If You Wnt To Be Rich Then Give Away These 6 Habbits
अमीर बनना है तो इन 6 आदतों से छुड़ाएं पीछा
नवभारतटाइम्स.कॉम15 Sep 2019, 10:55 am
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अमीर बनना है तो इन 6 आदतों से छुड़ाएं पीछा
अधिक खर्च और बेवजह कर्ज लेने से बचना कुछ ऐसी अच्छी आदते हैं, जिनसे दूर रहने से जिंदगी आसान हो सकती है। हालांकि, रुपये-पैसे से जुड़े मामलों की अच्छी समझ रखने वाले लोग भी अक्सर इन आदतों के शिकार हो जाते हैं, जिनसे अंत में उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती है। यहां हम रुपये-पैसे से जुड़ी ऐसी छह आम आदतों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी आर्थिक सेहत पर भारी पड़ सकती हैं।
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बिना रिसर्च शेयर बाजार में कूदना
शेयर बाजार की समझ होने और शेयरों का विश्लेषण करने का समय होने पर ही शेयरों में सीधे निवेश करें। रिटेल इन्वेस्टरों को शेयरों के आसपास भी नहीं फटकना चाहिए। इससे बेहतर होगा कि वे म्यूचुअल फंड में निवेश करें।
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डायवर्सिफिकेशन के लिए कई शेयर और MF खरीदना
एक ही कैटिगरी के बहुत से म्यूचुअल फंडों (MF) या शेयरों में पैसा लगाने से इन्वेस्टमेंट से जुड़ा जोखिम नहीं घटता है। बहुत ज्यादा डायवर्सिफिकेशन करने से फायदा होने की जगह नुकसान हो जाता है।
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इमर्जेंसी के लिए सेविंग्स नहीं होना
अचानक होने वाले खर्च और दूसरी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त बचत करें। अगर आप बड़े शहर में रहते हैं तो आपको कम से कम 5 लाख रुपये का कवर लेना चाहिए। जिन लोगों के डिपेंडेंट हैं, उन्हें अपनी ऐनुअल इनकम के कम से कम 10-15 गुना का शुद्ध रिस्क लाइफ इंश्योरेंस कवर लेना चाहिए।
टैक्स बचाने के उद्देश्य से इंश्योरेंस नहीं लेना चाहिए। इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ अक्सर 'गारंटीड', 'एश्योर्ड' और 'मनी बैक' जैसे शब्द जुड़े होते हैं, लेकिन इनके झांसे में न आएं। इससे आपका केवल पैसा बर्बाद होगा।
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बिना रिसर्च किए बिजनस शुरू करना
अपना फायदा-नुकसान देखने के बाद ही बड़े फैसले करें। सबसे पहले तो देखें कि आप जिस क्षेत्र में जा रहे हैं, उससे जुड़े क्या नियम और कानून हैं? दूसरा, आप खुद के मोर्चे पर देखें कि क्या आपके पास अपने जुनून को पूरा करने के लिए पर्याप्त फंड हैं। इसके बाद ही आगे कदम बढ़ाएं।
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कर्ज को नजरअंदाज नहीं करें
बैंक की ओर से भेजे जाने वाले क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट और एसएमएस अलर्ट्स को कभी नजरअंदाज नहीं करें। क्रेडिट कार्ड के साथ फ्रॉड की घटनाएं अब रोजाना की बात है। किसी भी गैर-अधिकृत ट्रांजेक्शन के मामले में तीन वर्किंग डे के अंदर उसकी रिपोर्ट दर्ज कराएं, जिससे आपके ऊपर कोई जिम्मेदारी नहीं आए।