ब्रह्मोस: दुश्मन के छक्के छुड़ाने में सक्षम, जानें इतिहास
नवभारतटाइम्स.कॉम8 Oct 2018, 6:06 pm
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क्या है ब्रह्मोस?
ब्रह्मोस एक कम दूरी की सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। यह कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरती है और इस तरह से रेडार की आंख से बच जाती है। ब्रह्मोस का पहल सफल लॉन्च 12 जून, 2001 को हुआ था। इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।
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सुखोई और ब्रह्मोस का 'डेडली कॉम्बीनेशन'
दुश्मन की सीमा में घुसकर लक्ष्य भेदने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण अब सुखोई फाइटर जेट से किया जाएगा। ब्रह्मोस मिसाइल आवाज की गति से करीब तीन गुना अधिक यानी 2.8 माक की गति से हमला करने में सक्षम है। फाइटर जेट से मार करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल के इस परीक्षण को 'डेडली कॉम्बिनेशन' कहा जा रहा है।
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दुश्मन के ठिकानों को करेगा ढेर
हवा से जमीन पर मार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल का दुश्मन देश की सीमा में स्थापित आतंकी ठिकानों पर हमला बोलने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मिसाइल अंडरग्राउंड परमाणु बंकरों, कमांड ऐंड कंट्रोल सेंटर्स और समुद्र के ऊपर उड़ रहे एयरक्राफ्ट्स को दूर से ही निशाना बनाने में सक्षम है।
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एमटीसीआर का सदस्य बनने के बाद
जून, 2016 में भारत के 34 देशों के संगठन मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) का हिस्सा बनने के बाद अब मिसाइलों की रेंज की सीमा भी खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब सशस्त्र बल ब्रह्मोस के 450 किलोमीटर रेंज तक मार करने वाले वर्जन के परीक्षण की तैयारी में हैं। एमटीसीआर की सदस्यता मिलने के बाद भारत 300 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइलों को तैयार करने में सक्षम होगा। फिलहाल ब्रह्मोस मिसाइल के हाइपरसोनिक वर्जन को तैयार करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं, जो माक 5 की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम होगी।
12 फरवरी 1998 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल टेक्नॉलजिस्ट डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम और रूस के प्रथम डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर एन.वी. मिखाइलॉव ने एक इंटर-गवर्मेन्टल ऐग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया था। इसके बाद ही ब्रह्मोस बनाने का रास्ता साफ हुआ। इसे भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया था।
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पहला लॉन्च
12 जून 2001 को ब्रह्मोस का पहली बार सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इसका ओडिशा के चांदीपुर तट से टेस्ट-फायर किया गया था।