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अब ईरान की मिसाइल

शनिवार को ईरान द्वारा मध्यम दूरी की एक मिसाइल के परीक्षण की खबर चिंताजनक है। इसी बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी थी। उस चेतावनी का मिसाइल टेस्ट से दिया गया यह जवाब निश्चित रूप से बेहद गंभीर है।

नवभारत टाइम्स 25 Sep 2017, 10:09 am
शनिवार को ईरान द्वारा मध्यम दूरी की एक मिसाइल के परीक्षण की खबर चिंताजनक है। इसी बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी थी। उस चेतावनी का मिसाइल टेस्ट से दिया गया यह जवाब निश्चित रूप से बेहद गंभीर है। पिछले कुछ समय से उत्तर कोरिया का मिसाइल टेस्ट और परमाणु परीक्षण अंतरराष्ट्रीय हलकों में चिंता का कारण बने हुए हैं जो ईरान की तुलना में कहीं आगे के हैं लेकिन ईरान का मिसाइल परीक्षण बाकी दुनिया के लिए कुछ मामलों में उत्तर कोरिया की हरकतों से भी खतरनाक है। कोरियाई प्रायद्वीप एक अर्से से विभिन्न महाशक्तियों के बीच तनाव के लिए चर्चित है लेकिन पिछले छह दशकों से वहां कोई लड़ाई नहीं हुई। इसके विपरीत ईरान के आसपास का समूचा पश्चिमी एशियाई और उत्तरी अफ्रीकी इलाका विभिन्न देशों की आपसी लड़ाइयों और गृहयुद्धों के लिए ही जाना जाता है। आज भी सीरिया में अघोषित रूप में ईरान की सेना मौजूद है। शिया-सुन्नी टकराव के चलते भी इस इलाके के विभिन्न देश एक-दूसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं। इनके बीच शांति और सौहार्द्र की कम से कम अभी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसी स्थितियों में ईरान का मिसाइल परीक्षण विश्व शांति के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
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अब ईरान की मिसाइल


खासकर तब, जब अमेरिका ईरान के साथ किया गया बहुपक्षीय परमाणु नियंत्रण समझौता तोड़ दे और ईरान मिसाइल के साथ-साथ एटमी परीक्षण के भी रास्ते पर बढ़ चले। भू-भाग, आबादी, ताकत और अर्थव्यवस्था, हर लिहाज से ईरान अपने इलाके का एक ताकतवर देश है। ऐसे में नए प्रतिबंधों के जरिए इसे दबाने की कोशिशें विपरीत नतीजे ला सकती हैं। जो क्षेत्र पहले से ही युद्धग्रस्त हो, वहां युद्ध की आग तेज होने में खास वक्त या मेहनत नहीं लगती। अगर ऐसा कुछ होता है तो इसके नतीजे अन्य देशों के साथ-साथ यहां बड़ा फौजी जमावड़ा लगाए बैठे अमेरिका के लिए भी मुश्किलें पैदा कर सकते हैं। इराक और अफगानिस्तान में अपने हाथ जलाने के बाद अमेरिकी जनता यहां अपने जान और माल का और ज्यादा नुकसान सहने के लिए शायद ही तैयार हो। दुनिया के लिए अभी आईएसआईएस जैसे राक्षस से निपटना ही मुश्किल हो रहा है। यहां ऐसी और भी ताकतों को जन्म देने वाली कार्यवाही किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए। ऐसे में बहुत जरूरी है कि इस संवेदनशील मामले को किसी एक नेता के मूड पर न छोड़ा जाए। ईरान हो या कोई और देश, सुरक्षा और संप्रभुता संबंधी उसकी चिंताओं का सम्मान होना ही चाहिए। उसके बाद ही यह देखने और दिखाने की गुंजाइश बनती है कि उसके राष्ट्रवाद की धमक दूसरे देशों की जायज चिंता का सबब न बने।

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