गाजियाबाद
जिले के 100 प्राइमरी और हाईस्कूल जल्द ही स्मार्ट नजर आएंगे। इन सरकारी स्कूलों को मॉडर्न बनाने के लिए पीपी मॉडल पर एनजीओ, बिल्डर्स, पब्लिक स्कूल संचालकों और उद्योगपतियों की मदद ली जाएगी। इस योजना के तहत सबसे पहले लोनी, रजापुर और डासना देहात के 100 सरकारी स्कूलों की सूरत बदली जाएगी। डीएम मिनिस्ती एस. के आदेश पर प्रशासन ने इस ड्रीम प्रॉजेक्ट का रोड मैप तैयार कर लिया है। इस प्रॉजेक्ट पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे।
फर्स्ट फेज में 100 स्कूल होंगे स्मार्ट
शहर में पब्लिक स्कूलों का जलवा है। पढ़ाई के लिए माहौल बनाने और बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में प्राइवेट सेक्टर के स्कूलों ने सरकारी स्कूलों को कोसों पीछे छोड़ दिया है। यही कारण कि देहात में भी ऐसे लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है, जो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों की बजाय प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं। कई सरकारी स्कूल ऐसे भी हैं, जहां न बाउंड्री है, रूम जर्जर अवस्था में हैं, यहां तक कि कई सरकारी स्कूलों में टॉइलट तक की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते जिला प्रशासन पहले चरण में लोनी, रजापुर और डासना देहात एरिया के 100 सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने जा रहा है।
किस ब्लॉक के कितने स्कूल
पहले चरण में लोनी ब्लॉक के 27, रजापुर ब्लॉक के 35 और बाकी डासना देहात के गांवों के सरकारी स्कूल शामिल किए गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत स्कूल प्राइमरी स्कूल हैं, बाकी हाईस्कूल तक चलने वाले स्कूल हैं।
कलरफुल होंगी बिल्डिंग
एडीएम प्रशासन सिंह ने बताया कि टारगेट है कि अगले 6 से 8 महीनों के अंदर इन सभी स्कूलों में इंग्लिश टॉइलट, फर्नीचर, लाइटिंग, कलरफुल बिल्डिंग, नए वॉल बोर्ड, प्ले ग्राउंड, ई-लाइब्रेरी, पंखे और लाइटिंग सिस्टम डिवेलप किए जाएंगे।
क्या होगा फायदा
सरकारी स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण बच्चों को काफी समस्याएं फेस करनी पड़ती हैं। यही कारण है कि पहले प्रशासन स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर ठीक करेगा, इसके बाद एजुकेशन सिस्टम को ठीक किया जाएगा। प्लान है कि स्कूल में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए प्रशासनिक अफसरों के साथ प्राइवेट लोगों की एक मॉनीटरिंग कमिटी बनाई जाएगी। यह कमिटी प्रत्येक स्कूल में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कार्य करेगी।
जिले के 100 प्राइमरी और हाईस्कूल जल्द ही स्मार्ट नजर आएंगे। इन सरकारी स्कूलों को मॉडर्न बनाने के लिए पीपी मॉडल पर एनजीओ, बिल्डर्स, पब्लिक स्कूल संचालकों और उद्योगपतियों की मदद ली जाएगी। इस योजना के तहत सबसे पहले लोनी, रजापुर और डासना देहात के 100 सरकारी स्कूलों की सूरत बदली जाएगी। डीएम मिनिस्ती एस. के आदेश पर प्रशासन ने इस ड्रीम प्रॉजेक्ट का रोड मैप तैयार कर लिया है। इस प्रॉजेक्ट पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे।
फर्स्ट फेज में 100 स्कूल होंगे स्मार्ट
शहर में पब्लिक स्कूलों का जलवा है। पढ़ाई के लिए माहौल बनाने और बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में प्राइवेट सेक्टर के स्कूलों ने सरकारी स्कूलों को कोसों पीछे छोड़ दिया है। यही कारण कि देहात में भी ऐसे लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है, जो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों की बजाय प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं। कई सरकारी स्कूल ऐसे भी हैं, जहां न बाउंड्री है, रूम जर्जर अवस्था में हैं, यहां तक कि कई सरकारी स्कूलों में टॉइलट तक की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते जिला प्रशासन पहले चरण में लोनी, रजापुर और डासना देहात एरिया के 100 सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने जा रहा है।
किस ब्लॉक के कितने स्कूल
पहले चरण में लोनी ब्लॉक के 27, रजापुर ब्लॉक के 35 और बाकी डासना देहात के गांवों के सरकारी स्कूल शामिल किए गए हैं। इनमें 90 प्रतिशत स्कूल प्राइमरी स्कूल हैं, बाकी हाईस्कूल तक चलने वाले स्कूल हैं।
कलरफुल होंगी बिल्डिंग
एडीएम प्रशासन सिंह ने बताया कि टारगेट है कि अगले 6 से 8 महीनों के अंदर इन सभी स्कूलों में इंग्लिश टॉइलट, फर्नीचर, लाइटिंग, कलरफुल बिल्डिंग, नए वॉल बोर्ड, प्ले ग्राउंड, ई-लाइब्रेरी, पंखे और लाइटिंग सिस्टम डिवेलप किए जाएंगे।
क्या होगा फायदा
सरकारी स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण बच्चों को काफी समस्याएं फेस करनी पड़ती हैं। यही कारण है कि पहले प्रशासन स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर ठीक करेगा, इसके बाद एजुकेशन सिस्टम को ठीक किया जाएगा। प्लान है कि स्कूल में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए प्रशासनिक अफसरों के साथ प्राइवेट लोगों की एक मॉनीटरिंग कमिटी बनाई जाएगी। यह कमिटी प्रत्येक स्कूल में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कार्य करेगी।