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दस साल का फासला

’09 और ’19 की तस्वीरें साझा करने का ट्रेंड चल रहा है। सोशल मीडिया पर #10 ईयर्स चैलेंज छाया हुआ है। इसमें लोग अपनी 10 साल पुरानी तस्वीर को ताजा तस्वीर के साथ जोड़कर पोस्ट कर रहे हैं।

नवभारत टाइम्स 19 Jan 2019, 8:57 am
आजकल सोशल मीडिया पर #10 ईयर्स चैलेंज छाया हुआ है। इसमें लोग अपनी 10 साल पुरानी तस्वीर को ताजा तस्वीर के साथ जोड़कर पोस्ट कर रहे हैं। शुरू में हॉलिवुड की अनेक सिलेब्रिटीज ने विभिन्न प्लैटफॉर्मों पर अपनी तस्वीरें साझा कीं, फिर भारत में बॉलिवुड और क्रिकेट जगत की शख्सियतें भी सामने आ गईं। धीरे-धीरे आम लोग भी अपनी तस्वीरें डालने लगे। पहले यह निजी तस्वीरों से शुरू हुआ, फिर अन्य चीजों की तस्वीरें भी डाली जाने लगीं, जिनके पीछे कोई न कोई संदेश निहित है।
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जैसे क्रिकेटर रोहित शर्मा ने समुद्र के भीतर की चट्टान का भित्तिचित्र डाला है। तस्वीर का आधा हिस्सा बहुत ही रंगीन और जीवंत दिखाई पड़ रहा है, जिसे रोहित ने साल 2009 की तस्वीर बताया है, जबकि तस्वीर का निचला हिस्सा उजाड़ दिखाई पड़ रहा है, जिसे उन्होंने साल 2019 के चित्र के रूप में पेश किया है। रोहित ने बताना चाहा है कि किस तरह जलीय पर्यावरण पर खतरा मंडरा रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल-फिलस्तीन सीमा की तस्वीरें साझा की हैं। वर्ष 2009 में सीमा की मामूली घेरेबंदी दिखती है लेकिन 2019 में वहां जबर्दस्त बाड़ेबंदी दिख रही है। संभवत: वह बताना चाहते हैं कि उन्होंने इजरायलियों को हमलों से सुरक्षित किया है। देखा जाए तो यह चैलेंज एक नए ग्लोबल मुहावरे का रूप ले चुका है। भारत में कई लोगों ने इसके लिए कार्टूनों का माध्यम अपनाया है। यानी 2009 और 2019 की तुलना वाले दो व्यंग्य चित्रों के जरिए कोई किसी राजनेता पर व्यंग्य कर रहा है तो कोई सरकार पर।

वैसे साधारण लोग भी अपनी तस्वीरों के जरिए कुछ न कुछ तो कहना ही चाहते हैं। दरअसल जीवन की तेज रफ्तार में ठहरकर अपने अतीत को देखना एक सहज मनोवृत्ति है। सूचना तकनीक के आने से पहले अलबम रखने का चलन रहा है, जिसे फुर्सत के क्षणों में बैठकर पूरा परिवार देखा करता था। मध्यकाल में संपन्न लोग अपने पोर्ट्रेट बनवाया करते थे। इसके पीछे भविष्य में खुद को देखने या दिखाने की इच्छा रहती होगी। यही इच्छा इस चैलेंज के जरिये एक नए रूप में सामने आई है। वैसे टेक-जर्नलिस्ट केटे ओ नील का मानना है कि फेसबुक यह चैलेंज अपने फेशियल रिकॉग्निशन एल्गोरिदम में सुधार लाने के लिए चला रहा है। एक मीम के जरिए खास तरह का डेटा तैयार हो रहा है कि लोग 10 साल पहले और अब कैसे दिखते हैं। इसका कई गलत उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल संभव है। लेकिन फेसबुक ने इससे इनकार किया है। कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक यह यूजर जेनरेटेड मीम है, जो अपने आप वायरल हो गया है। मीम में इस्तेमाल किए गए फोटोज पहले से ही फेसबुक पर मौजूद हैं। इसमें नया कुछ नहीं मिल रहा है। जो भी हो, अभी तो लोग इसके मजे ले रहे हैं।

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