Lifestyle Spend Your Family Vacation At These Lesser Known Places
भीड़भाड़ से दूर इन जगहों पर परिवार संग बिताएं गर्मी की छुट्टियां
नवभारतटाइम्स.कॉम10 Oct 2018, 3:56 pm
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हिमाचल-उत्तराखंड के इन पर्यटन स्थलों की करें सैर
गर्मी की छुट्टियों में अगर उत्तराखंड या हिमाचल प्रदेश जाने का प्लान बना रहे हैं तो फेमस हिल स्टेशन्स की बजाए उन जगहों पर जाएं जो बेहद खूबसूरत हैं, लेकिन अभी वहां पर्यटकों की ज्यादा भीड़ नहीं पहुंचती। ये जगहें आपके मन को भा जाएंगी। लोगों में इन जगहों के बारे में आमतौर पर जानकारी का अभाव है। अगर आप कम पैसे में बेहतरीन फैमिली ट्रिप के बारे में सोच रहे हैं तो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के इन पर्यटन स्थलों की सैर पर जा सकते हैं...
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चकराता: प्रकृति प्रेमियों की सैरगाह
यह छोटा और सुंदर पहाड़ी नगर है, जहां आप प्रकृति की खूबसूरती का जमकर लुत्फ उठा सकते हैं। चकराता को शांतिपसंद लोगों के लिए उनके 'सपनों का नगर' कहा जाता है।
क्या है खास: कैम्पिंग, राफ्टिंग, ट्रेकिंग, सनसेट पॉइंट, वॉटरफॉल, रैपलिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, हॉर्स राइडिंग के अच्छे विकल्प मौजूद हैं।
क्या देखें: टाइगर फॉल, लाखमंडल, मोइगड झरना, कानासर, रामताल गार्डन, देव वन।
कब जाएं: मार्च से जून और अक्टूबर से दिसंबर के बीच यहां जाना बेस्ट है। सर्दियों में यहां बहुत ठंड पड़ती है।
कैसे जाएं: दिल्ली से चकराता करीब 320 किलोमीटर दूर है और यहां पहुंचने में 7 घंटे लगते हैं। नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून और नजदीकी एयरपोर्ट जौलीग्रांट है जहां से बस या टैक्सी ली जा सकती है।
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टिहरी: जलसमाधि ले चुका एक शहर
चारों तरफ से पहाड़ों से घिरी यह जगह बेहद सुंदर और आकर्षक है। प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा यह जगह धार्मिक स्थलों के लिए भी दुनिया भर में प्रसिद्ध है। गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए यह अच्छी जगह है।
क्या है खास: जेट स्कीइंग, वॉटर जॉर्बिंग, राफ्टिंग, बोटिंग, ट्रेकिंग के लिए यह फेवरिट जगह है।
क्या देखें: टिहरी डैम, सेम मुखेम मंदिर, चंद्रबदनी मंदिर, चंबा, बूढ़ा केदार मंदिर, कैम्पटी फॉल, देवप्रयाग आदि।
कब जाएं: मार्च से जून और अक्टूबर से दिसंबर के बीच यहां जाना सही रहता है।
कैसे जाएं: दिल्ली से 350 किलोमीटर दूर है टिहरी और यहां पहुंचने में 9 घंटे लगते हैं। नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्रांट है, नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश।
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लैंसडाउन: हसीन वादियों से घिरा स्वर्ग
यह उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। दूसरे हिल स्टेशनों के मुकाबले यहां पर प्रकृति को उसके अनछुए रूप में देखा जा सकता है। यहां की प्राकृतिक छटा सम्मोहित करने वाली है। मौसम पूरे साल सुहावना बना रहता है। हर तरफ फैली हरियाली आपको एक अलग दुनिया का अहसास कराती है।
क्या है खास: कैंपिंग, बोट राइड, स्नो व्यूपॉइंट, सनसेट पॉइंट, नेचर वॉक, जंगल सफारी के लिए अच्छी जगह है।
क्या देखें: गढ़वाल राइफल्स वॉर मेमोरियल, रेजिमेंट म्यूजियम, गढवाली मेस, कन्वाश्रम, तारकेश्वर महादेव मंदिर, भुल्ला झील, सेंट मेरी चर्च घूमने लायक जगहें हैं।
कब जाएं: मार्च से लेकर नवंबर तक यहां का मौसम सुहावना रहता है।
कैसे जाएं: दिल्ली से 300 किलोमीटर दूर है और पहुंचने में लगभग 9 घंटा लगते हैं। जौलीग्रांट हवाई अड्डा सबसे नजदीक है। कोटद्वार रेलवे स्टेशन लैंसडाउन का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है।
उत्तराखंड में हिमालय की गोद में बसा चोपता हरी-भरी घासों और सदाबहार जंगलों से ढका हुआ है। इसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है। कम भीड़-भाड़ पसंद करने वाले लोगों के लिए चोपता किसी जन्नत से कम नहीं। यह ट्रेकर्स और सामान्य पर्यटक, दोनों को एक अलग और सुखद अनुभव का अहसास करता है।
क्या है खास: कैंपिंग, ट्रेकिंग, स्कीइंग, राफ्टिंग, माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, क्लाइंबिंग जैसी गतिविधियों के लिए यह खास है।
क्या देखें: देवरी ताल, चन्द्रशिला, तुंगनाथ मंदिर, ऊखीमठ, केदारनाथ वन्यजीव अभ्यारण्य, चंद्रशिला चोटी, देवरिया ताल आदि।
टूरिस्ट सीजन : मई से जुलाई और सितंबर से नवंबर के महीनों के दौरान यहां का मौसम बड़ा ही शानदार, शांत और सुहावना रहता है।
कैसे जाएं: दिल्ली से 412 किलोमीटर दूर है और पहुंचने में 11 घंटे लगते हैं। यहां पहुंचने के लिए आपको देहरादून और ऋषिकेश से होकर जाना होगा। ऋषिकेश से गोपेश्वर होकर या ऋषिकेश से ऊखीमठ होकर भी आप जा सकते हैं। (तस्वीर साभार: विकीपीडिया)
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पालमपुर: शांत सैरगाह
हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में स्थित पालमपुर एक शांत सैरगाह है। ऊंची पहाड़ियों पर चीड़ और देवदार के जंगलों की हरियाली इस स्थान को एक अलग भव्यता प्रदान करती है। इसके आसपास फैले चाय के बड़े-बड़े बागान इसकी खासियत हैं। हरियाली भरे इन बागानों में घूमना और पत्तियां चुनते हुए फोटो खिंचवाना हर सैलानी को पसंद आता है।
क्या है खास: पैराग्लाइडिंग, घुमक्कड़ी, कांगड़ा घाटी रेलवे की ट्रेन का मनमोहक सफर इस यात्रा को यादगार बना देता है।
क्या देखें: न्यूगल पार्क, विंध्यवासिनी मंदिर, घुघुर, लांघा, गोपालपुर, आर्ट गैलरी घूमने की अच्छी जगहें हैं।
टूरिस्ट सीजन: वैसे तो पालमपुर कभी भी जाया जा सकता है, लेकिन मार्च से जून तक और सितंबर से नवंबर तक का मौसम घूमने के लिए अच्छा है।
कैसे जाएं: दिल्ली से 500 किलोमीटर दूर है और पहुंचने में 10 घंटे लगते हैं। पालमपुर का नजदीकी हवाई अड्डा गग्गल और नजदीकी रेलवे स्टेशन मारंडा है। पालमपुर दिल्ली, अंबाला, लुधियाना, चंडीगढ़, अमृतसर, पठानकोट आदि शहरों से सड़क मार्ग से सीधे जुड़ा है।
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नारकंडा: भीड़भाड़ से दूर
शिमला से तकरीबन 70 किमी की दूरी पर स्थित है नारकंडा। यह एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। नारकंडा में बर्फ से ढंके हिमालय के पर्वत और तलहटी पर हरे-भरे जंगल पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। इस खूबसूरत हिल स्टेशन पर आपको अन्य जगहों के मुकाबले कम भीड़ देखने को मिलेगी।
क्या है खास: ट्रेकिंग, कैंपिंग, स्कीइंग आदि के लिए यह बहुत प्यारी जगह है।
क्या देखें: हाटु मंदिर, हाटु पीक, महामाया मंदिर, थानेदार, अमेरिकी सेबों का बागान, मंदोदरी का मंदिर आदि।
टूरिस्ट सीजन: गर्मी का मौसम नारकंडा घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम है।
कैसे जाएं: दिल्ली से यह 406 किलोमीटर दूर है और यहां पहुंचने में 9 घंटे लगते हैं। नई दिल्ली और शिमला के अलावा, नारकंडा के लिए नियमित रूप से बसें रामपुर और किन्नौर जैसे अन्य शहरों से भी उपलब्ध हैं।
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सोलन: घने जंगलों से झांकता शहर
हर कोई शिमला जाना चाहता है, लेकिन वहां भीड़ बहुत है। ऐसे में सोलन बेहतर विकल्प हो सकता है। सोलन घने जंगलों से घिरा होने के कारण पर्यटकों को खूब लुभाता है।
क्या कर सकते हैं: समय है तो मशरूम की खेती, समय नहीं है तो ट्रेकिंग आदि
घूमने की जगहें : मतिउल, कारोल चोटी, कंडाघाट, कसौली, चैल और दगशाई, कारोल पर्वत के ऊपर की गुफा, युंगडरुंग तिब्बती मठ, गोरखा फोर्ट और जाटोली शिव मंदिर।
कैसे जाएं: दिल्ली से 300 किलोमीटर, समय- 6 घंटे। चंडीगढ़ करीबी हवाई अड्डा है। यह सोलन से 67 किलोमीटर दूर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन कालका है, जो सोलन से 44 किलोमीटर दूर है।
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यात्रा के वक्त इन बातों का रखें ध्यान
घूमने लायक जगह का चुनाव: जिन-जिन जगहों पर आपको जाना है, उनका चयन पहले से कर लेना बेहतर रहेगा। इससे समय और पैसे की बचत होती है और आप अनावश्यक भटकाव से बचते हैं।
लिस्टिंग: सफर के दौरान जिन चीजों की आवश्यकता हो सकती है उनकी एक लिस्ट बना लें। अनावश्यक बोझ बढ़ाने से बचें।
टूरिस्ट स्पॉट की सही जानकारी: जहां आपको घूमने जाना है, वह कहां है और आप वहां तक कैसे पहुंचेंगे, इनसे संबंधित जानकारियां आपके पास पहले से होनी चाहिए। इससे आपका समय और पैसा बचता है।
रिजर्वेशन: आपकी यात्रा सुखद और आरामदेह हो, इसके लिए रिजर्वेशन का होना जरूरी होता है। अगर किसी कारणवश नहीं हो पाता है तो विकल्पों के बारे में पहले से सोचकर चलें।
होटल बुकिंग: होटल बुकिंग पहले से करा लें तो बेहतर रहेगा क्योंकि गर्मी की छुट्टियों में ज्यादातर पर्यटक हिल स्टेशन्स पर ही जाते हैं तो भीड़ बढ़ जाती है।