की रिहाई हाई कोर्ट से बरकरार
94 लोगों पर था कारसेवकों की बोगी जलाने का आरोप
कोट
गोधरा कांड के दौरान तत्कालीन राज्य सरकार गुजरात में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही थी। रेलवे भी असफल रहा। सरकार मारे गए हर कारसेवक के परिवार को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दे।
- गुजरात हाई कोर्ट
हमें कड़ी सजा की उम्मीद थी लेकिन जिस तरह से इस मामले की जांच की गई, उसमें कुछ नहीं किया जा सकता। यहां तक कि अदालत अगर इस घटना में कुछ साजिश पाती तो भी कुछ नहीं हो सकता था। जांच में कई विसंगतियां हैं।
- विजय पटेल (पीड़ितों के वकील)
साबरमती एक्सप्रेस में हुई आगजनी के शिकार हुए लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत में संवाददाताओं को बताया, ''
एजेंसियां, अहमदाबाद
गुजरात हाई कोर्ट ने 2002 में गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस की बोगी में आग लगाए जाने के मामले में 11 दोषियों की सजा सोमवार को उम्रकैद में बदल दी। हाई कोर्ट ने बरी किए गए 63 लोगों पर फैसले में बदलाव करने से मना कर दिया। इन 63 लोगों में मौलवी उमरजी का भी नाम है। उमरजी पर गोधरा कांड का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगा था। गोधरा कांड में 59 कारसेवक मारे गए थे।
हाई कोर्ट ने इस फैसले के साथ ही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तत्कालीन राज्य सरकार को भी खरी-खोटी सुनाई। कोर्ट ने मारे गए हर कारसेवक के परिवार को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का भी सरकार को निर्देश दिया है। अयोध्या से आ रही साबरमती एक्सप्रेस पर हमले के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे, जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए थे।
गोधरा मामले में 130 आरोपितों में से 94 पर हत्या और साजिश रचने का मुकदमा चला था। विशेष अदालत ने 2011 में 11 लोगों को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। 63 को बरी कर दिया गया था। विशेष अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने ढाई साल तक सजा स्थगित रखी। अब कोर्ट ने 11 लोगों की फांसी को उम्रकैद में बदल दिया। कोर्ट ने कहा कि फैसला सुनाने में हो रही देरी पर हम खेद जताते हैं, क्योंकि अपील पर सुनवाई बहुत पहले पूरी हो गई थी।
फैसले के खिलाफ हो अपील : तोगड़िया
विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि गोधरा ट्रेन कांड में दोषियों की मौत की सजा को बदलकर उम्र कैद में बदले जाने के गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'उन जिहादियों को फांसी पर क्यों नहीं लटकाया जाना चाहिए जिन्होंने एक साजिश के तहत गोधरा में हिंदुओं को जलाया था। गुजरात सरकार राम भक्तों को न्याय दिलाए।'