29 साल की उम्र बहुत नहीं होती, और खासतौर से संन्यास लेने के लिए तो बिलकुल भी नहीं होती। लेकिन, जो दुनिया के अनकहे रिवाजों से चले, वह मेसी भी तो नहीं होता। अपने खेल की हर अदा से दुनिया को स्तब्ध कर देने वाले आर्जेन्टीना के स्टार फुटबॉलर लियोनल मेसी ने अपने करियर के शिखर पर जब संन्यास का ऐलान किया, तो इस बार भी पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई। क्लिक करके जानिए मेसी से जुड़ी कुछ रोचक बातें और समझिए कि क्यों फुटबॉल की दुनिया में अब कोई दूसरा मेसी पैदा नहीं होगा...
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क्योंकि मेसी हर बार नहीं बनते...
इटालियन ओरिजिन के अत्यंत साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले मेसी जैसे बस फुटबॉलर बनने के लिए ही पैदा हुए थे। परिवार का खर्च चलाने में सहयोग देने के लिए वह छोटी उम्र में ही फुटबॉल की कोचिंग भी देने लगे थे।
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क्योंकि मेसी हर बार नहीं बनते...
जब वह 11 साल के थे, तब उनको ग्रोथ हॉरमोन से जुड़ी एक बीमारी हो गई। डॉक्टरों ने कहा कि इलाज नहीं किया गया तो उनके शरीर का विकास ही रुक जाएगा। उनके इलाज का हर महीने का खर्चा था 900 डॉलर (करीब 61 हजार रुपये)। जो कि उनके परिवार के लिए उठाना असंभव था।
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क्योंकि मेसी हर बार नहीं बनते...
तब स्पेन के बार्सिलोना क्लब ने इलाज का खर्च उठाया। मेसी के पिता जॉर्ज परिवार सहित स्पेन आ गए। क्लब ने उनका इलाज कराया। अब मेसी के सामने सवाल यह था कि वह स्पेन में रहेंगे या आर्जेन्टीना लौट जाएंगे। 14 वर्षीय मेसी ने तय किया कि वह स्पेन में रहकर प्रफेशनल फुटबॉलर बनेंगे। उनका कहना था कि इस क्लब ने मेरे लिए इतना किया, अब मुझे लौटाना है।
मेसी का इलाज भी बहुत तकलीफदेह था, लेकिन वह डटे रहे। वह रोज रात खुद अपनी जांघों पर हॉरमोन का इंजेक्शन लगाते। 7 दिन एक पैर में तो अगले 7 दिन दूसरे पैर में। यह सिलसिला 3 साल तक चला और इतने इलाज के बावजूद उनका कद उनके साथियों से छोटा ही रहा।
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लेकिन उन्होंने इस छोटे कद का इतनी खूबी से उपयोग किया कि यही उनकी ताकत बन गया। मेसी ने खुद को फुटबॉल में झोंक दिया। वह बार्सिलोना-बी टीम का हिस्सा थे। वह सभी खिलाड़ियों से पहले मैदान पर पहुंचते और पूरी टीम के जाने के बाद ही लौटते। छोटा कद होने के कारण हेडर करने के मामले में वह पीछे रह जाते, लेकिन यही कद उन्हें दूसरे खिलाड़ियों की तुलना में ज्यादा फुर्तीला बनाता गया और वह विरोधियों को छकाने लगे।
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क्योंकि मेसी हर बार नहीं बनते...
धीरे-धीरे मेसी का जादू ऐसा चला कि ऐसा लगने लगा कि उनके रहते हुए उनकी टीम को हराया ही नहीं जा सकता। एक बार एक टूर्नमेंट में उन्हें हिस्सा लेना था, लेकिन गलती से वह खुद को बाथरूम में लॉक कर बैठे। हाफ टाइम तक उनकी टीम 1-0 से पीछे थी। तब मेसी बाथरूम की खिड़की का शीशा तोड़कर मैदान पर पहुंचे और उसके बाद उनकी टीम ने वह मैच 3-1 से जीत लिया। टीम की तरफ से तीनों गोल मेसी ने ही किए थे।
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बार्सिलोना के साथ मेसी का पहला कॉन्ट्रैक्ट एक पेपर नैपकिन पर तैयार किया गया था। एफसी बार्सिलोना स्पोर्टिंग डायरेक्टर कार्ल्स रेक्सेक मेसी की स्किल्स से इस कदर प्रभावित थे कि वह जल्द से जल्द कॉन्ट्रैक्ट तैयार करवा लेना चाहते थे। ऐसे में जब आस-पास कोई पेपर नहीं मिला तो उन्होंने पेपर नैपकिन पर ही कॉन्ट्रैक्ट तैयार कर लिया।
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क्योंकि मेसी हर बार नहीं बनते...
मेसी की फुटबॉल स्किल्स का ही जादू था कि बार्सिलोना ने उनके मेडिकल बिल्स पे करने का ऑफर दिया और इस वजह से उनकी फैमिली स्पेन शिफ्ट हो गई और मेसी ने क्लब साइन किया। तब मेसी की उम्र बस 13 साल थी।
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मेसी ने 2005 में पहला इंटरनैशनल डेब्यू किया, और वह आर्जेन्टीन की तरफ से खेले। सब्स्टिट्यूट प्लेयर के तौर पर उनका यह डेब्यू बस 47 सेकंड ही रहा, क्योंकि इसके बाद उन्हें रेड कार्ड दिखा दिया गया।
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इसके बाद उन्होंने 113 मैचों में आर्जेन्टीना का प्रतिनिधित्व किया। 2008 में पेइचिंग ओलिंपिक्स में उन्होंने अपने देश को गोल्ड मेडल जिताया।
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2008 में ही एक और महान फुटबॉलर रोनाल्डिन्हो से ही मेसी को नंबर 10 की जर्सी मिली।
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मेसी ने दुनिया के बेस्ट फुटबॉलर को मिलने वाली बैलन डी ओर ट्रोफी 5 बार जीती।
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मेसी को स्पेन की नैशनल टीम में शामिल होने का ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया।
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क्योंकि मेसी हर बार नहीं बनते...
अपनी गति और चपलता के चलते मेसी का एक निकनेम 'द फ्ली' भी पड़ा।
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वजह कोई भी हो, लेकिन अगर बार्सिलोना मेसी के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म करता है तो उसे 330 मिलियन डॉलर (करीब सवा दो हजार करोड़ रुपये) का हर्जाना देना होगा।
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न केवल उनके फैन, बल्कि खुद महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना भी कह चुके हैं कि मेसी उनकी तरह खेलते हैं।
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मेसी बचपन से ही बहुत शर्मीले स्वभाव के रहे हैं। आज भी उनके लिए फोन पर बात करना मुश्किल होता है। इसी वजह से वह जरूरी बातों के लिए ज्यादातर एसएमएस का ही सहारा लेते हैं।
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हर बार गोल करने के बाद मेसी अपने दोनों हाथ हवा में उठा देते हैं। ऐसा वह अपनी ग्रैंडमदर को थैंक्यू कहने के लिए करते हैं, जिनके वह बहुत करीब थे। मेसी जब 10 साल के थे, तब वह गुजर गई थीं। मेसी मानते हैं कि वह आसमान से उनका खेल देख रही हैं।