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बढ़े टैक्स का दायरा

सरकार ने इनकम टैक्स का दायरा बढ़ाने का बीड़ा उठाया है।

नवभारत टाइम्स 18 Jul 2017, 12:44 pm
सरकार ने इनकम टैक्स का दायरा बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसके लिए देश भर में 245 इनकम टैक्स कमिश्नरों का परफॉरमेंस के आधार पर ट्रांसफर किया है। अपने सीनियर अफसरों को जारी किए गए एक निर्देश में सीबीडीटी ने आयकर विभाग के क्षेत्रीय प्रमुखों से अपने-अपने क्षेत्र के हिसाब से रणनीति विकसित करने को कहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स रिटर्न भरें। अगर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम किया जाए तो सीबीडीटी अपने लक्ष्य में सफल हो सकता है। भारत में सरकारी आंकड़ों के अनुसार दो फीसदी लोग रिटर्न दाखिल करते हैं, जबकि आयकर सिर्फ एक फीसदी लोग चुकाते हैं। ऊंची पगार वाला यह भारी-भरकम विभाग देश के मात्र एक फीसदी लोगों से ही टैक्स वसूल पाता है। वह भी ज्यादातर उनसे, जो नौकरीपेशा हैं।
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बढ़े टैक्स का दायरा


भारत के जल्द से जल्द अमेरिका न बन पाने की शिकायत यहां के ज्यादातर सुविधा-संपन्न लोग करते हैं, लेकिन हकीकत का यह पहलू उनकी बातों में नदारद होता है कि अमेरिका में 45 प्रतिशत लोग इनकम टैक्स देते हैं। विकासशील देशों की बात करें तो दक्षिण अफ्रीका में 10 पर्सेंट लोग इनकम टैक्स देते हैं। यह कहना बिल्कुल गलत है कि भारत में लोग टैक्स दरें ऊंची होने के चलते टैक्स नहीं देते। इसी दलील के मुताबिक आयकर की दरों में कई बार कमी लाई जा चुकी है, फिर भी आयकर दाताओं का प्रतिशत वहीं अटका हुआ है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि आयकर कठोरता से वसूला जाना चाहिए। लेकिन 1965 से 1999 के बीच आयकर जमा कराने की प्रवृत्ति पर हुए एक अध्ययन से पता चला कि कड़ाई के परिणाम नकारात्मक ही रहे। जाहिर है, आयकर का दायरा बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। लंबे समय से बहस जारी है कि किसानों को आयकर के दायरे में लाया जाए या नहीं।

भारतीय किसान आमतौर पर गरीब हैं, इसलिए उन्हें इससे छूट दी गई है। लेकिन इसका लाभ ज्यादातर फर्जी किसान लेते हैं, जिन्होंने सिर्फ टैक्स बचाने के लिए आय के स्रोत की जगह ‘खेती’ लिख छोड़ा है। इनमें बड़े-बड़े राजनेता, कारोबारी और फिल्म सितारे भी शामिल हैं। जाहिर है, सरकार अगर प्रत्यक्ष कर का दायरा बढ़ाना चाहती है तो उसे कोई दूरदर्शी योजना बनानी होगी। दुनिया के अमीर मुल्कों के समूह ओआईसीडी में आयकर और जीडीपी का अनुपात 34 फीसदी के करीब है। चीन में सन 2014 में यह अनुपात 19 फीसदी था। लेकिन भारत में यह पिछले साल 16.6 प्रतिशत दर्ज किया गया। मोदी सरकार टैक्स के दायरे को बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रही है। लेकिन वह कामयाबी तभी हो पाएगी, जब एक नागरिक के रूप में हम भी टैक्स अदायगी को अपना राष्ट्रीय दायित्व समझें।

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