Lifestyle Various Reasons Why Banarasi Saree Made A Comeback
बनारसी साड़ी की वापसी, वजह फिल्म और टीवी तो नहीं!
नवभारतटाइम्स.कॉम10 Oct 2018, 11:58 am
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फिर लौट आया है बनारसी साड़ियों का क्रेज
बनारसी साड़ी का फैशल एक बार फिर लौटकर वापस आ गया है और इसे काफी पसंद किया जाने लगा है। फिल्मों से लेकर पर्सनल लाइफ तक, त्योहारों से लेकर खास मौकों तक बनारसी साड़ियों का क्रेज एक बार फिर लौट आया है। सिर्फ साड़ियां ही नहीं बल्कि इस खास फैब्रिक से बनी कई डिफरेंट ड्रेसेज को भी लेडीज काफी पसंद कर रही हैं। आगे की स्लाइड्स में जानें, कि आखिर क्या वजह है बनारसी साड़ियों की फिर से मार्केट में अपनी जगह बनाने की...
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फिल्म और सीरियल तो नहीं है वजह
इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में बनारस के रंग ढंग और संस्कृति को खास अहमियत दी जा रही है। संजय लीला भंसाली की फिल्म 'बाजीराव-मस्तानी' में बनारसी फ्रैबिक का जलवा पूरी तरह नजर आया। दीपिका ने फिल्म में 'कतान' साड़ियों को पहना था, जिसे तांबे की जरी से डिजाइन किया गया था तो वहीं काशी बाई बनीं प्रियंका चोपड़ा भी बनारसी साड़ी में नजर आयीं थीं। भंसाली की आने वाली फिल्म 'पद्मावती' में भी दीपिका ने बनारसी साड़ी पहनी है। यही नहीं, कंगना की आने वाली फिल्म 'मणिकर्णिका' में भी वह तकरीबन पूरी फिल्म में बनारस की तीन वरायटी नेट, कतान और टिशू की साड़ी में नजर आएंगी। इसके अलावा हाल ही में हेमा मालिनी की बायॉग्रफी के लॉन्च के मौके पर भी दीपिका पादुकोण ने लाल रंग की बनारसी साड़ी पहनी थी। फिल्मों के अलावा, रॉयल टच पाने के लिए सीरियल्स में भी बनारसी फैब्रिक को खूब यूज किया जा रहा है।
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कैजुअल्स में भी बनारसी रॉयल टच
फैशन एक्टपर्ट रेनू गुप्ता के मुताबिक, 'यह साल और अगला साल बनारसी फैब्रिक के नाम रहेगा। शादी की ड्रेस में तो यह पहले भी था, लेकिन अब इसने कैजुअल्स में भी जगह बना ली है। बनारसी सिल्क से तैयार ब्राइडलवेअर, शेरवानी और जैकेट्स भी पसंद किए जा रहे हैं। यही नहीं, स्कर्ट और पलाजो में भी बनारसी सिल्क की धूम मची है। इस फैब्रिक से अब कई फैंसी ड्रेसेज भी बनाई जा रही हैं, जो गर्ल्स को खूब भा रही हैं।' रेनू बताती हैं कि इसे पसंद किए जाने की खास वजह इसमें बूटी मोटिफ का काम है। इससे साड़ी के बॉर्डर या मुख्य भाग को कवर किया जाता है। बूटियों में छोटे-छोटे तस्वीरों की आकृति के अलग-अलग पैटर्न में 2-3 रंगों के धागों की मदद ली जाती है। अगर 5 धागे मिक्स हो तो इसे पचरंगा (जामेवार) कहा जाता है और जब बूटी की आकृति बड़ी कर दी जाए तो यह बूटा मोटिफ का रूप ले लेता है, जो रॉयल लुक देता है।
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बनारसी साड़ी में जापानी आर्ट
भारत में ही नहीं बल्कि अब इस फैब्रिक की डिमांड जापान में भी होने लगी है। इसी के चलते जापान ने भारत से हाथ मिलाया है। इसके लिए हाल ही में एक कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें जापान के फैब्रिक इंडस्ट्री के दो एक्सपर्ट इंडिया आए। अब यहां के हैंडीक्राफ्ट फैब्रिक से तैयार चीजें जापान के लिए निर्यात की जाएंगी। जापानी दल के सदस्यों ने इस कार्यशाला में बनारस के बुनकरों और साड़ी व्यवसायियों से मिलकर बनारसी फैब्रिक में जापानी आर्ट बनाने की मांग की।
मरमेड स्टाइल: इसमें आपको साड़ी को घुटने के पास से टाइट रखना होता है और नीचे की ओर से घेरा नजर आता है। महिलाएं इस स्टाइल को ब्राइट कलर्स के साथ आजमा रही हैं।
लहंगा स्टाइल लुक: इन दिनों लहंगा स्टाइल साड़ियों का भी काफी क्रेज दिख रहा है। अधिकांश शादी समारोह में युवतियां इस स्टाइल को काफी लाइक कर रहीं हैं।
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यूं पहचानें असली है या नहीं?
असली बनारसी साड़ी के पल्लू में हमेशा 6-8 इंच लंबा प्लेन सिल्क फैब्रिक होता है। असली बनारसी साड़ी पर बने डिजाइन भी पारंपरिक होते हैं। अगर आपकी बनारसी साड़ी पर मुगल पैटर्न से प्रेरित अमरू, अंबी और दोमक जैसे पैटर्न हैं तो इसका मतलब है आपके पास असली बनारसी साड़ी है। रेशम की साड़ियों पर बनारस की बुनाई और जरी का डिजाइन मिलाकर तैयार की गई साड़ी को बनारसी रेशमी साड़ी कहते हैं। इनके ऊपर तरह-तरह की डिजाइनिंग की जाती है जिन्हें मोटिफ कहते हैं लेकिन कुछ पंरपरागत मोटिफ (बूटी, बूटा, कोनिया, बेल, जाल और जंगला, झालर)आज भी अपनी अलग पहचान के साथ फैशन के एवरग्रीन लिस्ट में शामिल है।