नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में देश में कौशल विकास परियोजना के तहत वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान डेढ़ करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने का निर्णय किया गया। साथ ही आईआईटी संस्थानों की क्षमता में छह लाख का इजाफा करने और 5,000 से ज्यादा नए आईटीआई स्थापित करने का भी निर्णय किया गया।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन की संचालन परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए। बैठक में मोदी ने मिशन की भविष्य की जरूरतों के हिसाब से कौशल विकास की पहचान करने पर बल दिया ताकि नियुक्ति बाजार में उभरती नई प्रवृत्तियों के बारे में स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को जानकारी मिल सके।
बैठक में कौशल प्रशिक्षण का दायरा बढ़ाने का फैसला किया गया जिससे 2016-17 में कम से कम डेढ़ करोड़ लोगों को कौशल प्रशिक्षण दिया जा सके। इसके अलावा सितंबर 2016 तक केंद्रीय कौशल प्रमाण बोर्ड की स्थापना का फैसला भी किया गया।
साथ ही अगले एक साल में आईआईटी की क्षमता 18.5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने और 5000 नए आईटीआई स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में देश में कौशल विकास परियोजना के तहत वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान डेढ़ करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने का निर्णय किया गया। साथ ही आईआईटी संस्थानों की क्षमता में छह लाख का इजाफा करने और 5,000 से ज्यादा नए आईटीआई स्थापित करने का भी निर्णय किया गया।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन की संचालन परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए। बैठक में मोदी ने मिशन की भविष्य की जरूरतों के हिसाब से कौशल विकास की पहचान करने पर बल दिया ताकि नियुक्ति बाजार में उभरती नई प्रवृत्तियों के बारे में स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को जानकारी मिल सके।
बैठक में कौशल प्रशिक्षण का दायरा बढ़ाने का फैसला किया गया जिससे 2016-17 में कम से कम डेढ़ करोड़ लोगों को कौशल प्रशिक्षण दिया जा सके। इसके अलावा सितंबर 2016 तक केंद्रीय कौशल प्रमाण बोर्ड की स्थापना का फैसला भी किया गया।
साथ ही अगले एक साल में आईआईटी की क्षमता 18.5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने और 5000 नए आईटीआई स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया।