ऐपशहर

अथ रायसीना वार्ता

एशिया को लोगों के काम करने और रहने के लिए सुरक्षित, सुंदर जगह बनाने के संकल्प के साथ पिछले साल की ही तरह इस साल भी रायसीना वार्ता की शुरुआत हो चुकी है। विभिन्न देशों के नए-पुराने राजनयिकों और राजनेताओं को जुटाकर आपसी बातचीत कराने का यह सिलसिला वैसे तो सरकारी है, लेकिन इसका कॉन्टेंट काफी जाना-पहचाना सा है। इस तरह की सिलेब्रिटी गैदरिंग देश के कुछ मीडिया संस्थान भी हर साल किया करते हैं।

नवभारत टाइम्स 19 Jan 2017, 1:30 am
एशिया को लोगों के काम करने और रहने के लिए सुरक्षित, सुंदर जगह बनाने के संकल्प के साथ पिछले साल की ही तरह इस साल भी रायसीना वार्ता की शुरुआत हो चुकी है। विभिन्न देशों के नए-पुराने राजनयिकों और राजनेताओं को जुटाकर आपसी बातचीत कराने का यह सिलसिला वैसे तो सरकारी है, लेकिन इसका कॉन्टेंट काफी जाना-पहचाना सा है। इस तरह की सिलेब्रिटी गैदरिंग देश के कुछ मीडिया संस्थान भी हर साल किया करते हैं। रायसीना डायलॉग की खासियत सिर्फ इतनी है कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस का एनजीओ ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन इसे भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर आयोजित करता है।
नवभारतटाइम्स.कॉम second raisina dialogue and its outcome
अथ रायसीना वार्ता


इस समारोह के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख अपनाने के साथ-साथ चीन, अमेरिका और रूस जैसे देशों के साथ भारत की दोस्ती और मजबूत करने की बात कही। पाकिस्तान पर आतंकवाद रोकने के लिए दबाव डालने का कोई भी मौका हमें छोड़ना नहीं चाहिए, लेकिन साथ में इस हकीकत पर भी नजर रखनी चाहिए कि पाकिस्तान सरकार की हैसियत आतंकवाद से निपट पाने की है भी या नहीं। अपने यहां जारी आतंकी वारदातों पर जुबानी जमाखर्च से ज्यादा कुछ तो उससे हो नहीं पा रहा है। ऐसे में दबाव डालने और बातचीत करने की दोहरी रणनीति अपनाने के अलावा कोई चारा हमारे पास बचता नहीं है।

वार्ता मंच से प्रधानमंत्री ने वही सारी बातें कहीं, जो वे अन्य मौकों पर कहते आए हैं, और उनसे पहले हमारे अन्य प्रधानमंत्री भी कहते रहे हैं। इस सिलसिले में अभी एक अच्छी खबर यह आई है कि पाकिस्तान अपने यहां भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन का रास्ता दोबारा खोलने की तैयारी में है। अच्छा होता कि दबाव बनाने के साथ-साथ पाकिस्तानी मध्यवर्ग से संवाद बनाए रखने की कोई पहल भी जारी रहती। आयोजन में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के बुलावे पर नेपाल के विदेशमंत्री प्रकाश शरण महत भी शामिल हैं लेकिन बीमारी के चलते खुद सुषमा इसमें शामिल नहीं हो पाईं। इस मौके पर नेपाल के साथ रेल-सड़क यातायात में कुछ प्रगति होने के आसार बनते दिख रहे हैं। सिंगापुर में होने वाले शांग्रीला डायलॉग की तर्ज पर जारी रायसीना डायलॉग दुनिया में बहुध्रुवीयता के लिए एक अच्छी जमीन तैयार कर सकता है, लेकिन अभी इसका कोई प्रोफाइल नहीं बन पा रहा है।

अगला लेख

Opinionकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर