मास्टरबेशन एक सामान्य प्रक्रिया है और अगर इसे कंट्रोल्ड तरीके से किया जाए तो 'हेल्दी' भी माना जाता है। अगर आप मास्टरबेट करने के लिए पोर्न पर डिपेंड रहते हैं तो कुछ बातें जाननी बहुत जरूरी हैं। सबसे पहले तो पोर्न के साथ आपको हेल्दी रिलेशन रखना जरूरी है क्योंकि यह कई तरीके से आपके जीवन को प्रभावित करता है।
पोर्न देखने की आदत कंट्रोल से बाहर हुई तो स्थिति खराब हो सकती है। पॉर्न अडिक्शन काफी कॉमन है। यह इतनी आसानी से उपलब्ध है कि बिहेवियरल अडिक्शन बन जाता है और आपको पता भी नहीं चलता। इसलिए अगर आप पॉर्न देखकर मास्टरबेट करते हैं तो खुद से ये सवाल पूछने जरूरी हैं...
अगर आपका जवाब न है तो आप अपने शरीर को सिर्फ किसी खास सेक्शुअल कल्पना के लिए ही रिस्पॉन्ड करना सिखा रहे हैं। कई स्टडीज से यह साबित हुआ है कि उत्तेजना के लिए पॉर्न पर आश्रित रहने वालों को असली लोगों, सिचुएशंस से उत्तेजित होने में दिक्कत होती है। इसलिए अपना रूटीन चेंज करें और मास्टरबेशन के लिए पॉर्न पर आश्रित न रहें।
अगर आपका जवाब हां है तो असल जिंदगी के मुद्दों से निपटने का तरीका पोर्न बनता जा रहा है। अगर आप एक्साइटमेंट के लिए पॉर्न देख रहे हैं तो यह ठीक है, लेकिन जीवन में मुश्किल पड़ने पर पॉर्न देखना हेल्दी नहीं है। आपको पॉर्न के बजाय इन समस्याओं से निपटने के लिए हेल्दी तरीका ढूंढ़ना चाहिए।
अगर जवाब हां है तो यह भी दिक्कत की बात है। पॉर्न विडियो से थोड़े-बहुत ट्रिक्स सीखना बुरा नहीं है लेकिन असल जिंदगी में ऐसी एक्सपेक्टेशंस बिल्कुल न पालें। आप जो भी पॉर्न में देखते हैं वह सब कुछ प्लान्ड होता है। इसमें काफी सारी एडिटिंग होती है और इसकी मॉडल्स भी आकर्षक दिखने के लिए शरीर पर काफी पैसा और मेहनत लगाती हैं। यह सिर्फ फिक्शन मूवी की तरह होता है।
कई पॉर्न से यह मेसेज जाता है कि पुरुषों को खुश करना महिलाओं का काम है क्योंकि पॉर्न की शुरुआत पुरुषों के मनोरंजन के लिए ही हुई थी। पॉर्न में कई ऐक्ट्स जो काफी अपीलिंग लगते हैं जरूरी नहीं के वे रीयल लाइफ में उतना अच्छा एक्सपीरिएंस दें। इसलिए रील और रियल के फर्क को समझें।
जी हां, पॉर्न विडियोज में कपल्स को सेफ्टी यूज करते नहीं दिखाया जाता। इससे ऐसा लग सकता है कि सेफ्टी यूज करने से एंजॉय कम हो जाता है। असल जिंदगी में सामने वाले की मर्जी और सेफ्टी बेहद जरूरी हैं। इसलिए इन विडियो को सिर्फ एंजॉय तक ही रखें।